PKL: प्रो कबड्डी लीग (Pro Kabaddi League,PKL) के 8 सीजन पूरे हो चुके हैं और 9वें सीजन की शुरुआत 7 अक्टूबर से होने वाली है। PKL में शुरुआत से लेकर अभी तक काफी बदलाव देखने को मिल चुके हैं। सीजन 4 तक PKL में सिर्फ 8 टीमें थी, लेकिन सीजन 5 से इस लीग में 12 टीमें हिस्सा ले रही हैं। इससे ज्यादा खिलाड़ियों को खेलने का मौका मिल रहा है और एक से बढ़कर एक मैच भी देखने को मिल रहे हैं।
अभी तक पटना पाइरेट्स ने सबसे ज्यादा 3, यू मुंबा, जयपुर पिंक पैंथर्स, बेंगलुरु बुल्स, बंगाल वॉरियर्स और दबंग दिल्ली ने एक-एक बार खिताबी जीत दर्ज की है। हालांकि किसी भी खेल की बात होती है तो उसमें नियम की चर्चा जरूर होती है और कई बार नियमों में खामियां भी निकाली जाती हैं। कबड्डी भी ऐसा खेल है, जिसके नियमों की चर्चा हमेशा की जाती है।
हाल ही में PKL 8 में बेंगलुरु बुल्स और बंगाल वॉरियर्स के बीच मुकाबला हुआ था। इस मैच के बाद से लॉबी रूल काफी चर्चा में आ गया था। यह एक ऐसा नियम है जिसमें रेडर की गलती का नुकसान उन्हें कम और डिफेंड करने वाली टीमों को ज्यादा होता है। इसके अलावा भी ऐसे कई नियम हैं जिनमें बदलाव की सख्त जरूरत है।
इस आर्टिकल में हम ऐसे ही तीन नियम के बारे में बात करने वाले हैं जिन्हें PKL में जरूर बदला जाना चाहिए।
#) PKL में टीमों को बड़े अंतर से जीतने के बाद बोनस अंक मिलना चाहिए
आप सब जानते ही हैं कि PKL में मैच जीतने वाली टीम को 5 अंक मिलते हैं और हारने वाली टीम अगर अंतर 7 या उससे कम रखती हैं तो उन्हें एक अंक मिलता है। हालांकि इससे एक सवाल उठता है कि जो टीम विशाल अंतर से मैच जीतती हैं उन्हें इसका फायदा क्यों नहीं मिलना चाहिए।
इसी वजह से अगर हारने वाली टीम को एक अंक मिलता है, तो उसी तरह कोई अगर टीम 10 या उससे ज्यादा के अंतर से जीतती हैं तो उन्हें भी अतिरिक्त अंक मिलना चाहिए। इससे टीमों को काफी फायदा होगा। PKL 8 में ही ऐसे कई मुकाबले देखने को मिल चुके हैं जिसमें टीमों ने एकतरफा जीत हासिल की।
10 या उससे ज्यादा जीत के अंतर के लिए अगर टीमों को एक अंक मिलना शुरू हुआ तो उससे टूर्नामेंट में दिलचस्पी और भी ज्यादा बढ़ सकती है। टीमों को भी पता रहेगा कि अगर वो अच्छे मार्जिन से जीतती हैं तो अंत में उन्हें स्कोर डिफरेंस के ऊपर भी ज्यादा निर्भर नहीं करना होगा।
#) PKL में टीमों को अतिरिक्त रिव्यू मिलना
इस समय PKL में हर टीम को एक असफल रिव्यू मिलता है, जिसे वो मैच के 40 मिनट के दौरान इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि हर टीम को एक की जगह दो रिव्यू दिए जाने चाहिए और इससे अगर रेफरी से कोई गलत फैसला लिया जाता है तो उसे रिव्यू की मदद से सही किया जा सकता है।
आपको बता दें कि कई बार ऐसा देखने को मिला है कि अगर रेफरी को ऑरिजनल फैसले को बदलने के लिए शत प्रतिशत प्रूफ नहीं मिलता तो वो ऑन-फील्ड रेफरी के साथ ही जाते हैं। इस हालात में टीम अपना रिव्यू खो देती हैं और पूरे मैच में उन्हें बिना रिव्यू के ही खेलना पड़ता है।
वैसे या दोनों हाफ के लिए एक-एक रिव्यू दोनों टीमों को दिया जा सकता है। इसके अलावा एक रिव्यू टीम के कप्तान और एक रिव्यू कोच को दिया जा सकता है। अतिरिक्त रिव्यू के आने से कबड्डी में गलती होने के चांस को खत्म किया जा सकता है।
#) PKL में लॉबी रूल में जरूर ही बदलाव किया जाना चाहिए
लॉबी नियम ऐसा है जिसके बारे में हमेशा से ही चर्चा की जाती रही है। आपको बता दें कि इस नियम के तहत अगर कोई खिलाड़ी बिना टच के पीले रंग वाले हिस्से में चला जाता है, तो वो आउट हो जाता है। हालांकि अगर यह गलती किसी रेडर से होती है, तो वो तो आउट होते ही हैं। उस रेडर के साथ जितने डिफेंडर लॉबी का हिस्सा बनते हैं उन्हें भी आउट दिया जाता है। इसी वजह से लॉबी नियम की काफी आलोचना की जाती है।
इस एक नियम से कई बार एक साथ 4-5 खिलाड़ियों को आउट होते हुए भी देखा गया है। PKL 8 में तो एक साथ 8 खिलाड़ी भी लॉबी नियम के चक्कर में आउट हुए हैं। इसी वजह से इस नियम में बदलाव की सख्त जरूरत है। अगर कोई खिलाड़ी बिना स्ट्रगल के लॉबी में जाता है तो वो रेड उसी वक्त खत्म हो जानी चाहिए और वो खिलाड़ी आउट घोषित होना चाहिए। इस नियम के कारण पूरा मैच एक रेड से पलटते हुए भी देखा जा चुका है।