दो बार पांचवे स्थान और दो बार सेमीफाइनल तक का सफर तय करने वाली तेलगु टाइटन्स खिताब ना जीत पाने वाली अन्य टीमों से ज्यादा खिताब के करीब पहुंची है। हालांकि तेलगु टाइन्स के पास प्रभावी रेडर्स रहे हैं लेकिन उनके लिए डिफेंस एक थोड़ी कमजोरी कड़ी साबित हुई है। समय-समय पर संकट की स्थिति में टाइटन्स के पास अनुभवी डिफेंडर्स का अभाव रहा है। पिछले चारों सीजन वह एक मजबूत टीम बनकर उभरी है जिसके खेल को देखने में मजा आता है लेकिन चैपिंयन्स वाला खेल अभी भी उनसे दूर है। राहुल चौधरी अपनी भूमिका को शानदार तरीके से निभा रहे हैं, जबकि निलेश सालुंके ने हमेशा ही चौधरी के एक वफादार सहयोगी की भूमिका निभायी हैं। लेकिन प्रो कबड्डी लीग में यह बार-बार साबित हुआ है कि अगर आप अपने डिफेंस को संभालने में नाकाम रहे हैं, तो आप हारेंगे। लेखक- सोमेश चंद्रन अनुवादक- सौम्या तिवारी