Surender Gill on PKL Impact: प्रो कबड्डी लीग (Pro Kabaddi League) के शुरू होने के बाद सिर्फ खेल को बढ़ावा नहीं मिला है, बल्कि इसे खेलने वाले खिलाड़ियों को भी काफी फायदा हुआ है। उनका नाम हुआ है, लोग जानने लगे हैं और इसके साथ ही उन्हें देखते हुए युवा खिलाड़ी इस खेल को गंभीरता से लेते हुए इसमें अपना करियर बनाने की ओर बढ़ रहे हैं। ऐसा ही एक नाम यूपी योद्धाज के मौजूदा कप्तान सुरेंदर गिल (Surender Gill) का भी है, जिनका मानना है कि Pro Kabaddi League के आने के बाद जिंदगी पूरी तरह बदल गई।
सुरेंदर गिल ने सीजन 7 में Pro Kabaddi League में अपना डेब्यू किया था और इसके बाद से वो लगातार यूपी योद्धाज के लिए खेल रहे हैं। यहां तक कि PKL 11 के लिए उन्हें टीम का कप्तान भी बनाया गया है। सुरेंदर गिल ने Sportskeeda को इंटरव्यू दिया और इस दौरान जब उनसे PKL के आने के बाद हुए बदलाव के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा,
"PKL ने पूरी जिंदगी बदल दी है और सभी बदलाव इसी लीग की वजह से ही आए हैं। कबड्डी पहले सिर्फ गांव में खेला करते थे, लेकिन अब हम देख सकते हैं यह खेल कहां से कहां आ गया है। मेरे अनुसार, तो 360 डिग्री बदलाव देखने को मिला है। पहले कबड्डी खेलते समय सोचा नहीं था कि इतना नाम होगा। पहले PKL में आए, फिर खेलने का मौका मिला और जॉब भी मिली। पहले हमें कोई नहीं जानता था, लेकिन Pro Kabaddi League में खेलने के बाद हर कोई हमें जानने लगा है। फैन फॉलोइंग में भी इजाफा देखने को मिला है।"
Pro Kabaddi League के 11वें सीजन में सुरेंदर गिल के ऊपर होगा कप्तानी का दबाव?
सुरेंदर गिल ने Pro Kabaddi League में यूपी योद्धाज के लिए खेलते हुए 66 मैच खेले हैं, जिसमें उनके 515 पॉइंट्स हैं और उन्होंने 20 सुपर 10 भी लगाए हैं। हालांकि, इस सीजन वो सिर्फ बतौर रेडर नहीं खेलने वाले हैं बल्कि उनके ऊपर कप्तानी का दबाव भी होने वाला है। सुरेंदर टीम की कप्तानी करने को लेकर उत्साहित हैं, लेकिन उन्होंने माना कि उनके ऊपर दबाव होने वाला है।
"मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे कप्तानी करने का मौका मिलेगा। Pro Kabaddi League के सातवें सीजन में जब मैंने डेब्यू किया था, तो बस यही चलता था कि मुझे खेलने का मौका मिल जाए। मुझे काफी अच्छा महसूस हो रहा है, लेकिन इसके साथ ही पहली बार कप्तानी का थोड़ा दबाव भी है। सब कैसे होगा, मैं चीजें किस तरह हैंडल करूंगा? दबाव की स्थिति में टीम को मोटिवेट करना होता है, तो मैं यह कैसे करूंगा, बस यह सब बातें दिमाग में चलती रहती हैं। मेरी कोशिश टीम का आत्मविश्वास बनाए रखने की होने वाली है।"