प्रो कबड्डी सीजन 5 को एक महीने से ज्यादा का समय हो गया है और इस दौरान हमें 50 से अधिक मैचों में दमदार और शानदार कबड्डी देखने को मिली। इस सत्र 12 टीमों ने प्रो कबड्डी लीग में शिरकत की, जिसमें 4 नई टीमें थी। यह सीजन कुछ टीमों के लिए ख़ास रहा, तो कुछ टीमों के लिए बेहद खराब और कुछ टीमें अभी भी जीत की राह पर लौटने की कोशिश कर रही है। प्रो कबड्डी लीग के सीजन 5 के पहले महीने में सभी 12 टीमों के प्रदर्शन पर रेटिंग द्वारा एक नजर इस प्रकार : तेलुगु टाइटन्स : 1/5 सीजन 5 के पहले मैच में जीत के बाद तेलुगु की शुरुआत बेहद निराशाजनक रही। अपने घरेलू लेग में एक मैच जीतने के बाद टीम ने अभी तक खेले गए 12 मैचों में केवल 3 में जीत हासिल की, तो 8 में हार का सामना करना पड़ा और एक मैच टाई रहा। टीम के कप्तान और बेहतरीन रेडर राहुल चौधरी और ऑलराउंडर विशाल भारद्वाज के अलावा किसी भी ख़िलाड़ी ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। यही कारण रहा कि तेलुगु इस सीजन में अपना दमदार प्रदर्शन दिखाने में नाकाम रही। तमिल थलाइवाज : 1/5 प्रो कबड्डी लीग के सीजन 5 की नई टीमों में से तमिल थलाइवाज के लिए उनका पहला सीजन ख़ास नहीं रहा। भारतीय टीम के स्टार रेडर अजय ठाकुर की कप्तानी में टीम ने बेहद निराशाजनक प्रदर्शन किया। तमिल ने अभी तक 8 मैच खेले, जिसमें उन्होंने केवल 1 ही मैच में जीता, तो 5 में उन्हें हार का समाना करना पड़ा और 2 मैच उनके बराबरी पर समाप्त हुए। टीम की सबसे ख़राब बात उनके खिलाड़ियों का अनुभवहीन होना रहा। युवा खिलाड़ियों में सही से तालमेल न होने के कारण तमिल ने इस सीजन ख़राब प्रदर्शन किया। बेंगलुरु बुल्स : 1/5 बेंगलुरु बुल्स की इस सीजन की कहानी तेलुगु की तरह ही रही। उनका भी खराब प्रदर्शन उनके घरेलू लेग में दिखा। बेंगलुरु टीम ने अभी तक 10 मैच खेले और केवल 3 मैचों में जीत प्राप्त की साथ ही 6 में उन्हें हार मिली। बुल्स की टीम उनके कप्तान रोहित कुमार के प्रदर्शन पर निर्भर रही। रोहित के अलावा किसी भी ख़िलाड़ी ने उम्दा खेल नहीं दिखाया और इस कारण से बेंगलुरु बुल्स अपने जोन में चौथे नंबर पर बनी हुई है। यू-मुम्बा : 2/5 अनूप कुमार की कप्तानी में यू मुम्बा एक बार फिर से प्रो कबड्डी में अपना दमदार खेल दिखाते हुए नजर नहीं आये। यू मुम्बा के पास स्टार रेडर्स की भरमार है लेकिन उनका फायदा उन्हें अभी तक कबड्डी के मेट पर नहीं देखने को मिला है। टीम में अनूप कुमार काशिलिंगे अडके और शबीर बापू जैसे स्टार रेडर शामिल है। टीम ने अपने होम लेग पर भी उम्मीदों के मुताबिक प्रदर्शन नहीं किया। यू मुम्बा ने इस सीजन 11 मैच खेले, जिसमें उन्होंने 5 में जीत हासिल की। टीम ने पिछले दो मुकाबले जीत कर प्रो कबड्डी लीग में अपनी वापसी का एलान कर दिया है। यूपी योद्धा : 2/5 यूपी योद्धा टीम ने अपने दमदार डिफेंस और बेहतरीन रेडिंग विभाग के होते हुए इस सीजन औसतन प्रदर्शन किया है। नितिन तोमर और रिशांक देवाडिगा जैसे सुपरस्टार ख़िलाड़ी होने के बाद भी यूपी की टीम ने अपनी प्रतिभा से हटकर खेल खेला। यूपी योद्धा ने इस सत्र 11 मैच खेले और केवल 4 में जीत हासिल की। टीम के लिए उनका घरेलू लेग भी ख़राब रहा। दबंग दिल्ली के.सी. : 2.5/5 दबंग दिल्ली के लिए इस सीजन की शुरुआत बेहद ख़राब रही। खेले गए पहले 5 मैचों में टीम ने केवल एक मैच जीता था लेकिन पिछले कुछ मैचों से टीम ने जीत की लय पकड़ी है। ईरानी ऑल राउंडर मेराज शेख की अगुआई वाली इस टीम में निलेश शिंदे और बाजीराव होडगे जैसे डिफेंडर ख़िलाड़ी है, जिनकी बदौलत टीम ने पिछले कुछ मैचों में अच्छा प्रदर्शन किया। दबंग दिल्ली ने प्रो कबड्डी में अभी तक खेले गये 8 मैचों में 3 में जीत हासिल की है। बंगाल वारियर्स : 3/5 बंगाल वारियर्स ने इस सीजन सुरजीत सिंह की कप्तानी में अच्छा प्रदर्शन किया है। टीम में मनिंदर सिंह और जैंग कुन ली जैसे स्टार रेडर और डिफेंस में कप्तान सुरजीत सिंह के दमदार खेल ने सभी को प्रभावित किया है। बंगाल ने अभी तक 9 मैच खेले है, जिसमें उन्होंने केवल 2 में हार का सामना किया जबकि 5 में उन्हें जीत मिली और बंगाल टीम के 2 मैच टाई रहे। बंगाल अपने जोन में नंबर एक स्थान पर बनी हुई है। हरियाणा स्टीलर्स : 3/5 विकास कंडोला जैसे स्टार रेडर के शानदार प्रदर्शन और डिफेंस में सुरेंदर नाड़ा व मोहित छिल्लर के दमदार खेल की बदौलत हरियाणा ने इस सीजन में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। टीम ने 7 मैच खेले, जिसमें उन्होंने 3 में जीत हासिल की और 2-2 मैच में हार और टाई का सामना किया। टीम का प्रदर्शन उनके कप्तान सुरेंदर नाड़ा के प्रदर्शन पर भी निर्भर रहा। नाड़ा ने टीम के लिए 7 मैचों में 5 में हाई 5 हासिल किये और टीम की जीत में अपना अहम योगदान दिया। जयपुर पिंक पैंथर्स : 3/5 प्रो कबड्डी इतिहास के सबसे बेहतरीन ऑलराउंडर मंजीत छिल्लर और तेजतरार्र रेडर जसवीर सिंह के अगुआई में जयपुर ने इस सीजन शानदार प्रदर्शन किया है। टीम भले ही अपने जोन में 5वें नंबर हो लेकिन कम मैच खेलने की वजह से उनका प्रदर्शन नजरांदाज नहीं किया जा सकता। टीम ने 7 मैच खेलते हुए 4 में जीत हासिल की है और पिछले 4 मुकाबलों में केवल एक में ही हार का सामना किया है। जयपुर की टीम हर बार की तरह इस सीजन में अच्छा प्रदर्शन करती नजर आ रही है। पटना पाइरेट्स : 3.5/5 पटना की टीम के लिए पिछले 3 सीजन से कुछ नया नहीं देखने को मिला है। सत्र दर सत्र टीम का प्रदर्शन लगातार अच्छा होता जाता है, जिसका अहम कारण प्रो कबड्डी लीग के नंबर एक रेडर परदीप नरवाल का बेहतरीन प्रदर्शन होता है। परदीप ने इस सीजन पटना की कप्तानी की कमान सँभालते हुए अपने खेल को और भी ज्यादा दमदार बनाया है। पटना ने अपने 8 मैचों में 4 में जीत और 2 में हार का सामना किया है, तो उनके 2 मुकाबले टाई रहे। पुनेरी पलटन : 4/5 युवा रेडर दीपक निवास हुड्डा की कप्तानी में पुनेरी पलटन का प्रदर्शन इस सत्र शानदार रहा। टीम में ऑलराउंडर अनुभवी राजेश मोंडल और धुआंधार संदीप नरवाल के खेल ने विपक्षी टीम को हर विभाग में धुल चटाई है। पुणे की टीम ने अभी तक 7 मैच खेले, जिसमें उन्होंने 5 में जीत हासिल की है और केवल 2 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा है। दमदार डिफेंस और शानदार रेडिंग विभाग इस टीम की अभी तक की कामयाबी का राज है। गुजरात फार्च्यूनजायन्ट्स : 4.5/5 इस सीजन की इकलौती नई टीम, जिसने अपने प्रदर्शन से सभी पुरानी और नई टीमों को धुल चटा दी है। गुजरात ने अपने होम लेग में एक भी मैच नहीं हारने का इस सीजन का रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज कराया है। टीम के डिफेंस में ईरानी जोड़ी अत्राचाली और मिघानी और रेडिंग में कप्तान सुकेश हेगड़े और युवा सचिन के खेल की सभी ने सराहना की है। गुजरात को इस सीजन 10 मैचों में केवल एक में हार मिली है, जबकि 7 मैच उसने अपने नाम किये और इसी के साथ टीम लीग में टॉप पर बनी हुई है।