ये फिल्म पहले तमिल भाषा में इरुधि सुत्त्रू के नाम से रिलीज़ हुई थी। फिल्म में एक असफल बॉक्सर की कहानी को पर्दे पर उतारने की कोशिश की गयी है। बॉक्सर का किरदार आर माधवन ने निभाया है, जो गलत राजनीती का शिकार हो चुके हैं। एक दशक बाद वह महिला टीम के कोच के तौर पर वापसी करते हैं। लेकिन वह चयन प्रणाली से काफी झल्लाए होते हैं। उसके बाद वह एक सेक्सुअल हरास्स्मेंट के केस में फेडरेशन द्वारा फंसा दिए जाते हैं। लेकिन एक दिन वह एक मछली बेचने वाले से उसकी बहन लड़ जाती है। जिसकी लड़ने की क्षमता उसे काफी प्रभावित करती है। जिसे वह कोचिंग देने का ऑफर देता है। माधी गंभीरता से अपने खेल में लगी होती है। लेकिन चीजें एक बार फिर खराब होने लगती हैं। जब माधी के प्रस्ताव कोच ख़ारिज कर देता है। जिसके बाद कोच उसकी हार का अलग ही मतलब लोगों को समझा देता है। माधी इन सभी चीजों से उबरकर अपना मुकाम हासिल करने में सफल साबित होती है।