प्रो कबड्डी लीग के सीज़न-4 का अंत हैदराबाद के गाचीबोली इंडोर स्टेडियम में हुआ, जहां पटना पाइरेट्स ने एक बार फिर ख़िताब पर कब्ज़ा किया। 37 दिन चलने वाले इस टूर्नामेंट में कई शानदार रिकॉर्ड बने और टूटे। PKL का ये सबसे शानदार सीज़न में से एक रहा। आइए एक नज़र डालते हैं उन सारे रिकॉर्ड्स पर जो PKL के सीज़न 4 में पिछले एक महीनो में बने: #1 सीज़न-4 में पहली बार था कि यू मुम्बा ने फ़ाइनल नहीं खेला, पहले और तीसरे सीज़न में यू मुम्बा को फ़ाइनल में हार का सामना करना पड़ा था जबकि दूसरे सीज़न का फ़ाइनल जीतते हुए मुम्बा चैंपियन रही थी। इस सीज़न में मुम्बा सेमीफ़ाइनल में भी नहीं पहुंच पाई, जो एक रिकॉर्ड बना। #2 पहली बार यू मुम्बा को अपने ही घर में हार का सामना करना पड़ा, उन्हें बंगाल वॉरियर्स ने इस सीज़न में 31-27 से मुंबई के NSCI इंडोर स्टेडियम में मात दी। अगले ही दिन मुम्बा को बेंगलुरू बुल्स के हाथो भी शिकस्त झेलनी पड़ी, जिसके बाद 16 मैचों में मुम्बा अपने घर में दूसरे बार हारी। #3 सीज़न-4 में पहली बार किसी विदेशी खिलाड़ी को बेस्ट डिफ़ेंडर का अवॉर्ड मिला, पटना पाइरेट्स के इरानी खिलाड़ी फ़ज़ेल अत्राचली को पूरे सीज़न में 45 टैकल करने के लिए इस अवॉर्ड से नवाज़ा गया। #4 पटना पाइरेट्स ने ख़िताब जीतते ही दो बार पीएकएल की चैंपियन बनने वाली पहली टीम बन गई, पिछले सीज़न में पटना ने मुम्बा को मात देकर ख़िताब जीता था और इस बारत फ़ाइनल में पटना ने जयपुर को हराया। #5 प्रो कबड्डी इतिहास में ये तीसरी बार हुआ कि लीग स्टेज पर टॉप पर रही टीम ही विजेता बनी, सिर्फ़ एक बार सीज़न-3 में नंबर दो पर रहते हुए पटना ने ख़िताब अपने नाम किया था। #6 पटना पाइरेट्स के कप्तान धर्मराज चेरालाथन ने एक मैच में 4 सुपरटैकल्स लेते हुए रिकॉर्ड की बराबरी कर ली। बंगाल वॉरियर्स के ख़िलाफ़ 41 वर्षीय चेरालाथन के इन सुपरटैक्ल की वजह से पटना ने मुक़ाबला 35-21 से जीता। #7 फ़ाइनल में जयपुर को 8 अंको से शिकस्त देकर पटना ने फ़ाइनल की दूसरी सबसे बड़ी जीत दर्ज की। सबसे बड़ी जीत का अंतर 11 था, जब पहले सीज़न में यू मुम्बा जयपुर पिंक पैंथर्स के हाथो हारी थी। #8 धर्मराज चेरालाथन ने इस सीज़न में 8 सुपरटैकल्स किए, जो प्रो कबड्डी इतिहास में सबसे ज़्य़ादा है, एक सीज़न में किसी भी डिफ़ेंडर ने इतने सुपरटैक्लस नहीं किए थे। #9 पुनेरी पलटन के कप्तान मंजीत चिल्लर ने एक मैच में 11 टैकल प्वाइंट हासिल करते हुए एक नया रिकॉर्ड बना डाला, इससे पहले एक मैच में 10 टैकल प्वाइंट्स का रिकॉर्ड बेंगलुरू के कप्तान सुरेंदर नाड़ा के पास था। #10 जयपुर पिंक पैंथर्स के अजय कुमार जिन्हें राइज़िंग प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट से नवाज़ा गया, उन्होंने सब्सटीट्यूट के तौर आते हुए 11 रेड प्वाइंट हासिल किए थे, जो एक रिकॉर्ड है। #11 सीज़न-4 में एक मैच में किसी विदेशी खिलाड़ी ने सबसे ज़्यादा 13 रेड प्वाइंट हासिल किए। बंगाल वॉरियर्स के जैंग कुन ली ने जयपुर पिंक पैंथर्स के ख़िलाफ़ 13 रेड प्वाइंट हासिल किया और बंगाल को शानदार जीत दिलाई। #12 फ़ाइनल में सबसे ज़्यादा 16 रेड प्वाइंट लेने का रिकॉर्ड परदीप नरवाल ने बनाया, उन्होंने जयपुर पिंक पैंथर्स के ख़िलाफ़ ख़िताबी मुक़ाबले में 16 प्वाइंट्स हासिल करते हुए पटना को चैंपियन बनाया। #13 एक सीज़न में सबसे ज़्यादा 18 रेड प्वाइंट्स का रिकॉर्ड तेलुगु टाइटंस के राहुल चौधरी और पटना पाइरेट्स के परदीप नरवाल के नाम रहा, दोनों ने 18-18 रेड प्वाइंट्स एक मैच में हासिल किए। #14 पटना पाइरेट्स के परदीप नरवाल को मोस्ट वैल्यूबल प्लेयर (MVP) का भी पुरस्कार मिला, 19 साल की उम्र में इस ख़िताब को जीतने वाले परदीप सबसे युवा खिलाड़ी हैं। #15 यू मुम्बा ने प्रो कबड्डी इतिहास में सबसे बड़ी हार झेली, उन्हें पुनेरी पलटन ने 41-19 से शिकस्त दी। #16 राहुल चौधरी अब 24 बार सुपर-10 हासिल कर चुके हैं, जो प्रो कबड्डी इतिहास का एक रिकॉर्ड है। #17 इस सीज़न की सबसे बड़ी जीत रही जयपुर पिंक पैंथर्स के नाम, जयपुर ने दबंग दिल्ली को 51-26 से शिकस्त देते हुए 25 अंको से मात दी। #18 टॉप पर काबिज़ टीम और अंतिम पायदान पर रही टीमों के बीच का अंतर इस बार 26 अंक का रहा, जो सबसे कम रहा। #19 आख़िरी स्थान पर रहने वाली बंगाल वॉरियर्स के 26 अंक थे, जो निचले पायदान की टीम का अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन रहा। #20 पटना पाइरेट्स ने पूरे सीज़न में 26 सुपर टैकल्स किए, जो प्रो कबड्डी का इतिहास में इससे पहले कभी नहीं हुआ। बंगाल वॉरियर्स ने सीज़न-2 में 20 सुपर टैकल्स किए थे, जिसे पटना ने तोड़ डाला।