एशियाई खेलों में भारत के खराब प्रदर्शन के बाद क्या प्रो कबड्डी में दिखेगा रोमांच?

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प्रो कबड्डी लीग की शुरूआत सात अक्टूबर से शुरू होंगे और अगले साल पांच जनवरी को इसका फाइनल खेला जाएगा। प्रो कब्डडी लीग का नया सीजन रोमांचक होने की उम्मीद है। हालांकि एशियाई खेलों में भारतीय कबड्डी टीम का प्रदर्शन देखते हुए देश के कबड्डी प्रेमियों को बेहद मायूसी हुई, बहुत मुमकिन है कि उसका असर प्रो कबड्डी लीग के छठे सीजन में देखने को मिले।

हालांकि आयोजकों का मानना है कि ऐसा कुछ होने वाला नहीं नहीं है और इस साल भी 12 ही टीमें टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाली है। प्रो कबड्डी लीग का पहला मैच चेन्नई में पिछले सीजन की चैंपियन पटना पाइरेट्स और तमिल थलाइवाज के बीच होगा। उसी दिन चेन्नई में ही पुनेरी पलटन का मुकाबला यू मुंबा से होगा। फाइनल मुंबई में खेला जाएगा। पटना का प्रदर्शन टूर्नामेंट में शानदार रहा है और तीन बार के गत विजेता हैं।

प्रो कबड्डी लीग की शुरुआत आठ टीमों से की गई थी, लेकिन इसकी लोकप्रियता को देखते हुए आयोजकों ने टीमों की तादाद 5वें सीजन में 12 कर दी। आयोजकों का मानना है कि ऐसा लीग का रोमांच को बढ़ाने के लिए ही किया गया था। पिछली बार की तरह ही टीमों को दो जोन में बांटा गया है, हर जोन में छह-छह टीमों को रखा गया है। प्लेआफ से पहले हर टीम 15 मुकाबले अपने जोन में और सात इंटर जोन मैच खेलेंगी। प्लेआफ स्टेज में तीन एलिमेनटर, दो क्वालीफायर और फाइनल मुकाबला खेला जाएगा।

मुकाबले करीब तीन महीने तक चलेंगे, इस दौरान रेडर और डिफेंडर के बीच रोमांचक संघर्ष देखने को मिलेगा। इस सत्र में निगाहें लीग के सबसे महंगे खिलाड़ी मोनू गोयत पर रहेगी. इस तेज-तर्रार रेडर को हरियाणा स्टीलर्स ने 1.51 करोड़ में खरीदा है।

तेलुगू टाइटंस ने 1.29 करोड़ में राहुल चौधरी को खरीदा तो दीपक निवास हुड्डा व नितिन तोमर को क्रमशः जयपुर पिंक पैंथर्स और पुनेरी पल्टन ने 1.15 करोड़ में खरीदा।

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