2016 में भारतीय खेलों में सबसे बड़ा भूचाल आया ठीक ओलंपिक 2016 से पहले, जब दो बार के ओलंपिक चैंपियन सुशील कुमार नरसिंह यादव के साथ कानूनी दांवपेच में उलझ कर रह गए। गौरतलब है कि नरसिंह रियो ओलंपिक 2016 के लिए 74 किलो वर्ग में क्वालीफाई किया। लेकिन यही से परेशानियां शुरू होती हैं, क्योंकि देश को दो ओलंपिक मेडल दिलाने वाले सुशील कुमार भी 74 किलो वर्ग की रेसलिंग में हिस्सा लेते हैं। जिससे साफ है कि भारतीय रेसलिंग फेडरेशन के सामने बड़ी परेशानी खड़ी हो गई कि वो इन दोनों प्रतिभावान खिलाड़ियों में से किसे रियो ओलंपिक का टिकट थमाया जाए। आखिरकार रेसलिंग फेडरेशन ने फैसला नरसिंह के पक्ष में सुनाया। जिसके बाद सुशील ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। लेकिन वहां से भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी। सब कुछ नरसिंह के पक्ष में जाता दिख रहा था। लेकिन तभी इस मामले में और ज्यादा बवाल तब बढ़ा जब नरसिंह ओलिंपिक शुरू होने से कुछ दिन पहले डोप टेस्ट में फेल हो गए। जिसके बा जल्द ही उन्हें वाडा से क्लीन चिट भी मिल गई। लेकिन परेशानी यहीं खत्म नहीं हुई। रियो में उनके मुकाबले से पहले ही कोर्ट ऑफ ऑर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स ने नरसिंह यादव पर डोपिंग की वजह से चार साल का प्रतिबंध लगा दिया। जिसकी वजह से उन्हें रियो ओलिंपिक में भी खेलने की इजाजत नहीं मिली। जाहिर है दो दिग्गज खिलाड़ियों के बीच हुए इस दंगल को नुकसान भारतीय कुश्ती को ही उठाना पड़ा।