Pro Kabaddi 2017: 5 ख़िलाड़ी जिनका प्रदर्शन अभी तक निराशाजनक रहा

Rahul
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प्रो कबड्डी के सीजन 5 में हमने कई अनुभवी और युवा खिलाड़ियों के प्रदर्शन को देखा और बखुबी सराहा है। इन खिलाड़ियों ने भी अपने खेल से सभी का दिल जीता है। परदीप नरवाल, सुरेंदर नाड़ा, रोहित कुमार, राहुल चौधरी, जैसे स्टार खिलाड़ियों ने अपने नाम के मुताबिक इस सीजन में प्रदर्शन भी किया लेकिन इन खिलाड़ियों के साथी स्टार ख़िलाड़ी ऐसे भी रहे, जो इस साल अपने प्रदर्शन को अपने खेल के मुताबिक नहीं रख पाए। उन्होंने खेले गए अभी तक सभी मैचों में अपनी टीम के लिए निराशाजनक प्रदर्शन ही किया। आईये नजर डालते हैं ऐसे ही 5 बेहतरीन खिलाड़ियों पर, जिन्होंने हिट होने के बाद भी इस सीजन अच्छा प्रदर्शन नहीं किया : #1 राजेश नरवाल (युपी योद्धा) प्रो कबड्डी लीग में पहली बार खेल रही यूपी योद्धा की टीम का प्रदर्शन औसतन रहा और घरेलू मैदान पर तो निराशाजनक ही रहा। इसका सबसे बड़ा कारण उनके ऑलराउंडर राजेश नरवाल का टीम के लिए न चलना रहा। यूपी योद्धा के कप्तान नितिन तोमर और स्टार रेडर रिशांक देवाडिगा ने अपने खेल से यूपी को कई मैचों में जीत दिलाई लेकिन राजेश नरवाल का आउट ऑफ़ फॉर्म रहना टीम के लिए घरेलू मैचों में सही साबित नहीं हुआ। राजेश नरवाल ने इस सीजन केवल 22 अंक प्राप्त किये हैं, जो उनके खेल और काबिलियत के अनुसार बहुत कम है। यूपी योद्धा को उम्मीद रखनी होगी कि उनका यह ऑलराउंडर जल्द ही फॉर्म में आये और टीम की जीत में अपना योगदान दे। #2 काशिलिंगे अड़के (यू मुम्बा) 12 प्रो कबड्डी इतिहास में राहुल चौधरी के बाद सबसे ज्यादा अंक में जिस रेडर का नाम आता है, वह यू मुम्बा के काशिलिंगे अड़के हैं। पिछले सत्र में दबंग दिल्ली की तरफ से खेलते हुए काशिलिंगे ने शानदार प्रदर्शन किया था लेकिन इस बार कैप्टन कूल अनूप कुमार का साथ वह निभाते नजर नहीं आये। यू मुम्बा के लिए खेले गए अभी तक 6 मैचों में इस 5 स्टार रेडर ने केवल 13 अंक प्राप्त किये हैं। उनका फॉर्म में न आना यू मुम्बा के लिए चिंता का सबब बना हुआ है लेकिन एक अनुभवी ख़िलाड़ी की पहचान और तजुर्बा हमेशा बड़े मैचों में नजर आता है। काशिलिंगे भी आने वाले मैचों में अपने शानदार प्रदर्शन से सभी को प्रभावित कर सकते हैं। #3 दीपक निवास हुड्डा (पुनेरी पलटन) 13 पुनेरी पलटन ने मंजीत छिल्लर जैसे अनुभवी ऑलराउंडर खिलाड़ियों के स्थान पर दीपक जैसे युवा ख़िलाड़ी पर भरोसा जताते हुए अपनी टीम के रिटेन ख़िलाड़ी के रूप में रखा था लेकिन हुड्डा ने इस सीजन अपने खेल के प्रति प्रदर्शन नहीं किया। उन्होंने 6 मैच में केवल 29 अंक प्राप्त किये हैं। जबकि पिछले सत्र में उन्होंने अपनी टीम के लिए 100 से अधिक अंक प्राप्त किये थे। पुणे की टीम ने इस सीजन संदीप नरवाल और धर्मराज चेर्लाथान के दमदार खेल की बदौलत अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन उनके युवा कप्तान का न चल पाना उनके लिए चिंताजनक माना जा सकता है। #4 मोहित छिल्लर (हरियाणा स्टीलर्स) 14 हरियाणा टीम के डिफेंस को मजबूती प्रदान करने वाले दो खिलाड़ी, सुरेंदर नाड़ा और मोहित छिल्लर का नाम प्रो कबड्डी के इतिहास में डिफेंडर की लिस्ट में सबसे ऊपर आता है। इसीलिए सुरेंदर नाड़ा ने अपना बेहतरीन फॉर्म को जारी रखते हुए 6 मैचों में 5 हाईफाइव अपने नाम किये हैं लेकिन उनके साथी ख़िलाड़ी मोहित छिल्लर ने सभी को अपने खेल से निराश किया और खेले गए 6 मैचों में केवल 11 टैकल अंक ही प्राप्त किये। प्रो कबड्डी में टॉप 3 डिफेंडर में मोहित का नाम शामिल है लेकिन अपने ख़राब फॉर्म से जूझ रहे मोहित भी चाहेंगे की वह अपने साथी ख़िलाड़ी सुरेंदर नाड़ा का साथ निभाए। सुरेंदर नाड़ा के साथ अगर मोहित छिल्लर अपनी फॉर्म को पकड़ लेते है, तो हरियाणा स्टीलर्स इस सीजन को जीतने की दावेदारी पेश कर सकती है। #5 अजय कुमार (बेंगलुरु बुल्स) 15 कबड्डी में डू और डाई रेड के स्पेशलिस्ट रेडर माने जाने वाले अजय कुमार का प्रदर्शन इस सीजन औसत ही रहा। बेंगलुरु बुल्स के लिए कप्तान रोहित ने रेडिंग विभाग में अकेले दारोमदार संभाला हुआ है, जबकि उनका साथ देने में अजय कुमार लगातार असफल रहे। बेंगलुरु की टीम ने अभी तक खेले गए 9 मैचों में केवल 3 में जीत अर्जित की, इन 9 मैचों में अजय ने केवल 32 रेड पॉइंट्स हासिल किये हैं। अजय के कोच रंधीर सिंह ने प्रदर्शन को केवल उनके अंदर आत्मविश्वास की कमी बताया है और उनका मानना है कि उनकी स्किल्स और खेलने का जोश अभी भी पुराना है जो हमें आने वाले मैचों में नजर आएगा।