प्रो कबड्डी 2019 के सातवें का लीग स्टेज अपने अंतिम दौर में हैं। इस समय जयपुर लेग चल रहा है और 28 सितंबर से पंचकुला में हरियाणा स्टीलर्स अपने होम लेग की शुरुआत करेगी। हरियाणा स्टीलर्स ने अभी तक खेले 17 में से 11 मुकाबले जीते हैं और वो 59 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर हैं। हरियाणा की टीम प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई करने के काफी करीब है और शानदार प्रदर्शन में कोच राकेश कुमार का अहम योगदान रहा है।
भारतीय टीम के लिए वर्ल्ड कप से लेकर एशिया गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने तक राकेश कुमार का प्रदर्शन शानदार रहा है। इस सीजन में अर्जुन अवॉर्ड विजेता राकेश कुमार ने हरियाणा स्टीलर्स के कोच के तौर पर अपना डेब्यू किया।
राकेश कुमार ने पंचकुला लेग (हरियाणा स्टीलर्स का होम लेग) से पहले स्पोर्ट्स्कीड़ा के साथ खास बातचीत की:
-होम लेग से पहले हरियाणा स्टीलर्स के प्रदर्शन को आप किस तरह देखते हैं?
-पॉइंट्स टेबल में हम तीसरे स्थान पर हैं, हमारा प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है। शुरुआत हमारी अच्छी नहीं रही थी, क्योंकि विकास और प्रशांत नहीं खेल पाए थे। विकास की वापसी से टीम का मनोबल बढ़ा है और हमने काफी अच्छे मैच जीते। इसके अलावा मुझे खुशी है कि जो जिम्मेदारी मैंने ली थी, मैं उसके ऊपर खरा उतरा।
-हरियाणा स्टीलर्स प्लेऑफ में पहुंचने के करीब हैं, होम लेग से पहले टीम के ऊपर कितना दबाव होगा?
-हमारे 5 मैच बाकी है और टीम के ऊपर दबाव बिल्कुल नहीं होगा। हमें सिर्फ एक-दो मैच और जीतने हैं, फिर प्लेऑफ में हमारी जगह क्लीयर हो जाएगी। प्लेऑफ में पहुंचने के बाद हमारा लक्ष्य सिर्फ इतना रहेगा कि हमें सीधा सेमीफाइनल में पहुंचना है। मैंने सभी खिलाड़ियों को बोला है कि सोच को ऊँचा रखा और इतना अच्छा खेलने के बाद भी सेमीफाइनल नहीं खेले, तो मेहनत पर पानी फिर जाएगा।
-विकास कंडोला के आने से टीम को मजबूती मिली है और प्रदर्शन में निरंतरता भी देखने को मिली है। आपको क्या लगता है कि विकास को कौन सी चीज सबसे अलग बनाती है?
-खिलाड़ी में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण चीज होती है अनुशासन। विकास हमेशा ही अनुशासन में रहता है और उसका ध्यान अभ्यास पर रहता है। इसके अलावा वो मुझसे और सीनियर प्लेयर्स से पूछता है कि वो और क्या कर सकता है। वो एक मेहनती खिलाड़ी है और इसी वजह से वो इतना अच्छा कर रहा है। पिछले सीजन के मुकाबले भी इस सीजन उसने काफी सुधार किया है।
-टीम के डिफेंस के प्रदर्शन में निरंतरता देखने को नहीं मिली है और साथ ही में कप्तान धर्मराज चेरालाथन के प्रदर्शन को आप किस तरह देखते हैं?
-हमारी टीम को एक अच्छे लीडर की जरूरत थी और इसलिए हमने धर्मराज चेरालाथन को लिया। उनसे अच्छा लीडर हमें नहीं मिल सकता था और उन्होंने वो काम किया है। उनके रहने से टीम को मदद मिलती है। डिफेंस के प्रदर्शन से शुरुआत में मैं निराश था, लेकिन डिफेंस सेट हो गया है। हालांकि अभी भी हमसे गलतियां हुई है और इसी वजह से हमें नुकसान हुआ है। मेरा खास ध्यान डिफेंस पर ही है और अब काफी बेहतर हो रहा है।
-इस सीजन कई दिग्गज रेडर्स का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा, लेकिन युवा खिलाड़ियों ने काफी प्रभावित किया। आपको इसके पीछे का क्या कारण लगता है?
-युवा खिलाड़ी सीनियर प्लेयर की तुलना में बहुत ज्यादा मेहनत करते हैं। जितने भी नए लड़के हैं वो पूरा साल मेहनत करते हैं और यहां तक कि लोकल टूर्नामेंट में खेलते हैं, जिसके कारण फिट भी रहते हैं। जो हमारे सीनियर प्लेयर हैं जैसे राहुल चौधरी, रोहित कुमार वो भी अच्छे हैं, लेकिन अब उनके ऊपर जिम्मेदारी ज्यादा है, तो और ज्यादा मेहनत करनी होगी।
-बतौर कोच आपका अनुभव किस तरह का रहा है?
-शुरुआत में मुझे लग रहा था कि कोच की लाइन बिल्कुल अलग है, इससे अच्छा मैं खेल ही लेता। कोच के ऊपर काफी जिम्मेदारी होती है और खासकर टीम को अनुशासन में रखना। मेरे लिए यह बहुत बड़ी चुनौती थी, लेकिन मुझे खिलाड़ी काफी अच्छे मिले हैं। यह एक दूसरे की बात सुनते हैं और साथ ही में मुझसे भी बात करते हैं। मैं काफी खुश हूं और टीम भी काफी अच्छा कर रही है। एक खिलाड़ी के तौर पर जो नाम कमाया, उसी दिशा में मैं एक कोच के तौर पर भी बढ़ रहा हूं।
-ऐसे कौन से खिलाड़ी आपको पीकेएल में नजर आते हैं, जो आपको लगता है कि आगे जाकर भारत के लिए काफी अच्छा कर सकते हैं?
-विकास कंडोला, नवीन, मनिंदर सिंह, पवन सेहरावत, यह रेडर्स ऐसे हैं अगर यह टीम में होते हैं भारत किसी से भी नहीं हार सकती है। साथ में अगर डिफेंस में सुनील, परवेश और नितेश हैं। नए खिलाड़ी इतने अच्छे आ रहे हैं कि भारतीय टीम और भी ज्यादा बेहतर हो जाएगी। इन्हीं ही खिलाड़ियों को भारतीय टीम की बागडोर संभालनी है और यह खेलते हैं तो भारत की टीम मजबूत होगी और भविष्य में हम हारेंगे नहीं।