प्रो कबड्डी लीग के आगामी सीज़न में चार नई टीमों के साथ अब यह भारत की सबसे बड़ी स्पोर्टिंग लीग है। चूंकि प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) के इस वर्ष होने वाले पांचवें सत्र के लिए चार नई टीमों को इसमें शामिल किया गया है, नई फ्रैंचाइजी खेल की लोकप्रियता को विशाल प्रशंसक आधारों और संभावित व्यावसायिक मूल्यों को ध्यान में रखते हुए लीग से जुड़ी। अब यह सत्र 12 टीमों, 130 से ज्यादा मैचों और 13 सप्ताह के मुकाबलों के साथ ज्यादा बड़ा और भव्य हो गया है। लीग में इससे पहले तक चार संस्करणों में 8 टीमें खेला करती थीं लेकिन अब चार नई टीमों को जोडऩे के साथ इसमें कुल 12 टीमें होंगी। टूर्नामेंट 13 सप्ताह तक चलेगा और इसमें 130 से ज्यादा मैच होंगे। चार नई टीमों को शामिल करने के बाद यह देश की सबसे ज्यादा टीमों की खेल लीग होने के अलावा सबसे लंबी अवधि तक चलने वाली लीग भी बन गई है। इसके परिणामस्वरूप, यह अब अन्य भारतीय खेल लीग को पीछे छोड़ने के लिए तैयार है क्योकिं अगर भौगोलिक प्रतिनिधित्व की बात की जाये तो इस लीग में 11 राज्यों के कुल 12 फ्रेंचाइजी, 13 हफ्तों में 130 से ज्यादा मैच खेल रहे हैं, और ये आकड़े लीग की लोकप्रियता साबित करने के लिए जाते हैं। लीग में शामिल होने वाली चार नई टीमें तमिलनाडु, गुजरात, उत्तर प्रदेश तथा हरियाणा की होंगी। लीग अपने शुरुआती संस्करण से ही काफी लोकप्रिय रही है और इसकी बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए ही आयोजकों ने चार नई टीमों को शामिल किया है। लीग में शामिल टीमें अलग अलग राज्यों का प्रतिनिधित्व करेंगी। आइये प्रो कबड्डी लीग में शामिल नई टीमों पर नजर डालें गुजरात गुजरात की टीम का नाम फार्च्यूनजायंट्स रखा गया है और अगले सीजन में टीम मजबूत प्रदर्शन करने को देख रही है। यह टीम अहमदाबाद में अपने मैच खेलेंगे। गुजरात टीम का मालिकाना हक अदानी विलमर लिमिटेड के स्वामित्व में है, जिसे प्रसिद्ध अदानी समूह ने बढ़ावा दिया है। नीलामी में धीमी शुरुआत के साथ, पहले दिन केवल तीन खिलाड़ियों का चयन करने के बावजूद, टीम गुजरात ने कुछ स्मार्ट खरीददारी की और नीलामी का सफ़र एक बहुत मजबूत टीम के साथ समाप्त कर दिया। गुजरात ने पिछले महीने हुए खिलाड़ियों की नीलामी में अच्छा प्रदर्शन करते हुए एक मजबूत टीम बनाई है। टीम ने दीवार के रूप में दो मजबूत ईरानी खिलाडियों को अपने साथ लिया जो कि फज़ल अत्राचली और अबोज़र मोहजेर्मिघनी है। फज़ल पिछले संस्करण के बेस्ट डिफेंडर थे, वहीं 2 बार लीग के विजेता टीम का हिस्सा भी रह चुके हैं, वहीँ दूसरी ओर अबोज़र मोहजेर्मिघनी को 50 लाख में ख़रीदा जो कि नीलामी में विदेशी खिलाडियों में सबसे महंगे रहे। टीम में एक और मजबूत विदेशी खिलाड़ी दक्षिण कोरिया के सयोग्रयेओल किम है जो विश्व कप 2016 की कांस्य पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा रह चुके हैं। टीम के लिए रेडिंग की जिम्मेदारी तेलगु टाइटन से आये सुकेश हेगड़े के पास होगी जो पिछले 4 संस्करण से राहुल चौधरी का साथ निभाते आ रहे थे, यह एक और प्रभावशाली खरीद है। डिफेंडर: अबोज़र मोहम्मद मिघानी, सी कलई अरासन, फजल अत्रचाली, विकास काले, मनोज कुमार, परवेश भेशेसवाल, सुनील कुमार। रेडर्स: सुकेश हेगड़े, महेंद्र राजपूत, सचिन, अमित राठी , डांगे सुल्तान, पवन कुमार, राकेश नरवाल, चंद्ररेन रंजीत। ऑल राउंडर्स: सेओंग रायओल किम, महिपाल नरवाल, रोहित गुलिया। हरियाणा स्टीलर्स हरियाणा स्टीलर्स जेएसडब्ल्यू स्पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के स्वामित्व में हैं, जो जेएसडब्ल्यू(JSW) ग्रुप द्वारा प्रोत्साहित हैं। नीलामी के दौरान काफ़ी चुपचाप दिखने वाली इस फ्रैंचाइजी ने ज्यादा धन खर्चा नहीं किया, परन्तु चपलता के साथ अच्छे खिलाडियों को अपने साथ ले लिया। जिनमें इनका प्राथमिक लक्ष्य था डिफेंडर सुरेंद्र नाडा, जो हरियाणा से हैं और पिछले सीजन में बेंगलुरु बुल्स के लिए खेले थे। उन्होंने डिफेंडर मोहित छिल्लर को भी चुना, जो कि पिछले साल की नीलामी में सबसे महंगे खिलाड़ी थे, और मूल्य था 46.50 लाख रुपये। इसके अलावा रेडर वजीर सिंह, जो पूर्व में पुनेरी पलटन के कप्तान के तौर पर तैयार किए गए थे, इनका मूल्य 44 लाख रुपये रहा। डिफेंडर: मोहित छिल्लर, नीरज कुमार, विकास, सुरेंद्र नाडा, महेंद्र सिंह ढाका, जीवा गोपाल, राकेश एस कुमार, नीरल कुमार, बाबू एम, राजू लाल चौधरी। रेडर: सोनू नारवाल, खॉम्सन थोंगखैम, दीपक कुमार, सुरजीत सिंह, प्रशांत के राय, दीपक दहिया, वजीर सिंह, विकास खांदोला, आशीष छोकर। ऑलराउंडर्स: डेविड मोसाम्बाई, मयूर शिवतरकर, दीपक राठे, परमोद नारवाल, कुलदीप सिंह। तमिलनाडु चेन्नई फ्रेंचाइजी जो कि प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) के पांचवें सीज़न में पहली बार शुरुआत करने वाली है, इसको "तमिल तलीवस" नाम दिया गया है। यह महान भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने खुलासा किया, जो फ्रैंचाइज़ी के सह-मालिक हैं। टीम का होमग्राउंड चेन्नई में है। इस टीम का मालिकाना हक - आईकेस्ट एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड के पास हैं एवं सह-मालिकों में दिग्गज खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर और उद्यमी एन प्रसाद हैं। तमिलनाडु ने नीलामी में कोई समय बर्बाद नहीं किया क्योंकि यह सबसे ज्यादा कोटा खिलाड़ियों को भरने वाली पहली टीम थीं। खिलाडियों में रेडर अजय ठाकुर टीम की प्राथमिकता थी, जो नीलामी में सर्वश्रेष्ठ में से एक है और इसमें कोई शक नहीं होगा कि वह टीम का नेतृत्व करेंगे। टीम की सबसे महंगी खरीद 63 लाख रूपए के लिए जयपुर पिंक पैन्थर्स के पूर्व डिफेंडर अमित हुड्डा की थी, इसके साथ ही सीआर अरुण और अनिल कुमार को शामिल करके टीम ने डिफेंस बहुत मजबूत कर लिया। मुख्य कोच के भास्करन, जिन्होंने पहले 3 साल के लिए जयपुर पिंक पैंथर्स को तथा एक वर्ष के लिए पुनेरी पलटन को प्रशिक्षित किया है, उन्हें पांचवें सत्र में टीम पर पूर्ण विश्वास है। डिफेंडर: सी अरुण , अमित हुड्डा, संकेत चव्हाण, राजेश, अनिल कुमार, अनिल कुमार, मुगिलन, शंकर चव्हाण, टी प्रभाकरन, विजिन टी, विजय कुमार मुरुथू एम दर्शन जे। रेडर्स: वालीद अल हसानी, दांग जीन ली, भवानी राजपूत, अजय ठाकुर, एम थिवकारन, के प्रंजन, सोम्बिर, विनीत शर्मा, सारंग देशमुख। ऑलराउंडर्स: प्रताप, चान सिक पार्क, सुजीत महाराणा, अनंतकुमार। उत्तर प्रदेश टीम उत्तर प्रदेश उन नई टीमों में एक थी जिन्होंने किसी भी प्राथमिकता वाले खिलाड़ी को चुनने का विकल्प नहीं चुना। टीम की फ्रैंचाइजी लखनऊ में स्थित जीएमआर लीग गेम्स प्राइवेट लिमिटेड के स्वामित्व में हैं। जीएमआर ग्रुप ने नीलामी के पहले दिन स्थानीय खिलाड़ी रेडर नितिन तोमर को मनमोहक दाम 93 लाख रुपये में हासिल कर लिया। टीम उत्तर प्रदेश ने प्रतिभाशाली ऑलराउंडर राजेश नारवाल को भी खरीदा, जो पहले जयपुर पिंक पैंथर्स के लिए खेलते थे इन्हें 69 लाख रुपये में ख़रीदा। टीम ने 52 लाख रुपये में अनुभवी खिलाड़ी जीवा कुमार को भी लिया, जो डिफेन्स के प्रति एकजुटता बढ़ाएंगे। इसके आलावा रेडर रिषंक देवदेगी को भी 45.5 लाख रुपये में खरीदा। हेडकोच: अरुण, जो कि पटना पाइरेट्स के साथ पूर्व लीग जीतने वाले कोच हैं और अब फिर से खिताब के लिए जा रहे हैं। डिफेंडर: जीवा कुमार, हदी ताजिक, नितेश कुमार, गुरविंदर सिंह, संतोष बीएस, रोहित कुमार, सानोज कुमार। रेडर: ऋषंक देवदीग, सुलेमान कबीर, नितिन तोमर, सुरेंद्र सिंह, महेश गौड, अजंन्द्र सिंह, गुलवीर सिंह। ऑलराउंडर्स: राजेश नारवाल, पंकज, सुनील, सागर बी कृष्णा।
लेखक: अरमानूर रहमान अनुवादक: मोहन कुमार