प्रो कबड्डी 2018: पहलवानी करने वाला खिलाड़ी जो सब पर भारी पड़ रहा है

Piyush
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देश में प्रो कबड्डी लीग का रोमांच इस वक़्त अपने चरम पर है। हर रोज़ कबड्डी में एक से बढ़कर एक मैच देखने को मिल रहे हैं। कबड्डी लीग में कल रात पुनेरी पलटन ओर यू मुम्बा के बीच हुआ मुकाबला बेहद ही नाटकीय मोड़ पर समाप्त हुआ। इस मैच में मुंबई की तरफ से सिद्धार्थ देसाई ने शानदार खेल दिखाया लेकिन अपनी आखिर रेड में वो लॉबी के बाहर चले गए, जिस वजह से पुनेरी पलटन को एक पॉइंट मिल गया, जिस कारण पुणे की टीम ने आखिर में जीत दर्ज की। पुणे की टीम पहले ही हाफ से मुम्बई पर बढ़त बनाये हुए थी लेकिन दूसरे हाफ में मुंबई की टीम पुणे पर ज्यादा हावी नज़र आयी। पुणे के इस जीत के सूत्रधार नितिन तोमर रहे जिनकी बदौलत अभी तक हुए मैचों में पुणे के दबदबा रहा है। नितिन तोमर प्रो कबड्डी सीजन में 80 रेड पॉइंट हासिल कर टॉप रेडर बने हुए हैं।

पुणे की टीम को मिली सफलता में अगर गौर करें तो नितिन के अलावा कोई अन्य रेडर उनका साथ अभी तक नही निभा पाया है। पुनेरी पलटन टीम के राजेश मोंडल, जीबी मोरे, मोनू और दीपक दहिया बिल्कुल असहाय नज़र आ रहे हैं, जो कि टीम के लिए सबसे बड़ा परेशानी का सबब है। पुणे टीम की सबसे बड़ी मजबूती नितिन तोमर ही है। जबकि टीम की सबसे बड़ी कमजोरी यह है कि उनकी टीम में कोई दूसरा रेडर ऐसा नही है जो कि विरोधी खेमे में खलबली मचा सके। कबड्डी कोर्ट पर नितिन तोमर की अनुपस्थिति में पुणे की टीम की तमाम कमजोरियां उजागर हो जाती है जो कि किसी भी विपक्षी खेमे में नई ऊर्जा का संचार करने के लिए काफी है। पिछले कुछ मैचों में नितिन टीम के डिफेंस को लेकर भी चिंता जाहिर कर चुके हैं। हालांकि आखिर में खेले गए दो मुकाबलों में टीम के डिफेंस ने बेहतर खेल का प्रदर्शन किया है, जिसमे लगातार सुधार की गुंजाइश है। प्रो कबड्डी सीजन 6 में अजय ठाकुर, परदीप नरवाल, मोनू गोयत, सिद्धार्थ देसाई और राहुल चौधरी जैसे विश्व स्तरीय रेडरों के बीच खुद को शीर्ष पर बनाये रखना वाकई काबिल-ए-तारिफ है।

नितिन तोमर इन सभी खिलाड़ियों से ज्यादा स्थापित खिलाड़ी नज़र आते हैं क्योंकि न वो सिर्फ रेड करते हैं बल्कि उनका डिफेंस भी उतना ही उम्दा है। इसलिए नितिन अपने आप में सम्पूर्ण खिलाड़ी हैं। कबड्डी में आक्रमकता व डिफेंस का संयोजन ही इस खेल की सबसे बड़ी खूबी है। नितिन तोमर 2016 विश्वकप से सुर्खियों में आये थे जब फाइनल में ईरान जैसी मजबूत टीम के खिलाफ उन्होंने करो या मरो वाली परिस्थितियों में उम्दा प्रर्दशन किया था। इससे पहले पिछले सीजन मे नितिन तोमर को यूपी योद्धा ने 93 लाख में अपने साथ शामिल किया था, जहाँ उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया था लेकिन कप्तानी के अतिरिक्त दवाब के चलते उनका सर्वश्रेष्ठ खेल नहीं दिखाई दिया। प्रो कबड्डी लीग-सीजन 6 के लिए नितिन तोमर पर एक बार फिर से धन की बरसात हुई। नितिन तोमर को टीमों ने अपने मे शामिल करने के लिए बढ़-चढ़कर बोलियां लगाई। पुणे ने 1.15 करोड़ की बोली लगाकर नितिन को अपने साथ जोड़ा। यूपी योद्धा, नितिन के इस बार के प्रदर्शन को देख उन्हें हासिल न कर पाने का मलाल कर रही होगी।

नितिन बड़ौत के पास मलकपुर के रहने वाले हैं। कबड्डी में यह मुकाम नितिन ने बहुत ही मेहनत करने के बाद हासिल किया है। नितिन वैसे तो बचपन से ही पहलवान बनना चाहता थे क्योंकि उनके दो चाचा पहलवान थे। इसलिए उनका झुकाव भी पहलवानी की तरफ़ होने लगा। नितिन के चाचा राजीव तोमर को खेल के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार अर्जुन अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है। मगर नितिन ने पुराने ढर्रे पर चलने की बजाय कबड्डी को चुना और एक नया मुकाम हासिल किया। नितिन की वजह से अब उनके गांव में भी अधिकतर खिलाड़ी कबड्डी में अपने अच्छे भविष्य का सपना देख जी तोड़ मेहनत करने में जुटे हुए हैं। गौरतलब है कि नितिन को हाल ही में हुए एशियाई खेलों के लिए टीम में नहीं चुना गया था जहाँ उनकी टीम को ख़राब प्रदर्शन के लिए काफी किरकिरी झेलनी पड़ी। नितिन के एशियाई टीम में न चुने जाने पर सब हैरान थे, वहीं उन्होंने प्रो कबड्डी सीजन 6 के बेहतरीन खेल से सभी को करारा जवाब दिया होगा। अगर नितिन तोमर एशियाई खेलों में होते तो बमुश्किल ही भारत को ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ता। अगर प्रो कबड्डी लीग में पुणे को इस बार ख़िताब को अपने नाम करना है तो पूरी टीम को नितिन पर अपनी निर्भरता कम करनी होगी, क्योंकि नितिन यूँ ही दवाब में खेलते रहे तो उनका फॉर्म आखिरी मैचों में कहीं गुम न हो जाए।

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