प्रो कबड्डी लीग (PKL) में हमेशा ही युवा खिलाड़ियों को अपनी काबिलियत दिखाने का मौका मिलता है। खिलाड़ियों की नजर भी हमेशा मिले मौकों का फायदा उठाते हुए अच्छा प्रदर्शन पर होती है। यूपी योद्धा (UP Yoddha) के रेडर सुरेंदर गिल (Surender Gill) ने मिले मौकों का जबरदस्त तरीके से फायदा उठाया है।
यूपी योद्धा ने अभी तक 6 मैच खेले हैं, जिसमें टीम को एक मैच में जीत, तीन में हार और दो मुकाबले उनके टाई रहे हैं। हालांकि परदीप नरवाल का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा है, लेकिन गिल ने अपनी टीम को बिल्कुल भी निराश नहीं किया है।
सुरेंदर गिल ने अभी तक यूपी योद्धा के लिए इस सीजन में 6 मुकाबले खेले हैं जिसमें उन्होंने 46 पॉइंट्स हासिल किए हैं। सुरेंदर गिल ने 42 पॉइंट्स रेडिंग में और 4 टैकल में हासिल किए हैं। इस बीच उन्होंने दो सुुपर 10 भी लगाए हैं और वो अपनी टीम के लिए सबसे ज्यादा पॉइंट्स हासिल करने वाले खिलाड़ी भी हैं।
PKL 8 में अपने अबतक के प्रदर्शन को लेकर सुरेंदर गिल ने स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी से खास बातचीत की और उन्होंने अपने कबड्डी के सफर से लेकर यह भी बताया टीम के अनुभवी रेडर से उन्होंने क्या-क्या सीखा है।
#) PKL 8 में परदीप नरवाल अभी तक अपनी लय में नजर नहीं आए हैं, तो आपके ऊपर इसका कितना दबाव है और मैचों के लिए कुछ अलग तैयारी कर रहे हैं?
-) मेरे ऊपर दबाव नहीं है, लेकिन परदीप नरवाल की जो परफॉर्मेंस डाउन है, मुझे ही ज्यादा पॉइंट्स लेकर आने हैं। हमें अभी और ज्यादा प्रैक्टिस करनी पड़ेगी और ज्यादा से ज्यादा इन्वोल्व रहना होगा। मैंने कुछ अलग तैयारी नहीं की है और कोच की प्लानिंग के मुताबिक ही हम खेलते हैं। कोच हमें बताते हैं कि कहां हम पॉइंट्स ला सकते हैं और कहां हम टैकल हो सकते हैं।
#) यूपी योद्धा ने हाल में दो मुकाबले टाई खेले, लेकिन अगर टीम जीत के लिए जाती तो क्या आपको लगता यूपी को मोमेंटम मिल सकता था?
-) हम अगर जीत के लिए जाते, तो हमें मोमेंटम मिलता और साथ ही में टीम के आत्मविश्वास में भी इजाफा होता। हालांकि वो मैच की लास्ट रेड भी थी और अगर हम आउट हो जाते तो मुकाबले हारने का खतरा था। इसी वजह से हमने रिस्क नहीं लिया।
#) यूपी योद्धा की आने वाले मैचों के लिए क्या रणनीति रहेगी और वापसी के लिए क्या अलग करना होगा?
-) हमारी टीम के साथ पिछले सीजन में भी यह ही हुआ था कि 3-4 मैच अच्छे नहीं गए थे और तालमेल में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था। हालांकि बाद में हमारी टीम सेटल हो गई थी और इस बार भी वैसा ही कुछ होगा।
#) परदीप नरवाल ने सीजन शुरू होने से पहले आपकी काफी तारीफ की थी। उनसे आपकी क्या बातचीत हुई और उनसे क्या-क्या सीखा?
-) इस सीजन के शुरू होने से पहले कैंप लगा था, उसमें परदीप नरवाल से बहुत कुछ सीखने को मिला है। वो डुबकी कैसे लगाते हैं और उनका व्यवहार भी काफी ज्यादा अच्छा है। सबसे ज्यादा यह सीखा दबाव को किस तरह झेलना है। टीम जब पीछे चल रही होती है, तो दबाव आ जाता है। परदीप नरवाल और श्रीकांत जाधव दबाव को कैसे झेलते हैं यह भी सीखने को मिला।
#) आपने कबड्डी खेलना कब शुरू किया और परिवार की तरफ से किस तरह का समर्थन मिला?
-) मैं कबड्डी खेलना गांव से ही शुरू किया था और शरुआत में ऐसा कोई खास गोल भी नहीं था। मैंने दोस्तों के साथ ही खेलना शुरू किया और फिर धीरे-धीरे इसमें दिलचस्पी बढ़ने लगी थी। इसके बाद मैंने सोच लिया था कि कबड्डी में ही अपना करियर बनाना है। परिवार की तरफ ज्यादा समर्थन नहीं मिला था। हालांकि बाद में भाई और पिता जी ने मुझे पूरा सपोर्ट किया।