सर्वविदित है कि कबड्डी खेल पूर्णतया भारतीय है। दूसरे शब्दों में कहें तो भारत कबड्डी का जन्मदाता है। धीरे-धीरे दूसरे देशों ने इसे अपनाया। एक समय ऐसा भी था जब यह खेल बहुत कम लोकप्रिय था। प्रो कबड्डी लीग आने से इसकी लोकप्रियता में इजाफा हुआ और ख़ास बात यह रही कि ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाली प्रतिभाओं को भी इससे लाभ हुआ। आज भारत में इस खेल के करोड़ों फैन्स हैं और प्रो कबड्डी लीग की वजह से ऐसा हुआ है। प्रो कबड्डी के छठे सीजन के लिए मोनू गोयत को नीलामी में सबसे अधिक राशि देकर खरीदा गया। उन्हें 1 करोड़ 51 लाख रूपये में हरियाणा स्टीलर्स ने खरीदा।
प्रो कबड्डी में जाने का सपना हर एक युवा का है और उसे पूरा करने की जुगत में भी खिलाड़ी जुटे रहते हैं। सबसे पहले फिटनेस और खेल का ज्ञान अति आवश्यक है। स्कूल प्रतियोगिताओं में कबड्डी होती है। इसके अलावा स्पोर्ट्स स्कूल्स भी इस खेल को प्राथमिकता आजकल देते हैं। वहां से निखरने के बाद ही खिलाड़ी आगे का सफर तय करने के लिए प्रो कबड्डी तक पहुंचते हैं। शुरुआत स्कूली खेलों से करना सही होता है।
प्रो कबड्डी में भविष्य में आने वाले खिलाड़ियों के लिए 'फ्यूचर कबड्डी हीरोज' नामक एक कार्यक्रम शुरू हुआ है जिसमें प्रो कबड्डी में आने वाले खिलाड़ियों को तराशने का काम किया जाता है। भारतीय कबड्डी फेडरेशन (AKFI) और मशाल स्पोर्ट्स ने 2017 में इसकी शुरुआत की। इसमें राज्य कबड्डी फेडरेशन भी जोड़े गए ताकि भविष्य में 18 से 22 साल तक के आने वाली कई युवाओं को आगे आने का मौका दिया जाए।
चयनित खिलाड़ियों को उचित मापदंड और प्रो कबड्डी की उम्मीदों के अनुरूप ट्रेनिंग देने का कार्य किया जाता है। इसमें सभी तरह के प्रोफेशनल दांव-पेच सिखाए जाते हैं। पांचवे सीजन में इसके जरिये 133 खिलाड़ियों का नाम नीलामी में शामिल था और 55 को विभिन्न टीमों के लिए खरीदा गया था।
कठोर शॉर्ट लिस्ट प्रक्रिया के बाद फेज 2 के लिए 200 से 220 खिलाड़ियों को चुना जाता है। इसके बाद फेज 3 के लिए 80 से 100 खिलाड़ियों को एक महीने की कड़ी ट्रेनिंग के लिए चुना जाता है और नीलामी में ड्राफ्ट का हिस्सा बनाया जाता है। नीलामी के दौरान स्पोर्ट्स के विशेषज्ञ और विभिन्न कोच और मालिक मौजूद रहते हैं। तकनीक और अनुभव के साथ फुर्ती और फिटनेस देखकर खिलाड़ियों की बोली लगती है और उन्हें खरीदा जाता है।
टूर्नामेंट शुरू होने से पहले भी ट्रेनिंग के लिए समय रहता है। उसमें प्रोफेशनल एक्सपर्ट और कोच की मौजूदगी में अभ्यास कराया जाता है तथा सभी तरह की तैयारियों के बाद खिलाड़ियों को प्रो कबड्डी के मैदान में उतारा जाता है। कोई युवा प्रो कबड्डी में जाने की इच्छा रखता है तो बताई गई प्रक्रिया का पालन कर एक कबड्डी खिलाड़ी बन सकता है।