हम बात करते हैं 2014 की, लीग के पहले सीजन में 10 रेडरों में प्रत्येक ने 100 या इससे अधिक अंक अर्जित करने में सफ़लता पाई। सीजन 4 के लिए फास्ट फॉरवर्ड, केवल तीन खिलाड़ी ही ऐसा करने में कामयाब रहे। यह इस बात की तरफ़ इशारा करता है कि गेम और लीग पूरी तरह से कैसे बदल गई है। अब टीमों को अपने डिफेन्स के लिए के लिए ध्यान देना होता हैं, यह महसूस करते हुए कि एक ठोस नींव उन्हें अच्छी स्थिति में रखेगी क्योंकि खेल में अब बदलाव के साथ साथ तेज़ी देखी जा रही हैं। बार-बार हमने देखा है कि एक अल्ट्रा-आक्रमण करने वाला दृष्टिकोण केवल अल्पकालिक लाभ देता है। एक लम्बे अन्तराल से देखा जा रहा है कि अच्छे डिफेन्स के साथ टीम को हमेशा अधिक मौकों पर जीत हासिल करने का बेहतर मौका मिलता है। चलिए हम जानते है कि इस सीज़न में पांच टीमों के बारे में जिनके पास सबसे मजबूत डिफेन्स है। दबंग दिल्ली बीते वक़्त को भुलाकर और पिछले कुछ सीजन के कठिन दौर से उबरकर इस बार सीजन 5 में दिल्ली दबंग सबसे मजबूत डिफेन्स के साथ उतरने वाली हैं। विली ओल्ड फॉक्स, बंगाल वारियर्स के लिए पिछले सीजन में तालिका में आखिरी स्थान के साथ सफ़र का अंत करने वाले नीलेश शिंदे, इस बार दबंग दिल्ली की ओर से बैकहैंड में नेतृत्व करेंगे और साथ ही अपनी अटैकिंग, उग्रता को बरक़रार रखते हुए दिल्ली को इस सीज़न में एक मजबूत डिफेन्स प्रदान करेंगे। शिंदे ने अभी तक बीते सीजनों में अच्छे प्रदर्शन की बदौलत ट्रेकल पॉइंट्स की शतक लगा दी हैं और उनके पास जो अनुभव है वह टीम को अच्छी सहायता करेगा। वहीँ दूसरी ओर बाजीराव होडगे दिल्ली में एक और मशहूर डिफेंडर है, जिन्हें अभी तक उनकी वास्तविक क्षमता का एहसास नहीं हुआ है और वह इस सीजन में अच्छे प्रदर्शन के लिए उत्साहित होंगे। वहीँ ईरानी टीम के खिलाड़ी मिराज़ शेख, दिल्ली में एक ऑलराउंडर की रूप में अपनी उपलब्धता दर्ज करेंगे, शेख के बारे में कहा जाये तो पिछले सीजनों में देखा गया हैं कि वह मेट के दोनों तरफ़ प्रतिद्वंदियों पर हावी रहते हैं, यह सीजन दिल्ली के लिए बहुत उम्मीदों भरा हैं। पटना पाइराइट्स पाइराइट्स इस सत्र में एक यादगार उपलब्धि हासिल करने के लिए मेट पर उतरेगी, पिछले दो संस्करणों को जीतने के बाद इस बार भी पाईरेट्स जीत के साथ ट्रॉफियों की हैट-ट्रैक लगाने के लिए तैयार रहेंगे, हालाकिं इस सीजन में उन्हें काफ़ी कठिन चुनौतियों का सामना करना होगा लेकिन पटना में इन कठिन चुनौती को पार करने के लिए सही गोला-बारूद है। जिनमें अगर बात की जाये तो सचिन शिंगाडे का नाम सबसे उपर हैं शिंगाडे ने पाईरेट्स के लिए सीज़न4 में 44 ट्रेकल पॉइंट अर्जित कर सीजन के पांचवें सर्वश्रेष्ठ डिफेंडर बने। पिछली बार सीजन में दिल्ली के लिए भूलने को शिंगाडे का वह प्रदर्शन जिसकी बदौलत दिल्ली धराशायी हो गयी थी। अपनी आक्रामकता के साथ साथ सूक्ष्म दृष्टिकोण रखने वाले शिंगाडे ने लीग में कई मौकों पर सीजन के अन्य श्रेष्ठ रेडरों से बेहतर प्रदर्शन किया। उनके कप्तान इस सीजन में, विशाल माने एक और विश्वस्तरीय डिफेंडर है, जो अपने प्रदर्शन की धार पर अपनी अलग पहचान बनाकर रखे हुए हैं। परन्तु पिछले सीजन में माने का प्रदर्शन फ़ीका रहा और वह तालिका में निचले क्रम में रहे, लेकिन बुद्धिमान भी जानते हैं कि वह व्यवसाय में सर्वश्रेष्ठ में से एक है। इस बार पटना दो आक्रामक और आत्मविश्वास डिफेन्डरों के साथ उतरेगी और दोनों ही इस बार पटना के लिए रीढ़ की हड्डी का कार्य करेंगे। पुनेरी पलटन दो बार लगातार तीसरे स्थान पर रहने वाली पुणे की महत्वाकांक्षा के लिए ये सीजन काफ़ी महत्वपूर्ण है। और यह महाराष्ट्रीयन टीम इस समय चारों ओर से एक कदम आगे बढ़ाने के लिए बेताब है। धरमराज चेरलाथान, गिरीश एरन्नक और संदीप नरवाल की तिगड़ी पुणे के डिफेन्स की मजबूत इकाई हैं, जो अपने गेम प्लान में अनिश्चितता सुनिश्चित करेंगे। धर्मराज की बात की जाये तो वह युवा और प्रतिभाशाली पक्ष को एकजुट करेगा। और जबकि गिरीश ने अभी तक सुर्खियां नहीं छींनी, न ही सुर्खियों पर कब्जा किया पर वह लगातार अच्छे प्रदर्शन की दम पर पलटन के अच्छे डिफेंडरों में जाने जाते है जो अपनी चपलता से डिफेन्स को प्रभावी रखते है। ठीक इसके विपरीत, संदीप नरवाल ने पिछले सीजन में एक प्रभावशाली प्रदर्शन की बदौलत 40 अंकों को प्राप्त किया, नरवाल पलटन के लिए डिफेन्स में मुख्य रूप से कार्य करेंगे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे भारी विरोध पर हमला कर सकते हैं। तीन प्रतिभावान रक्षकों के साथ पलटन को इस सीजन से काफ़ी उम्मीदें है। हरियाणा स्टीलर्स इस प्रेम कहानी का कोई अंत नहीं है। मोहित चिल्लर और सुरेंद्र नाडा एक साथ फिर से खेलेंगे। पूरा रक्षात्मक युगल आना मुश्किल है लेकिन चिल्लर और नाडा एक-दूसरे की तरह एक दूसरे को समझते हैं। यह लगभग स्थिति ऐसी है कि जैसे उनके पास टेलिपाथिक शक्तियां हैं यदि उनमें से कोई अचानक गलती करता है, तो दूसरा उस गलती को मिटाने के लिए आसपास रहता है। लीग में दो सर्वश्रेष्ठ कोनों पर एक दुसरे के साथ बने हुए है। मोहित किनारे पर घुसपैठ रखने वाले रेडर के लिए बहुत बड़ा खतरा है वह अधिक सक्रिय रक्षक है। वहीँ दूसरी ओर, नाडा, धैर्य रखता है और विपक्ष के लिए एक गलती करने की प्रतीक्षा करता है। दोनों के अपने दृष्टिकोण पूरी तरह से अलग हैं, फिर भी यह अच्छे परिणाम पैदा करता है। 21 साल की उम्र के रक्षकों में नीरज कुमार इस सीजन में अपनी शुरुआत कर रहे हैं, उम्मीद है कि मोहित और सुरेंद्र हरियाणा को कुछ ज्यादा आवश्यक अनुभव देंगे। उत्तर प्रदेश संभावित रूप से लीग में सबसे ज्यादा अंडररेड रक्षा रखने वाली टीम उत्तर प्रदेश ने कुछ चतुर रक्षात्मक करार किए और एक ठोस नींव के साथ अपनी शुरुआत की। पूर्व में यू मुंबा टैंक, जीवा कुमार बैकलाइन का नेतृत्व करेंगे। उनके संरक्षण में गुरविंदर सिंह, हादी ताजिक और संतोष बीएस की अनन्त त्रिकोणीय तिकड़ी से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद करेंगे। अन्य मशहूर रक्षकों के विपरीत यह, इस सीजन में अपने प्रदर्शन के बदौलत नाम बनाने की कोशिश करेंगे। जीवा के अलावा, उत्तर प्रदेश के लिए राजेश नरवाल भी एक और अनुभवी खिलाड़ी है। इस सीजन में नरवाल पर ऑल राउंडर के रूप में अतिरिक्त डिफेन्स की महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी भी रहेगी, इस टीम के रेडर विभाग में ऋषंक देवदीग और नितिन तोमर होंगे। लेखक: सोमेश चंद्रन अनुवादक: मोहन कुमार