कबड्डी एक टीम गेम होता है अगर खिलाड़ी नहीं चले तो टीम हार जाती है और अगर एक खिलाड़ी भी अपना कमाल दिखा गया तो सामने वाली टीम चारों खाने चित हो जाती है। ऐसे में उस एक खिलाड़ी का होना हर टीम के लिए फायदेमंद होता है। इस गेम में जब खेल बेहद तेज और कठिन होता जाता है तब वह बड़ा खिलाड़ी पूरे आत्मविश्वास के साथ उस स्थिति से टीम को निकालने में सक्षम होता है। इन खिलाड़ियों ने खुद को टीम के अनिवार्य और महत्वपूर्ण बनाया है। आइये बताते हैं उन 5 खिलाड़ियों के बारें में जो इस सीजन में जीत सकते हैं सबसे दमदार खिलाड़ी का खिताब- दीपक निवास हूडा एक ऑलराउंड खिलाड़ी जिसे टॉप 5 रेडर्स की लिस्ट में कभी किसी ने नहीं सोचा था, वह सीजन 4 में तूफान लेकर आता है। हर मैच में लगभग 7 की औसत से 126 प्वाइंट कमाने वाले हूडा का ऐसा बेहतरीन परफॉर्मेंस सभी के लिए अकल्पनीय रहा। सीजन 2 में, ऑलराउंडर के रूप में उनकी प्रतिभा सबके सामने आयी थी। हूडा ने 60 रेड प्वाइंट अंक और 36 टैकल प्वाइंट अपने नाम किए और लीग में एक मार्क सेट किया। पिछले सीज़न में उन्होंने पुणे की अटैकिंग जिम्मेदारी को अपने कंधें पर लिया और सफलतापूर्वक उसे डिफेंड भी किया। अब बात करते है सीजन 5 की, उनके पास डिफेंस की एक मजबूत रक्षा नीति है। एक सीजन में लगभग 100 रेड प्वाइंट और 30 टैकल प्वाइंट इस बात बताने के लिए काफी है कि वह बेहद अनुशासित और बाहरी कारकों से अपने खेल को नकारात्मक रूप से प्रभावित नहीं होने देता है। फजल अत्राचलीभारतीय प्रतिभा से भरी इस लीग में, कुछ अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों ने अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करने में कामयाबी हासिल कर ली है। लेकिन विदेशी धरती से केवल एक ही व्यक्ति भारतीय ने अपनी रोशनी बिखेरने में कामयाबी पायी है और वह कोई और नहीं बल्कि फजल अत्राचली हैं। अपने पहले सीजन(सीजन 2) से सीखने की अवधि के तौर पर शुरू हुआ वह दौर अब प्रभुत्व के रुप में बदल चुका है। सीजन 4 में 52 प्वाइंट अपने नाम करने वाले फजल का यह प्रदर्शन प्रो कबड्डी लीग की शुरुआत से लेकर अबतक किसी डिफेंडर का तीसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। कुछ ऐसे डिफेंडर होते है जो आपको सम्मान देते हैं और कुछ ऐसे डिफेंडर होते है जो भय पैदा करते है- फजल उनमें से एक हैं। जब एक रेडर दाहिने कोने की तरफ अटैक करता है, तो उसे पूरी तरह से इसका परिणाम पता होता है कि एक झटके में इसका शिकार होने वाला है। मोहित छिल्लर
नीलामी के वक्त खरीदते समय हरियाणा के फ्रेंचाइजी मालिक यह बहुत अच्छी तरह से जानते थे कि उनके पास वर्तमान में दुनिया में सबसे अच्छा दायां कोने का विशेषज्ञ डिफेंडर मौजूद है। तीन सीजन में 40 से ज्यादा टैकल प्वाइंट उनके नाम है। उनकी उम्र में कोई भी डिफेंडर इस तरह के आत्मनिर्भरता और स्थिरता के खेल नहीं कर सकता है। दो बार उन्होंने टीम को बदला और खिलाड़ियों को आते जाते देखा। लेकिन उनका सॉलिड प्रदर्शन स्थिर रहा। अनूप कुमार का मानना है कि मोहित बहुत दूर तक जा सकते हैं। अपने संरक्षण के तहत, इस डिफेंडर ने खुद को एक परिपक्व खिलाड़ी के रूप में बदल लिया है जो कि मुश्किल की घड़ी में कभी घबराता नहीं बल्कि अनुभवी खिलाड़ी की तरह मुश्किल से पार निकलता है। प्रदीप नरवाल
यह खिलाड़ी डुबकी में महारत हासिल कर चुका है। लगातार दो सीजन में प्वाइंट बोर्ड पर सौ से ज्यादा स्कोर बनाने वाले इस खिलाड़ी ने यह साबित किया है कि राहुल के अलावा वह इकलौते ऐसे खिलाड़ी रहे हैं जिन्होंने सीमाओं से आगे बढ़ते हुए प्रदर्शन किया है। ऐसा कई बार देखा गया है कि जब वह पूरी तरह से डुबकी मारने में कामयाब हो जाते हैं तो विपक्षी टीम का डिफेंस मानसिक रूप से टूट का शिकार हो जाता है। यह एक हौसला तोड़ने वाला मूव है जो एक अनुभवी डिफेंडर को भी तोड़ सकता है। सीजन में 200 प्वाइंट- प्रदीप एक बार फिर से अपने उस रिकॉर्ड को छूने और उसे तोड़ने के लिए तैयार हैं। राहुल चौधरी
लीग की शुरूआत के बाद से, राहुल चौधरी ने सीज़न 3 में अपना सबसे खराब फॉर्म अनुभव किया। उन्होंने प्रभावशाली प्रदर्शन करते हुए हर मैच में 6 की औसत से 87 रेड प्वाइंट हासिल किए। बहुत से लोगों के लिए ये उनका शानदार और उनके करियर का बेस्ट परफॉर्मेंस हो सकता है लेकिन राहुल ने खुद के लिए बेहद ही ऊंचा मुकाम तय करके रखा है। कबड्डी के इस पोस्टर बॉय ने व्यक्तिगत रूप से बमुश्किल ही कभी बुरा गेम खेला होगा। राहुल कबड्डी के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी में से एक हैं। एक डिफेंडर के तौर पर अगर आप अपने करियर का बेस्ट देना चाहते हो तो आपको उम्मीद करनी होगी कि राहुल परफॉर्म ना करें। है। कबड्डी के मैट पर उनकी स्थिरता और दृढ़ता ऐसी है कि कोई भी उनके करीब नहीं आता है। लेखक- सोमेश चन्द्रन अनुवादक- सौम्या तिवारी