प्रो कबड्डी लीग 2017 के उद्घाटन चरण में कुछ उत्तम दर्जे के धावे दिखे और इसके अलावा युवा खिलाड़ियों से पावर-पैक प्रदर्शन , जिन्होंने अपनी टीम के लिए महत्वपूर्ण अंक अर्जित करने का काम किया। हालांकि, इन शानदार आक्रमणों के बीच, विभिन्न टीमों के डिफेंडरों ने भी अपनी एक पहचान बनाई है। हारने के डर के बिना डिफेंडरों ने अपनी पूरी ताक़त लगा दी और आक्रमण करने वालों को नीचे खींचने के लिए कोई कसर नही छोड़ी, जिससे टीमों के महत्वपूर्ण हथियार साबित हुए।
ऐसे में जबकि अधिकांश टीमें अपने रेडरों पर ज्यादातर अंक हासिल करने के लिए निर्भर करती हैं, डिफेंडर चुपचाप अपने काम करते चले जाते है और अक्सर विपक्षी डिफेंडरों को फ्री-रन के लिये मजबूर करते हैं।
नागपुर लेग पर सबकी नजरे जाये, ऐसे में देखे हैदराबाद लेग से पांच सर्वश्रेष्ठ डिफेंडर:
फैज़ल अत्राचली - 2 मैचों में 6 अंकफैज़ल अत्राचली को प्राथमिक पसंद के रूप में चुना गया था और गुजरात फॉर्च्यून जायंट्स के लिए बाएं कोने की रक्षा करते हुए इस साल के पीकेएल में पहले ही चरण में उन्होंने अपना प्रभाव छोड़ा है। इस ईरानी खिलाड़ी ने अबोज़र मिघानी के साथ एक महत्वपूर्ण जोड़ी बना ली और अब तक दो मैचों से छह अंक हासिल करने में कामयाब रहे है।
अत्राचली ने 10 टैकल में भाग लिया है, जिसमें से छह टैकल सफल हुई हैं। वह विशेष रूप से दबंग दिल्ली के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे जब उन्होंने अपने देशवासियों मिराज और अबोफ़ाज़ल मैघसोल्डू को हराया, जिससे गुजरात के हाथ में खेल चला गया।
नीलेश शिंदे - 2 मैचों से 7 अंकजयपुर के खिलाफ दिल्ली के अपने पहले मैच में दाएं कोने ने कमाल का खेल दिखाया और टूर्नामेंट में अपना पहला हाई -5 अर्जित किया। जयपुर की सितारों से सजी टीम के खिलाफ वह राईट कवर डिफेंडर बाजीराव के साथ शानदार ढंग से जोड़ी बनाने में सफल रहे और नतीजा यह रहा कि बदले में जयपुर के लिए रेड के अंकों का अकाल पड़ गया।
गुजरात के खिलाफ, निलेश के साथ सुनील का संयोजन दबंग ही उस निराशाजनक प्रदर्शन में एकमात्र चमकती चीज़ रही। अपने दिमाग में मिले जुले परिणाम के साथ, वारियर्स के पूर्व कप्तान अपने अगले मैच के लिए अपना सभी अनुभव मैदान पर लाने की कोशिश करेंगे और दिल्ली को जीतने की राह पर वापस लाना होगा।
राकेश कुमार - छह मैचों से 11 अंकएक युवा समूह के साथ एक सहायक की भूमिका निभाना हमेशा एक मुश्किल काम है, विशेष रूप से तब जब व्यक्ति राकेश कुमार की क्षमता वाला हो। हालांकि, वह बिना एक बार भी सोचे अपने कार्य पर चले गए हैं, टीम को दायें कॉर्नर से कप्तान राहुल चौधरी को सहायता प्रदान करते हुए टीम का नेतृत्व किया है।
भारत के बेहतरीन ऑल राउंडर्स में से एक राकेश कुमार ने अब तक 6 रेड पॉइंट्स के अलावा 6 मैचों में से 11 टैकल पॉइंट भी अर्जित किये और बायीं तरफ से प्रभावित कर रहे विशाल भारद्वाज के साथी के तौर पर खेलते आये हैं। टाइटन्स ने सीजन की शुरुआत में ही खुद को गंभीर संकट में पाया है क्यूंकि 6 गेम में केवल एक जीत के मिली है और अनुभवी राकेश को टाइटन्स को जीत के रास्ते पर वापस लाने की जिम्मेदारी लेनी होगी।
विशाल भारद्वाज - 6 मैचों से 17 अंकतेलुगू टाइटन्स के लिए लेफ्ट कॉर्नर की रक्षा करते हुए, विशाल भारद्वाज ने 2017 के शुरुआत में ही अपनी छाप छोड़ दी है। इस नौजवान ने उन्हें दी गई भूमिकओं का मज़ा लिया है और पहले दोनों गेम में हाई-5 के साथ अपने पहले दो मैचों में ही प्रभाव छोड़ा है। 6 गेम में वह टाइटन्स के लिए खेले हैं, और उनमे 17 टैकल अंक हासिल करने में कामयाबी हासिल कर ली है।
हालांकि, टाइटन्स ने सर्वश्रेष्ठ शुरुआत नहीं की, लेकिन लेफ्ट कॉर्नर पर विशाल का नियमित बेहतरीन प्रदर्शन बेंगलुरु बुल्स के लिये एक उज्जवल पहलू है।
सुरेंद्र नडा - 2 मैचों से 12 अंकपीकेएल में सबसे प्रमुख डिफेंडरो में से एक, नडा को सीजन से पहले हरियाणा स्टीलर्स का नेतृत्व करने के लिए चुना गया था और उन्होंने अब तक एक सराहनीय काम किया है। खेले गये अब तक के दो मैचों में लाजवाब प्रदर्शन करते हुए 12 अंक बनाये है। जहाँ नडा एक तरफ कमाल के फॉर्म में रहे, वहीं साथी मोहित छिल्लर का ख़राब प्रदर्शन भी रहा, जिन्होंने 2 मैचों में एक भी अंक नही बनाया है। ऐसे में जबकि अभी कई मैच खेले जाने बाकी है ,अब यही उम्मीद की जानी चाहिये की नडा, छिल्लर के साथ मिल कर अपनी जोड़ी फिर से उसी रंग में लायेंगे और विपक्षी टीमों के लिये समस्याएं खड़ी करेंगे।
लेखक: प्रसेन मुद्गल अनुवादक : राहुल पाण्डेय