किसी टीम में जितना महत्वपूर्ण रोल अटैकर का होता है उतना ही महत्वपूर्ण रोल डिफेंडर का भी होता है। अटैकर आपको एक मैच में विजेता बना सकते हैं तो डिफेंडर आपको चैंपियन की कुर्सी पर बैठा सकता है। हालांकि कई बार रेडर्स के आगे डिफेंडर्स की परफॉर्मेंस को कम आंका जाता है लेकिन किसी टीम को उसके आक्रमण से साथ साथ डिफेंस को भी मजबूत रखना उतना ही आवश्यक है क्योंकि डिफेंडर्स से टीम को दृढ़ता और सुरक्षा मिलती है। आज हम आपको बताते है ऐसे ही 5 बेहतरीन डिफेंडर्स के बारें में जिनकी शानदार परफॉर्मेंस से विरोधियों के हौसले हुए पस्त: सुरेंद्र नाडा पांचवें स्थान के लिए हरियाणा के सुरेंद्र नाडा और तेलंगाना के धर्मराज चेरालाथन के बीच टाई है। 27 साल की कम उम्र में सुरेंद्र को डिफेंस के बाएं कॉर्नर की तरफ से खेलना पसंद करते हैं वहीं 42 साल के खिलाड़ी धर्मराज के पास एक्सपीरियंस की कोई कमी नहीं है, जो अपने दोनों ही ओर से डिफेंस कर अपनी टीम को मजबूती देने का माद्दा रखते हैं। सुरेंद्र प्रो कबड्डी लीग के इस पांचवे सीज़न में अपने राज्य की घरेलू टीम हरियाणा स्टीलर्स की तरफ से खेलते नजर आयेंगे। इसके पहले सुरेंद्र सीज़न 4 में बेंगलुरू बुल्स की तरफ से तो सीज़न 2 और 3 में यू मुंबा की तरफ से खेल चुके हैं। वहीं यह खिलाड़ी 2016 में हुई साउथ एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल अपने नाम कर चुका है। रेडर्स को चारों खाने चित्त करने वाले सुरेंद्र ने अब प्रो कबड्डी में अबतक कुल 49 मैच खेलें हैं जिसमें 2.82 की औसत के साथ 138 टैकल प्वाइंट को अपने खाते में जमा किया है। वह विरोधियों पर अक्सर भारी पड़ते हैं ये उनका टैकल रेट बताता है। सुरेंद्र का कुल सफल टैकल रेट है 50 प्रतिशत और उनको 5 ग्रीन कार्ड भी मिल चुके हैं। धर्मराज चेरालाथन वहीं दूसरी ओर भारत के सबसे बेहतरीन डिफेंडर में से एक धर्मराज इस पांचवें सीज़न में पुनेरी पलटन की हिस्सा होंगे। इसके पहले धर्मराज पिछले सीज़न में खिताब जीतने वाली पटना पाइरेट्स के कप्तान थे। धर्मराज पहले और दूसरे सीज़न में बेंगलुरू बुल्स और तीसरे सीज़न में तेलगु टाइटन्स की टीम में शामिल रह चुके हैं। धर्मराज ने प्रो कबड्डी में अबतक 59 मैच खेले हैं जिसमें 2.56 की औसत से 151 प्वाइंट अपने नाम किये हैं। वहीं उनके द्वारा किये गए कुल 258 टैकल्स में 134 सफल रहे हैं। जिसमें से 2 ग्रीन कार्ड भी उनके खाते में आये हैं। संदीप नारवाल हरियाणा का यह 24 साल का खिलाड़ी टीम की शान होता है और ये शान इस बार पुनेरी पलटन की तरफ से खेलती नजर आयेगी। सीज़न 4 में तेलगु टाइटन्स का हिस्सा रहे संदीप ने सीज़न 3 में पटना पाइरेट्स की तरफ से खेलते हुए उसे चैपिंयन बनाने में बहुत बड़ा योगदान दिया। संदीप ने रेडिंग छोड़ कर डिफेंडिंग पर ध्यान दिया और अपनी टीम के सबसे अच्छे डिफेंडर साबित हुए। संदीप ने 2016 में विश्व कप और साउथ एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीता। अब तक खेले गए अपने 62 मैचों में 161 टैकल प्वांइट 2.6 की औसत से अपने नाम किए। नारवाल का टैकल रेट 50 प्रतिशत से ज्यादा है। नारवाल को अबतक 10 ग्रीन और 2 यलो कार्ड मिल चुके हैं। नरवाल तीसरे सीजन के बेस्ट डिफेंडर भी रह चुके हैं। रविन्दर पहल हरियाणा से आने वाला यह 26 साल का खिलाड़ी डिफेंस के दाहिने तरफ से खेलना पसंद करता है। पिछले सीज़न में पुनेरी पलटन की तरफ से खेलने वाला यह खिलाड़ी इस बार बेंगलुरु बुल्स की तरफ से खेलेगा। वहीं रविन्दर शुरुआत के तीनों सीज़न दबंग दिल्ली की तरफ से खेल चुके हैं। मैट पर उनकी फुर्ती देखने लायक होती है और इसी वजह से प्रो कबड्डी लीग में खेले 48 मैचों में 3.17 की औसत से 152 टैकल प्वाइंट हासिल किए हैं। वहीं उनके नाम 139 सफल टैकल रहे हैं और 7 ग्रीन कार्ड मिले हैं। मोहित छिल्लर कहा जाता है कि जिस टीम में मोहित छिल्लर हो उसका भविष्य सुरक्षित हो जाता है। दिल्ली का 23 साल का यह शानदार खिलाड़ी दाहिने तरफ से खेलना पसंद करता है। 2016 में हुए कबड्डी विश्व कप और साउथ एशियन गेम्स में मोहित ने स्वर्ण पदक अपने नाम किया। इस साल मोहित अपने दांव हरियाणा स्टीलर्स की तरफ से आजमाते नजर आयेंगे। इसके पहले मोहित पहले, दूसरे और तीसरे सीज़न में यू मुंबा की तरफ से और सीज़न 4 में बेंगलुरु बुल्स की तरफ से खेल रहे थे। मोहित ने प्रो कबड्डी के 57 मैचों में 2.98 की औसत से टैकल प्वाइंट अपने खाते में जोड़े हैं। मोहित ने 157 सफल टैकल में 170 प्वाइंट जोड़े हैं। जिसमें से छह बार ग्रीन कार्ड और एक बार यलो कार्ड मिल चुका है। मंजीत छिल्लर अपने डिफेंस से सबका दिल जीत चुका 30 साल का यह ऑलराउंडर खिलाड़ी दिल्ली से आता है। सीज़न 1 और 2 में बेंगलुरु बुल्स और सीज़न 3 और 4 में पुनेरी पलटन की तरफ खेलने वाले मंजीत इस बार जयपुर पिंक पैंथर की शान बनकर खेलने उतरेंगे। मंजीत सीज़न 1 के सर्वश्रेष्ठ डिफेंडर और सीज़न 2 के सबसे मूल्यवान खिलाड़ी रहे। 2014 एशियन गेम्स और 2016 में विश्व कप जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे मंजीत ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया। कबड्डी में छिल्लर के योगदान के लिए उन्हें अर्जुन अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है। मंजीत ने 59 मैचों में 3.32 की औसत से कुल 196 डिफेंस प्वांइट सिक्योर किये हैं। मंजीत ने कुल 334 टैकल में से 189 सफल टैकल रहे। वहीं मंजीत को प्रो कबड्डी लीग में अबतक 16 ग्रीन कार्ड भी मिल चुके हैं। लेखक: अरमानूर रहमान अनुवादक: सौम्या तिवारी