प्रो कबड्डी सीजन 5 में चार नई टीमों को शामिल किया गया। पिछले सत्रों से बाहर बैठे कई खिलाड़ियों के लिए यह बेहतरीन मौका रहा कि वह प्रो कबड्डी लीग में टीमों की संख्या बढ़ने से अपनी काबिलियत दिखा पाए। कई खिलाड़ियों ने इस सीजन अपना पहला मैच खेला और अनुभवी खिलाड़ियों से सीख कर वह सभी इस बार अच्छा प्रदर्शन करते हुए नजर आ रहे हैं लेकिन इस सीजन कुछ ऐसे अनुभवी ख़िलाड़ी रहे, जिन्होंने अपने प्रदर्शन से सभी को निराश किया साथ ही अपनी टीम के युवा खिलाड़ियों को भी अपना अनुभव दिखाने में नाकाम रहे। प्रो कबड्डी 2017 में 5 ऐसे अनुभवी ख़िलाड़ी जिनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा : सोमवीर शेखर (जयपुर पिंक पैंथर्स) जयपुर पिंक पैंथर्स के डिफेंस में मंजीत छिल्लर के साथ सोमवीर शेखर भी एक अनुभवी डिफेंडर हैं। इस सीजन सोमवीर का प्रदर्शन औसत भी नहीं रहा और यह सत्र उनके लिए अभी तक खराब घटता नजर आ रहा है। वह रेडर्स को टैकल करने में लगातार नाकाम होते नजर आये। टीम के औसतन प्रदर्शन का कारण सोमवीर शेखर का न चलना ही रहा। इस सत्र सोमवीर ने 30 असफल टैकल किये, जो उनके खराब प्रदर्शन को दर्शाता है। राकेश कुमार (तेलुगु टाइटन्स) भारतीय कबड्डी का जाना माना चेहरा राकेश कुमार के लिए भी यह सत्र अभी तक ज्यादा अच्छा नहीं रहा। अपनी काबिलियत के हिसाब से राकेश इस सीजन असफल ही रहे हैं। पिछले कई सीजन में और भारतीय कबड्डी टीम के लिए ऑलराउंडर की भूमिका निभाने वाले राकेश का जादू रेडिंग और डिफेंस दोनों में ही नहीं देखने को मिला। उनके लगातार असफल होने के कारण तेलुगु टाइटन्स का प्रदर्शन भी निराशाजनक ही रहा। इस सीजन उन्होंने रेडिंग करते हुए केवल 7 ही रेड्स अपने नाम की। एक अनुभवी ख़िलाड़ी होने के कारण उनका फॉर्म में वापस आना टीम के आगे के सफ़र के लिए अच्छा रहेगा। बाजीराव होडगे (दबंग दिल्ली के.सी.) पिछले सत्र पटना पाइरेट्स को विजेता बनाने में अहम किरदार निभाने वाले बाजीराव इस सत्र दबंग दिल्ली की तरफ से बिलकुल फ्लॉप रहे। वह टीम के राइट कवर में अपने भूमिका निभाते हैं लेकिन उनके द्वारा किये गए सभी डिफेंस स्किल्स अभी तक असफल रही। इस सत्र किये गए 34 टैकल प्रयासों में से उन्होंने 10 में कामयाबी हासिल की और ये रिकॉर्ड किसी भी अनुभवी ख़िलाड़ी की काबिलियत साबित नहीं करते। इस सत्र उन्होंने 1.25 के औसत से दिल्ली के लिए पॉइंट्स अर्जित किये हैं, जो बेहद निराशाजनक प्रदर्शन है। रोहित राणा (तेलुगु टाइटन्स) तेलुगु टाइटन्स के लेफ्ट कवर रोहित राणा ने भी इस सीजन अच्छा खेल नहीं दिखाया है। अपने मजबूत डैश और दमदार डिफेंस के कारण पहचान बनाने वाले रोहित इस सत्र डिफेंस में जूझते हुए नजर आये हैं। तेलुगु टाइटन्स के अनुभवी खिलाड़ियों में से एक रोहित का प्रदर्शन इस बात से लगाया जा सकता है कि उनके न चलने से टीम के प्रदर्शन पर भी बहुत प्रभाव पड़ा है। इस सत्र किये गए 52 टैकल कोशिश में उन्होंने 37 में असफलता देखी है, जो किसी भी अनुभवी ख़िलाड़ी के लिए सही नहीं है। राजेश नरवाल (यूपी योद्धा) प्रो कबड्डी के इतिहास के बेहतरीन ऑलराउंडर खिलाड़ियों में से एक राजेश नरवाल का प्रदर्शन भी इस सत्र अभी तक निराशाजनक ही रहा। पिछले सत्रों में अपनी निरंतरता के लिए पहचाने जाने वाले राजेश ने इस सत्र युपी योद्धा के लिए अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है और इसलिए उनकी टीम अंक तालिका में सही स्थान खोजती नजर आ रही है। इस सत्र उन्होंने 2 से भी कम औसत से हर मैच में अंक प्राप्त किये है। एक अनुभवी ख़िलाड़ी के लिए इस प्रकार का प्रदर्शन करना बहुत निराशाजनक समझा जाता है।