स्टार स्पोर्ट्स प्रो कबड्डी ने भारत के पारंपरिक खेल कबड्डी को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया। कबड्डी अब सभी के दिल में जगह बना चुकी और इस खेल के फ़ैंस अब दुनिया के कोने कोने में नज़र आ रहे हैं। 8 फ़्रैंचाइज़ी देश के अलग अलग हिस्सों से पूरे एक महीने मैट के ऊपर इस खेल के सिकंदर बनने के लिए लड़ते हैं और फिर उन्हें देश का बेस्ट घोषित किया जाता है। PKL का कारवां इन सारे शहरों से होता हुआ गुज़रता है, जहां हर एक टीम को 4 दिन अपने घर में मेज़बानी करने का मौक़ा मिलता है। इस दौरान मेज़बान टीम 4 मैच अपने घर में खेलती है और बाक़ी के 10 मैच दूसरी टीम के घर पर। यही वजह है कि अपने घर में होने वाले मैचों को जीतकर मेज़बान टीम अपनी स्थिति बेहतर करने के फ़िराक में रहती है। आइए एक नज़र डाल लेते हैं अपने घर में इस पूरे प्रो कबड्डी इतिहास में किस टीम ने जीते हैं सबसे ज़्यादा मैच और कौन रही है सबसे पीछे। इसी आधार पर आपके सामने है ये रैंकिंग: #8 दबंग दिल्ली
मैच खेले | जीते | हारे | टाई | जीत % |
16 | 3 | 11 | 2 | 19% |
दबंग दिल्ली का प्रो कबड्डी इतिहास में अपने घर में खेलते हुए रिकॉर्ड बेहद निराशाजनक रहा है। दिल्ली का जीत का प्रतिशत अपने घर में 19 से भी नीचे है, इगल्स ने अपने घर दिल्ली के थ्यागराज में इस साल भी हमेशा ही की तरह फ़ैंस को निराश किया। अपने घर में इस टीम ने 16 मैच खेले हैं जिसमें से सिर्फ़ 3 मैचों में ही जीत नसीब हुई है, और 11 मैचों में हार का सामना करना पड़ा है, जबकि 2 मैच टाई हुए हैं। सीज़न-3 में दो दिल्ली दबंग ने जीत का खाता भी नहीं खोला था। हालांकि सीज़न-4 में दिल्ली को अपने घर में सबसे बड़ी जीत नसीब हुई थी, जब उन्होंने बंगाल वॉरियर्स को 21 अंको से शिकस्त दी थी। इसके बाद फिर अगले तीन दिन तक वह हारते ही रहे और टूर्नामेंट से बाहर हो गए। दिल्ली प्रो कबड्डी के अबतक चारों सीज़न में तीन निचली टीमों में ही रही है, और इसकी वजह क्या है सभी के सामने है। अगर अपने घर में भी दिल्ली को जीत की आदत लग जाए, तो फिर बाहर जाकर ठीक ठाक प्रदर्शन करने वाले इगल्स प्वाइंट्स टेबल में भी स्थिति सुधार सकते हैं। #7 पुनेरी पलटन
मैच खेले | जीते | हारे | टाई | जीत % |
16 | 5 | 8 | 3 | 31% |
पुनेरी पलटन का प्रदर्शन भी अपने घर में अच्छा नहीं रहा है, सीज़न-4 के सेमीफ़ाइनल में पहुंचने वाली इस टीम का अपने घर में जीत प्रतिशत 31 का ही रहा है। पुनेरी ने तीन सीज़न में अपने घरेलू मुक़ाबले पुणे के श्री शिव क्षत्रपति स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में खेले थे, लेकिन सीज़न-4 में उन्हें अपना घरेलू मैच मुंबई में खेलना पड़ा था। मुंबई में मेज़बानी करते हुए पुनेरी पलटन का प्रदर्शन अपने होम लेग का बेस्ट रहा, जहां पुनेरी पलटन को 2 में जीत और 1 हार मिली, जबकि एक मुक़ाबला ड्रॉ रहा। जिसमें एक जीत यू मुम्बा के ख़िलाफ़ आई थी जब उन्हें 7 मुक़ाबलों के बाद पुनेरी ने शिकस्त दी। पुनेरी का प्रदर्शन उन्हें इस बार सीज़न-4 में सेमीफ़ाइनल तक पहुंचा चुका है, पुनेरी के फ़ैंस को उम्मीद होगी कि आने वाले सीज़न में पुनेरी पलटन अपने होम लेग और भी बेहतर कर सके। #6 बेंगलुरू बुल्स
मैच खेले | जीते | हारे | टाई | जीत % |
16 | 6 | 10 | 0 | 34% |
बेंगलुरु बुल्स का जीत प्रतिशत इस सीज़न से पहले 50 से ज़्यादा था, लेकिन सीज़न-4 का होम लेग उनके लिए बेहद निराशाजनक रहा। बेंगलुरू को इस सीज़न के अपने सभी के सभी घरेलू मुक़ाबलों में हार का सामना करना पड़ा। पहले सीज़न में बेंगलुरू ने अपने घर में खेले गए 4 में से 3 मुक़ाबले जीते थे। सीज़न-2 उनके लिए मिला जुला रहा था जहां उन्हें 2 में जीत तो 2 में हार मिली। हालांकि सीज़न-2 में इस टीम ने फ़ाइनल तक का सफ़र तय किया था। सीज़न-3 में भी बेंगलुरू को अपने घर में निराशा हाथ लगी थी, जब 4 मैच में मेज़बान टीम को 3 में हार झेलनी पड़ी थी। लेकिन इस बार उस रिकॉर्ड को भी बेंगलुरू ने तोड़ डाला, जबकि इस टीम में एक से बढ़कर खिलाड़ी मौजूद थे, पिछले सीज़न के MVP और स्टार डिफ़ेंडर मोहित चिल्लर के रहते हुए भी इस टीम ने अपने फ़ैंस को निराश किया। #5 बंगाल वॉरियर्स
मैच खेले | जीते | हारे | टाई | जीत % |
16 | 7 | 8 | 1 | 44% |
बंगाल वॉरियर्स अपने घरेलू मैच कोलाकाता के ऐतिहासिक नेताजी सुभाषचंद्र बोस इंडोर स्टेडियम में खेलते हैं। जहां उनका प्रदर्शन साधारण रहा है, वॉरियर्स मे अपने घर में अब तक 16 मैच खेले हैं जिसमें उन्हें 7 जीत और 8 हार का सामना करना पड़ा है, जबकि एक मुक़ाबला टाई रहा। बंगाल का जीत प्रतिशत अपने घर में 44 का रहा है। पहले सीज़न में बंगाल ने अपने घर में दो जीते और दो मैच हारे, सीज़न-2 में उन्हें सिर्फ़ 1 में जीत मिली जबकि 3 मुक़ाबलो में वॉरियर्स को हार का सामना करना पड़ा। तीसरे सीज़न में शानदार वापसी करते हुए बंगाल ने 4 में से 3 मुक़ाबले जीते और सेमीफ़ाइनल में एंट्री ली थी। इस सीज़न में बंगाल को अपने घर में सिर्फ़ एक मैच में जीत मिली, दो हारे और एक ड्रॉ रहा। #4 जयपुर पिंक पैंथर्स
मैच खेले | जीते | हारे | टाई | जीत % |
16 | 7 | 7 | 2 | 44 |
प्रो कबड्डी लीग के पहले चैंपियन जयपुर पिंक पैंथर्स अपने मुक़ाबले जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में खेलते हैं। अपने घर में खेलते हुए जयपुर का जीत प्रतिशत 44 से थोड़ा कम रहा है, जो दगंल में उनके प्रदर्शन को सही तरीक़े से नहीं दर्शाता है। पहले सीज़न में इस टीम ने लाजवाब प्रदर्शन किया था और अपने घर में वह 3 जीत और एक टाई के साथ अनबिटेन रही थी। सीज़न-2 और 3 में इस टीम ने घर में सिर्फ़ दो-दो मुक़ाबले ही जीते थे। सीज़न-4 में जयपुर ने एक बार फिर अपने घर में शानदार खेल दिखाया जिसमें उन्हें 2 में जीत, एक टाई और एक हार का सामना करना पड़ा। # 3 पटना पाइरेट्स
मैच खेले | जीते | हारे | टाई | जीत % |
16 | 7 | 5 | 4 | 44% |
पटना पाइरेट्स का अपने घर में प्रदर्शन औसतन बढ़िया रहा है, 16 मैचों में पटना ने अपने घर में 7 जीत हासिल की है जबकि 5 मैचों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा है और 4 मुक़ाबले ड्रॉ रहे हैं। पटना अपने होम लेग पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में सारे मुक़ाबले खेलते हैं, जहां उनके जीत का प्रतिशत 44 है। सीज़न-3 के चैंपियन रहे पटना पाइरेट्स को अभी भी अपने घर में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद रहेगी, ताकि होम लेग में जीत के प्रतिशत को और भी बेहतर किया जा सके। #2 तेलुगु टाइटंस
मैच खेले | जीते | हारे | टाई | जीत % |
16 | 9 | 4 | 3 | 56% |
तेलुगु टाइटंस का अपने घर में रिकॉर्ड शानदार रहा है, अपने घर में इस टीम ने 56 प्रतिशत मैच जीते हैं। उनके दो होम ग्राउंड हैं, किसी सीज़न में वह वाइज़ैग में खेलते हैं तो किसी सीज़न में टाइटंस का होम लेग हैदराबाद में होता है। अपने घर में खेले 16 मुक़ाबलों में तेलुगु को 9 में जीत मिली है और 4 मैच में उन्हें हार का सामना करना पड़ा है। तेलुगु ने पहला सीज़न वाइज़ैग में खेला था, जहां 4 में उन्हें 3 जीत मिली और एक टाई रहा। सीज़न-2 उन्होंने हैदराबाद में खेला था, जहां उन्होंने 2 में जीत और 2 मुक़ाबले ड्रॉ रहे थे। सीज़न-3 में वह हैदराबाद लौटे जहां उन्हें 2 में जीत और 2 में हार का सामना करना पड़ा। इस बार सेमीफ़ाइनल उन्हें अपने घर में ही खेलना है, लिहाज़ा टाइटंस को पहली बार कप के करीब पहुंचने की उम्मीद होगी। #1 यू मुम्बा
मैच खेले | जीते | हारे | टाई | जीत % |
16 | 12 | 2 | 2 | 75% |
यू मुम्बा PKL के इतिहास की अपने घर में सबसे क़ामयाब टीम है, इस सीज़न से पहले तो मुम्बा का अपने घर में 100 % रिकॉर्ड था। लेकिन इस सीज़न में अपने घर में दो दिन में दो हार झेलने के बाद होम लेग का जीत प्रतिशत भी 100 से 75 हो गया और टीम पहली बार सेमीफ़ाइनल में जगह नहीं बना पाई। सीज़न-1 में अपने घर में इस टीम को 3 में जीत मिली, सीज़न-2 में मुम्बा ने 4 में 4 जीत हासिल की। तीसरे सीज़न में भी इस टीम ने 4 में 4 जीत दर्ज करते हुए सेमीफ़ाइनल में एंट्री ली और फिर फ़ाइनल में भी पहुंची। लेकिन इस सीज़न में घर में हुई ग़लतियों की वजह से मुम्बा अंतिम-4 की दौड़ से बाहर हो गई, जिसे सीज़न-5 में मुम्बा ज़रूर दुरूस्त करना चाहेगी।