जब बात कबड्डी और क्रिकेट की आती है, तो ऐसे बहुत कम कई एथलीट होते हैं जो इन दोनों की तुलना में देखने के मामले में अधिक सम्मोहक लगें। मनजीत और विराट दोनो ऐसे खिलाड़ी हैं जो खेल खेलते समय कुछ पछतावा नहीं दिखाते हैं। ऐसे युग में जहां कूटनीति खेल का नाम है, इनमे से दोनों ही कभी भी अपनी भावनाओं को खुले तौर पर व्यक्त करने में संकोच नहीं करते।कई बार, कोहली और चिल्लर अपने दृष्टिकोण में अति उत्साही हो सकते हैं लेकिन वे इस पद्धति के तहत कामयाब भी हुए हैं। खेल के समय ऐसा लग सकता है कि वे किनारों पर हैं, फिर भी अधिकांश अवसरों पर वे अपने भाग्य के दृढ़ नियंत्रण में रहते हैं। यदि किसी भी समय पर अगर आपको ऑल-स्टार टीम चुननी होती है, तो इन दोनों को ही आप बिना आंख झपके चुनना चाहेंगे। इनके आंकड़े खुद ही इनके लिये बाते करते हैं और किसी ने सच कहा है " नंबर झूठ नहीं है।"