हर साल की तरह 2016 में भी खेल का मैदान चुनौतियों से भरा रहा। कई बड़े रिकॉर्ड बने तो कई नए इतिहास भी रचे गए। आइए एक नजर डालते हैं साल 2016 के 10 सबसे बड़े स्पोर्ट्स इवेंट्स पर: #1 रियो ओलंपिक 2016 16 दिन तक चले खेलों के सबसे बड़े महाकुंभ में अमरीका ने 46 गोल्ड मेडलों के साथ कुल 121 पदक जीत कर अपना दबदबा कायम रखा। वहीं ग्रेट ब्रिटेन दूसरे और चीन तीसरे स्थान पर रहा। भारत ने दो मेडल जीते और वो मेडल टैली में 67वें नंबर पर रहा। जबकि चीन आश्चर्यजनक रूप से तीसरे नंबर पर खिसक गया। उसे 26 गोल्ड समेत कुल 70 मेडल्स मिले। अमरीकी तैराक माइकल फल्प्स और जमैका के धावक उसैन बोल्ट ने बीजिंग और लंदन ओलंपिक की तरह ही यहां भी अपनी जबरदस्त कामयाबी का परचम लहराया। ब्राजील के रियो में 5 अगस्त से शुरू हुए ओलंपिक खेलों की क्लोजिंग सेरेमनी 31 अगस्त को मारकाना स्टेडियम में हुई। क्लोजिंग सेरेमनी में ब्राजील के कलाकारों ने उनकी. संस्कृति, सभ्यता और विविधता से जुड़े प्रोग्राम पेश किए। अब अगला ओलंपिक 2020 में टोक्यो में होगा। टोक्यो में होने वाला ओलंपिक भी रियो की तरह ही शानादर और कामयाब तरीके से आयोजित किया जाएगा। इसी उम्मीद के साथ ब्राजील ने ओलिंपिक फ्लैग जापान के पीएम शिंजो आबे को सौंपा। #2 रियो ओलंपिक में भारत का प्रदर्शन रियो ओलंपिक में वैसे तो भारतीय खिलाड़ियों ने निराश ही किया। पिछले ओलिंपिक के छह पदकों की तुलना में भारतीय दल इस बार सिर्फ दो पदक हासिल कर सका है। लेकिन बावजूद इसके जो अच्छी बात रही, वो था देश बेटियों का दमदार प्रदर्शन। रियो में एक के बाद एक जिस तरह से भारतीय धुरंधर फेल होते गए, निश्चित तौर पर इससे भारतीय खेल प्रेमी काफी निराश हुए। लेकिन ऐसा भी नहीं है कि भारत को हर ओर से निराशा ही हाथ लगी हो, कई ऐसे खेल रहे जिसमें भारत ने रियो में बेहतर प्रदर्शन किया है। बैडमिंटन में पी.वी. सिंधु ने सिल्वर मेडल दिलाया, जो बैडमिंटन में भारत का पहला ओलिंपिक सिल्वर है। सिंधु ओलिंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी भी बनीं। सिंधु ने जैसा खेल दिखाया है उससे भविष्य में भारतीय खेल प्रेमियों की उम्मीद और बढ़ गई है। इसके अलावा जिम्नास्टिक्स ऐसा खेल रहा है, जिसमें भारतीय खेल प्रेमी कम ही रूचि रखते हैं और इसे देश में खास लोकप्रियता भी हासिल नहीं है। लेकिन दीपा कर्माकर न सिर्फ 52 साल के बाद ओलिंपिक में क्वालिफाई करने वाली भारत की पहली जिम्नास्ट बनीं बल्कि उन्होंने फाइनल तक का सफर भी तय किया। कुश्ती में वैसे तो हम पदक के मामले में पीछे ही रह गए, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी महिला पहलवान ने देश के लिए पदक जीता हो। साक्षी मलिक ने फ्रीस्टाइल स्पर्धा के 58 किलोग्राम भारवर्ग में ब्रॉन्ज मेडल जीता। रियो ओलिंपिक में रोइंग स्पर्धा में भारत की ओर से एकमात्र प्रतिभागी दत्तू बबन भोकानाल ने हिस्सा लिया। दत्तू रियो में फाइनल में भी प्रवेश नहीं कर पाए, लेकिन विश्व रैंकिंग में 13वें से 25वें स्थान के लिए हुई फाइनल-सी में उन्होंने टॉप स्थान हासिल किया। रोइंग में भारत का यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। #3 रियो पैरालंपिक 11 दिनों तक चले रियो पैरालंपिक 2016 में एक बार फिर चीन का दबदबा देखने को मिला। चीन 107 गोल्ड मेडल के साथ 239 मेडल जीतकर पहले नंबर पर रहा। इसके बाद ब्रिटेन 64 गोल्ड के साथ 147 मेडल जीतकर दूसरे नंबर पर रहा। वहीं प्वाइंट्स टेबल में यूक्रेन आश्चर्यजनक रूप से अमेरिका को पछाड़कर तीसरे नंबर पर रहा। अब रियो पैरालंपिक 2016 में भारत के प्रदर्शन की बात कर लेते हैं। भारतीय पैराएथलीटों ने इस बार शानदार प्रदर्शन किया है। इस पैरालंपिक में भारत ने अपने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले। भारत ने 1968 से पैरालंपिक खेलों में हिस्सा लेना शुरू किया और पहली बार उसने दो गोल्ड मेडल सहित चार मेडल अपने नाम किए। भारतीय दल दो गोल्ड, एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज सहित कुल चार मेडल जीतकर 43वें स्थान पर रहा। भारत के लिए मरियप्पन थांगवेलु ने रियो पैरालंपिक खेलों में पुरूषों की टी42 लॉन्ग जंप इवेंट में गोल्ड, वरूण भाटी ने इसी इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीता। पैरालंपिक में भी महिला एथलीट पीछे नहीं रही, 45 साल की दीपा मलिक ने महिलाओं की एफ53 गोलाफेंक इवेंट में सिल्वर मेडल जीता और भारत के स्टार जैवलिन थ्रोअर देवेंद्र झाझरिया ने पुरूष एफ46 जैवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल अपने नाम किया। #4 नरसिंह- सुशील विवाद 2016 में भारतीय खेलों में सबसे बड़ा भूचाल आया ठीक ओलंपिक 2016 से पहले, जब दो बार के ओलंपिक चैंपियन सुशील कुमार नरसिंह यादव के साथ कानूनी दांवपेच में उलझ कर रह गए। गौरतलब है कि नरसिंह रियो ओलंपिक 2016 के लिए 74 किलो वर्ग में क्वालीफाई किया। लेकिन यही से परेशानियां शुरू होती हैं, क्योंकि देश को दो ओलंपिक मेडल दिलाने वाले सुशील कुमार भी 74 किलो वर्ग की रेसलिंग में हिस्सा लेते हैं। जिससे साफ है कि भारतीय रेसलिंग फेडरेशन के सामने बड़ी परेशानी खड़ी हो गई कि वो इन दोनों प्रतिभावान खिलाड़ियों में से किसे रियो ओलंपिक का टिकट थमाया जाए। आखिरकार रेसलिंग फेडरेशन ने फैसला नरसिंह के पक्ष में सुनाया। जिसके बाद सुशील ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। लेकिन वहां से भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी। सब कुछ नरसिंह के पक्ष में जाता दिख रहा था। लेकिन तभी इस मामले में और ज्यादा बवाल तब बढ़ा जब नरसिंह ओलिंपिक शुरू होने से कुछ दिन पहले डोप टेस्ट में फेल हो गए। जिसके बा जल्द ही उन्हें वाडा से क्लीन चिट भी मिल गई। लेकिन परेशानी यहीं खत्म नहीं हुई। रियो में उनके मुकाबले से पहले ही कोर्ट ऑफ ऑर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स ने नरसिंह यादव पर डोपिंग की वजह से चार साल का प्रतिबंध लगा दिया। जिसकी वजह से उन्हें रियो ओलिंपिक में भी खेलने की इजाजत नहीं मिली। जाहिर है दो दिग्गज खिलाड़ियों के बीच हुए इस दंगल को नुकसान भारतीय कुश्ती को ही उठाना पड़ा। #5 वेस्टइंडीज ने टी 20 वर्ल्ड कप जीता क्रिकेट जगत में 2016 का सबसे बड़ा इवेंट था वर्ल्ड टी 20, जिसका चैंपियन बना वेस्टइंडीज। जब वेस्ट इंडीज भारत को सेमीफाइनल में हराकर फाइनल में पहुंचा था तब लगभग ये तय हो गया था कि वेस्ट इंडीज वर्ल्ड कप जीतने का गौरव हासिल करेगा। फाइनल मैच में इंग्लैंड को चार विकेट से हराकर वेस्ट इंडीज ने टी 20 वर्ल्ड कप जीता। आखिरी ओवर में जब वेस्टइंडीज को 19 रन की जरूरत थी, तब कार्लोस ब्रैथवेट लगातार चार छक्के लगातक जीत के हीरो बने। इस वर्ल्ड कप में अगर वेस्ट इंडीज टीम की बात करें तो उसकी बैटिंग, बोलिंग से कहीं ज्यादा अच्छी थी। सैमुएल बद्री को छोड़कर कोई भी गेंदबाज अच्छे फॉर्म में नहीं था। इस बात को जानते हुए वेस्ट इंडीज के कप्तान डैरेन सैमी ने लक्ष्य का पीछा करना पसंद किया और इस तरह हर मैच भी जीता। इस मामले में किस्मत ने वेस्ट इंडीज का साथ भी दिया। उसने छह मैचों में से पांच मैचों में टॉस जीता और इन पांचों मैचों में पहले गेंदबाजी करने के बाद लक्ष्य का पीछा करते हुए मैच भी जीते। वेस्टइंडीज दूसरी बार वर्ल्ड टी 20 का चैंपियन बना। #6 भारत ने जीता कबड्डी वर्ल्ड कप 22 अक्टूबर 2016 को द एरेना बाय ट्रांसस्टेरिडया में खेले गए कबड्डी विश्व कप के फाइनल में को मेजबान भारत ने अपने कड़े प्रतिद्वंद्वी ईरान को नौ अंकों के अंतर से हराकर खिताब पर कब्जा जमाया। डिफेंडिग चैम्पियन भारत ने ईरान को 38-29 से मात देते हुए तीसरी बार खिताब अपने नाम किया। भारत की जीत के हीरो दिग्गज रेडर अजय ठाकुर रहे। अजय ने पहले हाफ तक पीछे चल रही भारत को लगातार सफल रेड डालते हुए बराबरी दिलाई। भारत ने मैच की पहली रेड डाली लेकिन कप्तान अनूप कुमार खाली हाथ लौटे। अजय ठाकुर ने भारत का खाता खोला और फिर स्कोर 2-0 कर दिया। लेकिन मिराज ने अपनी टीम का खाता खोला और फिर ईरान ने बोनस अंक हासिल करते हुए 2-2 से बराबरी कर ली। यहां से कभी भारत आगे होता तो कभी ईरान। मिराज ने दो अंक लेते हुए अपनी टीम को 9-7 से आगे कर दिया था। यहां भारत ने सुपर टैकल करते हुए दो अंक हासिल कर स्कोर 10-9 कर लिया। हालांकि ईरान ने बढ़त को कायम रखते हुए हाफ टाइम तक मेजबानों पर 18-13 की बढ़त ले ली थी। दूसरे हाफ में भारतीय टीम ने अपनी रणनीति में बदलाव किया। इस हाफ में मिराज ने एक बार फिर अपनी टीम का खाता खोला। ईरान ने 19-14 की बढ़त ले ली थी। लेकिन अजय ठाकुर ने इस हाफ में लगातर सफल रेड डालते हुए भारत को 20-20 की बराबरी पर ला खड़ा किया। बराबरी के बाद भारत ने ईरान को ऑल आउट कर स्कोर 24-21 कर भारतीय खेमे में खुशी की लहर ला दी। यहां से भारत ने पीछे मुड़ कर नहीं देखा और 38-29 से जीत हासिल की। इसी के साथ ईरान का पहली बार भारत को मात देने का सपना टूट गया और एक बार फिर से खिताबी मुकाबले में भारत के हाथों हार झेलनी पड़ी। #7 जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप भारतीय जूनियर हॉकी टीम 15 साल बाद वर्ल्ड चैंपियन बनने में कामयाब हुई है वो भी पूरे टूर्नामेंट में अपना दबदबा बरकरार रख कर। भारत ने फाइनल में बेल्जियम को 2-1 से हराया। भारत की ओर से दोनों गोल मैच के पहले हाफ में दागे गए। गुरजंत सिंह ने मैच के 8वें मिनट में भारतीय टीम के लिए पहला गोल किया। सिमरनजीत सिंह ने 22वें मिनट में दूसरा गोल दागकर टीम को 2-0 की बढ़त दिला दी। बेल्जियम ने मैच के 78वें मिनट में अपनी टीम के लिए एकमात्र गोल दागा। इस दौरान सारा मैच भारतीय सर्कल में हो रहा था, लेकिन 20वें मिनट में बेल्जियम ने पहला हमला बोला। सुमित की अगुवाई में भारतीय डिफेंस ने उसे नाकाम कर दिया। भारतीय फॉरवर्ड पंक्ति ने गजब का तालमेल दिखाते हुए कई मौके बनाए और बढ़त दोगुनी कर दी। बेल्जियम को पहले हाफ में 30वें मिनट में मिला एकमात्र पेनल्टी कॉर्नर बेकार गया। पहले हाफ में भारत की 2-0 से बढ़त बरकरार रही। दूसरे हाफ में भी आक्रामक हॉकी का सिलसिला जारी रहा। आखिरी समय में बेल्जियम को मिले पेनल्टी कॉर्नर को फेब्रिस ने गोल में बदला, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। हूटर के साथ ही कप्तान हरजीत सिंह की अगुवाई में भारतीय खिलाड़ियों ने मैदान पर भंगड़ा शुरू कर दिया। #8 टेस्ट में टीम इंडिया नंबर 1 2016 में टेस्ट क्रिकेट में भारतीय टीम का प्रदर्शन शानदार रहा। 84 साल के इंडियन क्रिकेट इतिहास में ऐसा दूसरी बार हुआ, जब भारतीय टीम ने लगातार 5 टेस्ट सीरीज अपने नाम की। इन पांचों जीत के दौरान भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली रहे। कोहली ये कारनामा करने वाले पहले इंडियन कप्तान बन गए हैं। 2015 से शुरू हुए इस सफर में भारतीय टीम ने श्रीलंका, साउथ अफ्रीका, वेस्टइंडीज, न्यूजीलैंड और अब इंग्लैंड को पटखनी दी। भारत ने श्रीलंका को उसी के घर में टेस्ट सीरीज में 2-1 से मात दी। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका को 3-0 से हराया। जबकि भारत ने जीत की हैट्रिक कैरिबियायई धरती में उन्हीं के खिलाफ बनाई। भारत ने वेस्टइंडीज तो 2-0 से हराया। टीम इंडिया का विजयरथ यहीं नहीं रूका। इसके बाद उसने कीवियों को भी सफाया करके ही उन्हें घर भेजा। भारत ने न्यूजीलैंड को 3-0 से हराया और 2016 की आखिरी टेस्ट सीरीज में भी विराट की सेना ने अंग्रेजों को भी 4-0 से धूल चटाई। कोहली एंड कपंनी के इस शानदाप प्रदर्शन को आईसीसी ने भी झुककर सलाम किया और टीम इंडिया बनीं आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में नंबर 1 टीम।#9 हैदराबाद ने जीता आईपीएल 2016 29 मई 2016 को बैंगलोर के चिन्नास्वामी स्टेडियम पर रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर और सनराइज़र्स हैदराबाद अपना सपना पूरा करने के लिए मैदान पर उतरे थे। लेकिन इस सपने का सौदागर हैदराबाद ही रहा। बैंगलोर के मैदान पर सनरॉइजर्स का उदय हुआ। डेविड वॉर्नर की टीम सनराइजर्स हैदराबाद ने शानदार खेल दिखाते हुए, विराट कोहली की टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को 8रन से हराया। पहले बल्लेबाजी करते हुए हैदराबाद ने 20 ओवर में 208 रन बनाए। हैदराबाद की ओर से कप्तान डेविड वॉर्नर ने सबसे ज्यादा 69 रन बनाए। 209 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए बैंगलोर ने 20 ओवर में सिर्फ 200 रन बनाए और उसे 8 रन से हार का मुंह देखना पड़ा और इसके साथ ही सनराइजर्स हैदराबाद को पहली बार आईपीएल जीतने का गौरव हासिल हुआ। #10 पुर्तगाल ने जीती यूरोपियन फुटबॉल चैंपियनशिप पुर्तगाल ने यूरो 2016 का फाइनल मुकाबले में फ्रांस को 1-0 से हराकर यूरोपियन फुटबाल चैंपियनशिप पर कब्जा कर लिया। काफी कशमकश भरे इस फाइनल मैच में आखिरी समय तक कोई भी टीम गोल नहीं कर सकी। एक्सट्रा टाइम में पुर्तगाल ने फ्रांस पर गोल दागकर ये खिताब जीत लिया। पुर्तगाल ने पहली बार यूरोपियन चैंपियशिप जीती है। मैच के दौरान पुर्तगाल टीम के कप्तान और शानदार खिलाड़ी रोनाल्डो क्रिस्टियानो चोट की वजह से फर्स्ट हाफ में मैच से बाहर हो गए। दूसरे हाफ में भी कोई गोल नहीं हो सका। फैसला न होने पर एक्सट्रा टाइम दिया गया। मैच के 109 वें मिनट में पुर्तगाल के एदर ने शानदार गोल करके जीत अपने हिस्से में कर ली। पुर्तगाल के लिए ये जीत इसलिए भी खास रही क्योंकि पिछले 95 साल के इतिहास में वो पहली बार यूरो चैंपियन बना।