Bengaluru Bulls Released Their Coach Big Mistake : प्रो कबड्डी लीग के 12वें सीजन के लिए टीमों ने अभी से अपनी तैयारी शुरु कर दी है। इस कड़ी में सबसे पहले टीमें अपने कोचिंग स्टाफ में बदलाव कर रही हैं। पुराने कोचों को हटाया जा रहा है और उनकी जगह पर नई नियुक्ति की जा रही है। परदीप नरवाल की बेंगलुरू बुल्स ने भी एक बेहद चौंकाने वाला फैसला लिया है। टीम ने अपने हेड कोच रणधीर सिंह सेहरावत को ही रिलीज कर दिया है, जो पिछले 11 साल से टीम के कोच थे।
उनकी कोचिंग में ही बेंगलुरू बुल्स छठे सीजन के दौरान चैंपियन बनी थी। हालांकि 11वें सीजन के दौरान बुल्स का प्रदर्शन बिल्कुल भी अच्छा नहीं रहा। टीम मात्र 2 ही मैच जीत पाई और अंक तालिका में सबसे निचले पायदान पर रही। इसी वजह से उन्हें रिलीज कर दिया गया। हालांकि हम आपको बताते हैं कि क्यों रणधीर सिंह सेहरावत को रिलीज नहीं किया जाना चाहिए था।
3.लगातार 11 सीजन से कोचिंग करने की वजह से भावनात्मक जुड़ाव
जब कोई कोच पिछले 11 सीजन से आपकी टीम के लिए कोचिंग कर रहा है तो फिर वो दिल से उस टीम के साथ जुड़ जाता है। वो हर एक फैसला टीम के हित के लिए करता है और दिल से चाहता है कि टीम को सफलता मिले। इसमें उसका अपना कोई नफा-नुकसान नहीं होता है। रणधीर सिंह सेहरावत भी काफी दिल से बुल्स के साथ जुड़े हुए थे। ऐसे में उनका टीम के साथ बने रहना काफी जरूरी था।
2.टैलेंट पहचानने की कला
रणधीर सिंह सेहरावत के अंदर खिलाड़ियों का उनका टैलेंट पहचानने की कला काफी जबरदस्त है। परदीप नरवाल जैसे खिलाड़ी को लाने का श्रेय उनको ही जाता है। उन्होंने ही दूसरे सीजन में परदीप नरवाल को मौका दिया था। इसके अलावा पवन सेहरावत जिस तरह से उनकी कोचिंग में निखरकर सामने आए उसके लिए भी उनकी काफी तारीफ होती है।
1.बेंगलुरु बुल्स टीम को अच्छी तरह से समझना
रणधीर सिंह पिछले 11 सीजन से बुल्स के कोच थे और इसी वजह से उन्हें इस टीम के बारे में एक-एक चीज काफी बारीकी से पता है। नए कोच को समझने में थोड़ा वक्त लगेगा। इसी वजह से रणधीर सिंह सेहरावत अगर कोच बने रहते तो शायद आने वाले सीजन में टीम को इसका फायदा भी मिल सकता था। उन्हें पता है कि इस टीम को किस तरह से खिलाना है और आगे लेकर जाना है।