2014 में शुरू हुई स्टार स्पोर्ट्स प्रो कबड्डी लीग में अब तक के सारे सीज़न में काशीलिंग अडाके का प्रदर्शन शानदार रहा है। काशीलिंग की ख़ासियत है उनका हनुमान जंप, जो डिफ़ेंडर के साथ साथ दूसरे रेडर्स को भी हैरान कर देता है। महाराष्ट्र के रहने वाले काशीलिंग 400 रेड प्वाइंट्स के बेहद क़रीब खड़े हैं। पहले दो सीज़न काशीलिंग के लिए शानदार गए थे, जहां उन्होंने लगातार दो सीज़न में 100 से ज़्यादा अंक हासिल किए और ऐसा करने वाले पहले रेडर बने। PKL ने न सिर्फ़ उन्हें नाम और शोहरत दी, बल्कि उन्हें एक साउथ एशियन गेम्स 2016 में भारत के लिए खेलने का मौक़ा भी दिया। सीज़न-2 के सबसे बेहतरीन रेडर काशीलिंग के बारे में वह 10 बातें जो आपको जाननी चाहिए: #1 18 दिसंबर 1992 को महाराष्ट्र के संगली ज़िला में पैदा हुए काशीलिंग अडाके एक पहलवान परिवार से तालुक़ रखते हैं। लेकिन उन्हें कभी भी कुश्ती पसंद नहीं थी और उन्होंने माना कि वह उससे डरते भी थे। काशीलिंग ने कबड्डी खेलना स्कूल में शुरू किया था, और फिर धीरे धीरे इसी में करियर बनाने की उन्होंने ठानी। #2 हालांकि, उनकी क़िस्मत को कुछ और मंज़ूर था। 2013 में उनके पिता का निधन हो गया और उनके कंधों पर परिवार को पालने की ज़िम्मेदारी आ गई थी। काशीलिंग को इसके बाद मज़दूरी करनी पड़ी, वह एक चीनी मिल में काम किया करते थे जहां उन्हें 8 घंटे का 200 रुपया मिला करता था। #3 एक और परिवर्तन उनकी ज़िंदगी में आने वाला था और इस बार उनकी बेहतरी के लिए। काशीलिंग के रिश्तेदार जो ख़ुद कबड्डी खेला करते थे उन्होंने उनकी क़िस्मत की खिड़की खोली। उनके अंकल के ज़ोर देने पर काशीलिंग मुंबई आए और कबड्डी में अपना करियर बनाने की ठानी। #4 हालांकि ये उनके लिए इतना आसान नहीं था, उन्होंने कई बाधाओं को पार करने के बाद वहां पहुंचे जहां आज क़ामयाबी उनके क़दम चूम रही है। स्पोर्ट्स ऑफिरिटी ऑफ़ इंडिया (SAI) ने पहली बार उन्हें नाकार दिया था और उन्हें मेहनत करने की नसीहत दी। #5 इस बात से काशीलिंग टूटे नहीं, बल्कि उन्होंने अपनी ग़लतियों को परखा और उसपर मेहनत करते हुए SAI के खिलाड़ियों को क़रीब से देखते थे। काशीलिंग की मेहनत रंग लाई और अगले साल उनका चयन हो गया। #6 महिंद्रा टीम के साथ उनकी मुलाक़ात ने उनकी क़िस्मत पलट दी, महिंद्रा की टीम जहां खेलती थी, वहां पानी जमा था और एक दिन उन्हें SAI में खेलना पड़ा, जहां उनकी नज़र काशी पर पड़ी और यहीं से काशीलिंग का करियर मानो बदल गया। महिंद्रा ने उन्हें अपनी टीम में चुना और फिर उन्होंने 24 प्लेयर अवॉर्ड मिला। #7 उनका शानदार प्रदर्शन हमेशा सभी की नज़रों में रहा, जहां उन्हें रेलवे ने खेलने का मौक़ा दिया, लेकिन इस ऑफ़र को काशी ने हिंदुस्तान पेट्रोलियम के लिए ठुकरा दिया। इसके कुछ ही समय बाद उन्हें राष्ट्रीय कैंप में चुन लिया गया। #8 अपने कैंप के ही शुरुआत में उन्हें प्रो कबड्डी लीग का प्रस्ताव आय़ा, और उन्हें दबंग दिल्ली ने चुन लिया। दबंग के लिए ये खिलाड़ी लगातार 4 सीज़न से खेल रहा है, काशी कुछ ही ऐसे खिलाड़ी हैं जो PKL में लगातार एक ही टीम के साथ हैं। #9 काशी इकलौते ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने लगातार दो सीज़न में 100 से ज़्यादा रेड प्वाइंट हासिल किए। PKL के पहले सीज़न में काशी को 113 अंक मिले थे और फिर दूसरे सीज़न में भी उन्होंने रेड प्वाइंट का शतक जड़ा। सीज़न-2 में काशी ने 114 अंक हासिल किए और बेस्ट रेडर से नवाज़े गए। #10 काशी का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन सीज़न-2 में तेलुगु टाइटंस के ख़िलाफ़ टाई मैच में आया था। काशीलिंग ने उस मैच में 24 प्वाइंट्स हासिल किए थे और एक मैच में सबसे ज़्यादा रेड प्वाइंट्स लेने का रिकॉर्ड अपने नाम किया था। जिसकी बराबरी सीज़न-3 में पटना पाइरेट्स के परदीप नरवाल ने की।