अब बात करते हैं सीजन 2 की विजेता टीम की। यूमुंबा ने सात खिलाड़ियों पर दांव खेला लेकिन उनमें से कोई भी ऐसा प्लेयर नहीं था जो विश्व 7 में भी अपनी जगह बनाता हो लेकिन आत्मविश्वास से भरी इस टीम ने उस सीजन में खेले गए 16 में से 14 मैचों में जीत दर्ज कर सबको अपना कायल बना दिया। कोई भी कोच इस बात की कल्पना नहीं कर सकता था कि उसके पास इस तरह की पूरी संतुलित टीम के प्रबंधन की स्वतंत्रता होगी। अनूप कुमार और शब्बीर बापू ने सर्वश्रेष्ठ अटैकिंग जोड़ी की तरह खेलते हुए 124 प्वाइंट हासिल किए। रिशांक देवरिया ने लगातार बेहतरीन परफॉर्मेंस देते हुए टीम के रेडिंग विभाग को और मजबूती प्रदान की। वहीं मोहित चिल्लर और सुरेन्दर नाडा ने 42 और 41 टैकल प्वाइंट को लेकर टीम को जीत दिलायी। जीवा कुमार उस सुपर सात का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थे। इन शानदार छह खिलाड़ियों के साथ, विशाल माने को अपने कौशल दिखाने का कुछ खास अवसर नहीं मिला।