प्रो कबड्डी 2019 में हरियाणा स्टीलर्स का प्रदर्शन मिला जुला रहा है। टीम ने अबतक खेले 10 मुकाबलों में 6 मैच जीते हैं और वो 31 अंकों के साथ पांचवें स्थान पर हैं। हरियाणा स्टीलर्स के लिए विकास कंडोला का प्रदर्शन बेहतरीन रहा है। कंडोला ने अबतक खेले 7 मुकाबलों में 4 सुपर 10 की मदद से 69 पॉइंट दर्ज किए हैं।
उनकी वापसी से टीम को काफी फायदा हुआ है और रेडिंग में काफी मजबूती मिली है। हरियाणा ने दिल्ली लेग के तीसरे दिन 26 अगस्त को बंगाल वॉरियर्स के खिलाफ मुकाबले में अच्छा प्रदर्शन किया और 11 पॉइंट हासिल किए। उनके प्रदर्शन की बदौलत ही हरियाणा स्टीलर्स ने बंगाल को हराया।
बंगाल वॉरियर्स के खिलाफ बेहतरीन प्रदर्शन के बाद विकास कंडोला ने स्पोर्ट्सकीड़ा के साथ खास बातचीत की:
-विकास कंडोला आप शुरुआती मुकाबले नहीं खेल पाए, लेकिन वापसी के साथ ही आप शानदार फॉर्म में दिखाई दिए। आपके ऊपर कितना दबाव था अच्छा करने का, क्योंकि टीम को आपकी कमी काफी खल रही थी?
-मैं शुरुआत के मैच नहीं खेल पाया था और मेरे लिए सबसे ज्यादा जरूरी था पूरी तरह फिट होना। मेरे ऊपर दबाव नहीं था, क्योंकि कोच ने मुझे विश्वास दिया और बताया कि फिट होकर खेलूंगा तो शानदार प्रदर्शन करूंगा।
-आपके कोच राकेश कुमार हैं, जोकि खुद एक दिग्गज रेडर रहे हैं। आपने उनसे क्या-्क्या सीखा और उनसे किस तरह का समर्थन मिला?
-मैंने कोच से काफी कुछ सीखा है, वो दिग्गज रेडर रहे हैं। उन्होंने यह ही बोला है कि मैच में किसी भी प्रकार का दबाव नहीं लेना। एक-दो बार आउट भी होते हैं, तो मुझे चिंता नहीं करनी और उन्होंने साफ बोला कि तुम स्कोर करोगे।
-हरियाणा स्टीलर्स के साथ आपका लगातार कुछ सीजन से खेल रहे हैं, एक टीम के साथ लगातार जुड़े रहने क्या फायदा आपको नजर आते हैं?
-मैं पिछले तीन सीजन से हरियाणा स्टीलर्स की तरफ से खेल रहा हूं। मुझे काफी अच्छा लग रहा है, क्योंकि मैं हरियाणा से हूं और घरेलू टीम से ही खेलने का मौका मिल रहा है। हमारी टीम एक परिवार की तरह रहती है, इसलिए भी काफी अच्छा लग रहा है।
-आपका प्रदर्शन लगातार बेहतरीन रहा है, कोई खास रिकॉर्ड जिसको आप तोड़ना चाहते हो?
-जो रेडर अच्छा कर रहे हैं जैसे परदीप नरवाल, राहुल चौधरी और अजय ठाकुर जैसे रेडर हैं, मुझे उनकी तरह ही प्रदर्शन करना है।
-आपने कबड्डी खेलना कब शुरू किया और कौन से खिलाड़ियों को देखकर आपने इस खेल को अपने करियर बनाने का फैसला किया?
-शुरुआत से ही गांव में कबड्डी का काफी क्रेज रहा, इसलिए बचपन से ही खेल रहा हूं। मैंने सीनियर प्लेयर से काफी कुछ सीखा, फिर मैं साई चला गया। टीवी पर मैं राकेश कुमार और अनूप कुमार को देखता था और तभी मैंने सोच लिया था कि मुझे उनकी तरह बनना है और नाम कमाना है।
-आपको कबड्डी के लिए परिवार से किस तरह का सपोर्ट मिला?
-शुरुआत में जब चोट लगती थी, तो घरवाले मना कर देते थे, लेकिन जैसे-जैसे मैंने स्कूल और जूनियर नेशनल्स खेला, तो परिवार से पूरा समर्थन मिला। उसी की वजह से मैं आज यहां तक पहुंच पाया हूं।
-प्रो कबड्डी के आने के बाद आपकी जिंदगी में किस तरह का बदलाव आया?
-पीकेएल के आने के बाद जिंदगी में काफी बदलाव आया। पहले कबड्डी खिलाड़ियों को कोई नहीं जानता था , अब सबको एक पहचान मिली है।