यह इस सीजन का पहला हाई प्रोफाइल और बड़ा मुकाबला था क्योंकि इसमें प्रो कबड्डी लीग के दो सबसे बड़े स्टार राहुल चौधरी और प्रदीप नरवाल खेल रहे थे। यह मुकाबला इसलिए भी बड़ा माना जा रहा था क्योंकि पटना पाइरेट्स प्रो कबड्डी लीग के दो बार के चैंपियन के रूप में उतरे थे और प्रदीप नरवाल ने टाइटन्स के खिलाफ पिछले सभी मुकाबलों में बड़ा स्कोर बनाया था। हालांकि इस सीजन में पटना की टीम पहले से काफी बदल चुकी थी और दर्शकों की निगाहें इस बात पर लगीं थीं कि एकदम से बदली हुई नई टीम अपने प्रतिद्वंदी के खिलाफ कैसे खेलती है। वहीं टाइटन्स के लिए भी यह मैच चुनौतियों से भरा था। टाइटन्स ने अपने अभियान की शुरुआत तो जीत के साथ की थी, लेकिन उन पर पहले मैच के मजबूत प्रदर्शन को दोहराने का दबाव था। इसके अलावा कप्तान राहुल चौधरी की निगाहें एक माइल स्टोन यानि 500वें प्वाइंट पर भी टिकी हुई थी। उम्मीद के मुताबिक ही दोनों टीमों ने एक दूसरे को कड़ा मुकाबला दिया और एक-एक प्वाइंट के लिए जबरदस्त कोशिश की। मैच के लगभग तीन-चौथाई समय में कोई भी टीम निर्णायक बढ़त हासिल नहीं कर पाई थी। अब तक के मुकाबले के दौरान कोई भी टीम 4 प्वाइंट से अधिक की बढ़त नहीं ले पाई थी। लेकिन तभी प्रदीप ने अपना जादू बिखेरा और ‘मैजिकल रेड’ करते हुए टीम की बढ़त को 1 प्वाइंट से 5 प्वाइंट कर दिया। इस तरह यह मुकाबला पाइरेट्स की तरफ मुड़ गया। इस मुकाबले में प्रदीप ने कुल 15 प्वाइंट्स बनाये, वहीं बेहतर शुरुआत के बाद राहुल अपने खेल को स्थिर नहीं रख पाए और सिर्फ 7 प्वाइंट ही बना सके। उनके कुल कैरियर प्वाइंट्स की संख्या भी 499 पर ही आकर रूक गई। इस मैच में राहुल ने व्यक्तिगत रिकॉर्ड के तलाश में कुछ ऐसी गलतियां की, जो टीम के लिए काफी महंगा पड़ा। लेखक - वीरेंद्र करूणाकर अनुवादक- सागर