PKL 2022 में तमिल थलाइवाज ने जब पवन कुमार सेहरावत को 2 करोड़ 26 लाख रुपये में खरीदा था, तो सभी की नज़र हाई-फ्लाइर के ऊपर ही थी। हालांकि पहले ही मैच में PKL इतिहास के सबसे महंंगे खिलाड़ी के चोटिल होने के बाद तमिल थलाइवाज को बड़ा झटका लगा था, लेकिन उनकी गैरमौजूदगी में 18 साल के युवा रेडर नरेंदर कंडोला ने टीम के मुख्य रेडर की जिम्मेदारी बहुत ही अच्छे तरीके से संभाली। उन्होंने अपने पहले ही सीजन में उन्होंने सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचा है।
नरेंदर कंडोला ने अभी तक PKL 2022 में 9 मैच खेले हैं, जिसमें उनके 101 पॉइंट्स हैं। इसमें 99 रेड पॉइंट्स और 2 टैकल पॉइंट्स हैं। अभी तक वो 5 सुपर 10 लगा चुके हैं और औसतन हर मुकाबले में वो 11 रेड पॉइंट्स हासिल कर रहे हैं। इस बीच एक मैच में सबसे ज्यादा वो 23 रेड पॉइंट्स हासिल कर चुके हैं। नरेंदर कंडोला ने पहले सीजन में अपने प्रदर्शन और गेम में आए बदलाव को लेकर Sportskeeda से खास बातचीत में कहा,
"अपने पहले सीजन में टीम के लिए प्रदर्शन करते हुए अच्छा लग रहा है। मुझे बहुत ज्यादा खुशी है, क्योंकि इस सीजन अभी तक किसी भी रेडर ने एक मैच में 23 रेड पॉइंट्स नहीं लिए हैं। मैंने अपने पहले ही सीजन में यह काम किया तो काफी ज्यादा अच्छा लग रहा है। सभी टीमों को पता चल गया था कि मैं बोनस पर ही खेल रहा हूं और मेरी पवन भाई से बात हुई, उन्होंने मुझे बताया कि टच भी किया कर। कोच ने भी कहा कि बोनस से ही काम नहीं चलेगा। इसका फायदा मुझे पिछले कुछ मैचों में मिला है।"
18 साल के रेडर ने पवन कुमार सेहरावत से मिली सलाह के बारे में बात करते हुए कहा,
"पवन सेहरावत ने कैंप में काफी मदद की और अहम सलाह भी दी। मैं जो गलती करता था उसके बारे में बताते थे और सबसे खास बात उन्होंने बहुत ज्यादा कॉन्फिडेंस दिया, जिससे काफी मदद मिली।
तमिल थलाइवाज की शुरुआत इतनी खास नहीं रही थी और पहले 6 मुकाबलों में वो सिर्फ एक में जीत दर्ज कर पाए थे। इसके बाद टीम के हेड कोच जे उदयकुमार को व्यक्तिगत कारणों की वजह से टीम का साथ छोड़ना पड़ा और फिर टीम ने अशन कुमार को नया कोच बनाया। अशन कुमार के टीम से जुड़ने के बाद टीम की किस्मत भी बदली है। टीम ने दो लगातार मैच जीते और एक मुकाबला टाई खेला।
टीम के नए अशन कुमार को लेकर नरेंदर ने कहा,
"हम आखिरी दो मैच हारकर यहां पर आए थे और सबसे जरूरी कॉन्फिडेंस था, जोकि कोच अशन कुमार ने हमें दिया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि पहले जो हुआ उसे भूल जाओ और आने वाले मैचों के ऊपर ध्यान होना चाहिए। प्रैक्टिस के समय उन्होंने हमारी कमियों पर भी काम किया।"
PKL 2022 में नरेंदर कंडोला ने अपने सबसे बड़े लक्ष्य का भी किया खुलासा
तमिल थलाइवाज इस लीग का हिस्सा सीजन 5 से हैं, लेकिन वो अभी तक एक बार भी प्ले-ऑफ में नहीं पहुंच पाए हैं। यह बात नरेंदर कंडोला भी अच्छी तरीके से जानते हैं और व्यक्तिगत अचीवमेंट से ज्यादा उनकी नज़र तमिल थलाइवाज को पहली बार प्ले-ऑफ में पहुंचाने पर है। उन्होंने कहा,
"मैं सिर्फ अपनी टीम को ज्यादा से ज्यादा मैचों में जीत दिलाना चाहता हूं। तमिल थलाइवाज ने अभी तक प्ले-ऑफ में जगह नहीं बनाई और इस बार टीम को प्ले-ऑफ के लिए क्वालीफाई कराना है। इस सीजन के लिए बस यह ही लक्ष्य हैं और अपने लिए पर्सनली कोई लक्ष्य अगले सीजन में ही देखूंगा।"
नरेंदर कंडोला 11-12 साल की उम्र से ही कबड्डी खेल रहे हैं और उन्होंने इस समय बेंगलुरु बुल्स के लिए खेलने वाले स्टार रेडर विकास कंडोला को देखते हुए कबड्डी खेलना शुरू किया। अपने कबड्डी के सफर के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा,
"गांव में विकास कंडोला, संदीप कंडोला खेला करते थे, धीरे-धीरे इन्हें देखकर ही खेलने की इच्छा हुई। 11 साल की उम्र से ही गांव में कबड्डी खेलना शुरू किया था। 2019 में मैं SAI गांधीनगर गया था, जहां से कई खिलाड़ी Pro Kabaddi League खेले। इसमें सुनील, परवेश, सचिन शामिल हैं। उन खिलाड़ियों को देखकर ही मुझे लगा कि मैंने भी PKL में खेलना है।"
तमिल थलाइवाज के युवा रेडर के लिए राह इतनी आसान नहीं रही और शुरुआत में परिवार की तरफ से भी उन्हें पढ़ाई के ऊपर ध्यान लगाने के लिए कहा गया था। हालांकि कबड्डी खेलने का मन बना चुके नरेंदर ने हार नहीं मानी और आज वो तमिल थलाइवाज के लिए बतौर लीड रेडर खेल रहे हैं।
नरेंदर कंडोला ने अपने परिवार से मिले समर्थन के बारे में बात करते हुए कहा,
"शुरुआत में घर वाले कहते थे कबड्डी से क्या ही होगा। पढ़ेंगे तो अच्छी नौकरी मिलेगी। धीरे-धीरे घर से भी पूरा समर्थन मिलने लगा। मैं जब खेलने जाता था, तो कभी जीतकर आता था और कभी हारकर भी आया, लेकिन उन्होंने हमेशा हौसला बढ़ाया। PKL के टाइम भी घर वाले यह ही कहते हैं कि दबाव नहीं लेना है और अपना खेल खुलकर खेलना है। सभी खुश हैं, क्योंकि पहले ही सीजन में मैं इतना अच्छा कर रहा हूं।"