ओलंपिक गेम्स में सिल्वर से ज्यादा गोल्ड मेडल जीतने में मज़ा आता हैं। लेकिन क्या यह दोनों एक ही चीज से बने हुए है! ओलंपिक गोल्ड और सिल्वर मेडल में 92.5प्रतिशत सिल्वर मिला होता हैं। इसका मतलब दोनों विजेता और रनरअप एक ही चीज लेकर जाते हैं। गोल्ड मेडल में सोने का कलर इसलिए होता है, क्योंकि इसमें 6 ग्राम सोना मिलाया होता हैं। आखिरी बार जब विजेताओ को 1912 गेम्स में असली गोल्ड मेडल दिया गया था। इन सब मेडल्स को 3एमएम थिक और 60एमएम डायमीटर में होना चाहिए। इसी के साथ ब्रॉज मेडल कॉपर और टिन की मिक्सचर से बंता है। चौंकाने वाली बात यह भी थी कि 1896 गेम्स में किसी भी एथलीट कोमे गोल्ड मेडलिस्ट को मेडल नहीं दिया। उन्हें बस सिल्वर मेडल और एक ऑलिव ब्रांच दे दिया गया। सेकेंड आने वालो को ब्रॉज मेडल और तीसरे आने वाले को कुछ भी नहीं मिला।