रियो ओलंपिक शुरू होने में अब गिने चुने दिन बचे हैं। इस लिहाज से देखा जाये तो ओलंपिक के दीवानों में रोमांच बढ़ता जा रहा है। इस बार हमे अपनी टीम से लन्दन ओलंपिक से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। पिछली बार हमें 6 मैडल मिले थे। इस बार भारतीय टीम में रियो जाने वाले कई ऐसे एथलीट हैं, जिनके नाम कई विश्व रिकॉर्ड दर्ज हैं। ऐसे में इस बार हमारी उम्मीद पिछली बार से ज्यादा हो जाती है। ऐसा भी संभव है कि इस बार पदकों की संख्या दोहरे अंक में पहुँच जाए। आइये हम आपको ऐसे 12 एथलीट के बारे में बता रहे हैं, जिनके नाम हैरान कर देने वाले रिकॉर्ड दर्ज हैं:
संदीप तोमर
रेसलिंग: महाद्वीप रैंकिंग-1 और विश्व रैंकिंग-424 साल के युवा पहलवान संदीप उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के मलकपुर गाँव के रहने वाले हैं। 57 किग्रा भारवर्ग में वह एशियन चैंपियन हैं। उन्होंने यूक्रेन के यात्सेंको को हराया था। संदीप ने दो बार वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता है। अप्रैल 2016 में मंगोलिया में उन्होंने रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया था। योगेश्वर दत्त, नरसिंह यादव और हरदीप के साथ संदीप इस बार ओलंपिक में भारत की तरफ से चौथे रेसलर हैं। जिन्हें रियो का टिकट मिला है। हाल ही में संदीप ने एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता है। ऐसे में उनसे रियो में उम्मीदें काफी बढ़ गयी हैं। सुधा सिंह 3000 मीटर स्टीपलचेज: एशियन एथेलेटिक्स चैंपियनशिप में सुधा सिंह ने 3 रजत पदक मैराथन रनर सुधा सिंह स्टीपलचेज में लगातार बेहतरीन खेल दिखा रही हैं। साल 2010 में चीन के गुआंगज्हू में सुधा ने स्वर्ण पदक जीता था। मुंबई में रेलवे में नौकरी करने वाली सुधा ने साल 2009 में एशियन एथेलेटिक्स चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था। इसके बाद उन्होंने 2011 और 2013 में भी रजत जीता। साल 2014 में उन्होंने स्टैण्डर्ड चार्टेड मुंबई मैराथन की विजेता और इसी साल एयरटेल दिल्ली हाफ मैराथन में रनर अप रहीं थी। दिल्ली में हुए फेडरेशन कप में सुधा ने 3000 मीटर के स्टीपलचेज में दूसरा स्थान करने के बाद उनका रियो का टिकट पक्का हो गया था। उसके एक महीने के सुधा सिंह ने अंतर्राष्ट्रीय एमटयूर एथलेटिक्स फेडरेशन (आईएएएफ) डायमंड लीग मीट शंघाई में बेहतरीन प्रदर्शन किया था। हरदीप सिंह रेसलिंग: पहले भारतीय जिन्हें ग्रीको रोमन के हैवीवेट केटेगरी में ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया हरदीप सिंह ने रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करके सबको हैरान कर दिया था। वह भारत के पहले ग्रीको रोमन हैवीवेट रेसलर हैं। साल 2004 में हुए एथेंस ओलंपिक के बाद दूसरी बार कोई ग्रीको रेसलर ने ओलंपिक में क्वालीफाई किया है, जबकि हैवीवेट में हरदीप से पहले किसी ने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं किया है। हरदीप हरियाणा के जींद जिले के दोहला गाँव से ताल्लुक रखते हैं। एशियन ओलंपिक क्वालीफाइंग में अस्ताना में मार्च में उन्होंने कजाखस्तान के मर्गुलन ऐसेम्बेकोय को 10-2 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी। सीमा पुनिया डिस्कस थ्रो: साल 2008 के ओलंपिक चैंपियन को हराकर रियो का टिकट कटाया सीमा पुनिया ने स्टेफनी ब्राउन ट्रेफटान को 62.62 मीटर का स्कोर करके हराया है। कैलिफ़ोर्निया में हुए पैट यंग थ्रोवेर्स क्लासिक में उन्हें इस जीत के साथ स्वर्ण पदक मिला। साल 2014 में एशियन खेलों की चैंपियन ने रियो में क्वालीफाई करने के लिए क्वालिफिकेशन मार्क से तकरीबन 1 मीटर ज्यादा की दूरी निकाली। वहीं स्टेफनी ने 60.50 मीटर की दूरी निकालकर रजत पदक विजेता बनीं। हरियाणा के सोनीपत से ताल्लुक रखने वाली पुनिया का ये तीसरा ओलंपिक है। इससे पहले 2004 और 2012 में भी वह भाग ले चुकी हैं। विनेश फोगट रेसलिंग: पिछले 7 प्रतियोगिताओं में 6 मैडल विनेश फोगट से भारत को रियो ओलंपिक काफी उमीदें हैं। हरियाणा में जन्मी विनेश अपनी चचेरी बहन, गीता फोगट जो भारत की पहली महिला रेसलर हैं कि देखरेख में रेसलिंग में आयीं। विनेश गीता ने 2013 में एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर अपने करियर का आगाज किया था। विनेश ने कॉमनवेल्थ खेलों में 48 किग्रा में चैंपियन बनी और इधर उन्होंने कई विश्व स्तरीय रेसलर को हराया है। 400 ग्राम ज्यादा वजन के चलते विनेश मंगोलिया में डिसक्वालिफाई हो गयी थीं। लेकिन इस्ताम्बुल में अंतिम क्वालीफाइंग टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीतकर विनेश रियो का टिकट हासिल किया। ललिता बाबर 3000 मीटर स्टीपलचेज: बीते साल सबस कम समय 9:27.09 का विश्व रिकॉर्ड बनाया एशियन चैंपियन बाबर ने 9:34.13 का समय निकालकर अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया था। साल 2015 में चीन के वुहान में हुए एशियन चैंपियनशिप में उन्होंने रियो के लिए क्वालीफाई किया था। दो महीने बाद बाबर ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बीजिंग में हुए वर्ल्ड चैंपियनशिप में 9:27.86 का समय निकाला था। फ़ाइनल में उन्हें 8वां स्थान मिला था। नरसिंह यादव रेसलिंग: 22 महीनों में वह 5वें स्थान से नीचे वह गये ही नहीं हैं। नरसिंह यादव तब सुर्ख़ियों में आ गये जब उन्हें रियो के लिए सुशील की जगह मौका मिला। भारतीय कुश्ती महासंघ और दिल्ली उच्च न्यायालय ने मिलकर उन्हें रियो जाने का पात्र चुना। लेकिन इससे पहले मुंबई के इस पहलवान ने कुश्ती के इतिहास में खूब नाम कमा लिया था। वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर उन्होंने रियो के लिए क्वालीफाई किया। नरसिंह हमेशा से 74 किग्रा में भाग लेते आये हैं। लन्दन ओलंपिक 2012 को मिलाकर नरसिंह ने 9 प्रतियोगिताओं में भाग लिया है। जहाँ वह हमेशा टॉप-5 में रहे हैं। भारतीय उपमहाद्वीप में नरसिंह का जलवा रहा है और प्रो कुश्ती लीग में तो वह अजेय रहे थे। इसलिए उनसे मैडल की उम्मीद है। दीपिका कुमारी तीरंदाजी: महिला रिकर्व इवेंट में विश्व रिकॉर्ड होल्डर भारतीय तीरंदाजी की चेहरा दीपिका कुमारी के नाम कई विश्व रिकॉर्ड हैं। हाल ही में अभी दीपिका ने साउथ कोरिया की को बोए बे के 720 में से 686 स्कोर करने के रिकॉर्ड की बराबरी की है। ये उन्होंने तीरंदाजी वर्ल्डकप में बनाया था। 21 साल की दीपिका ने 2012 में लन्दन ओलंपिक में भी भाग लिया था। जहाँ वह पहले राउंड में बाहर हो गयीं थी। रियो में दीपिका व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धा के आलावा टीम इवेंट में बोम्बयला देवी और लक्ष्मी रानी माझी के साथ भाग लेंगी। इस बार अगर भाग्य ने उनका साथ दिया तो तो वह मैडल जरूर लायेंगी। दुती चंद 100 मीटर दौड़: पीटी उषा के बाद पहली धावक जिसने 36 बाद ओलंपिक में क्वालीफाई किया है। 20 साल की धावक दुती चंद ओड़िसा से ताल्लुक रखती हैं। रियो में क्वालीफाई करने के बाद उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया है। कजाखस्तान में उन्होंने अलमाटी में 11.24 सेकंड का समय निकाला था। जबकि ओलंपिक क्वालीफाई करने के लिए उन्हें मात्र 11.32 सेकंड का समय निकालना था। ब्राज़ील में उन्हें इस प्रदर्शन के दम पर रजत पदक मिला था। फेडरेशन कप में 11.33 सेकंड का समय निकालकर उन्होंने 16 साल पुरने 11.38 सेकंड के राष्ट्रीय रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया था। लेकिन उनकी ये यात्रा आसान नहीं रही है। साल 2014 कामनवेल्थ खेलों में इस धावक में “हाइपरएंड्रोगेनिस्म” पाए जाने से इस धावक को बैन कर दिया गया था। हालाँकि अगले साल दुती ने इस जेंडर केस में जीत दर्ज की और अगले साल वापसी की। जीतू राय निशानेबाज़ी: विश्व के सर्वश्रेष्ठ पिस्टल निशानेबाज़ जीतू राय से भारत को मैडल जीतने की उम्मीदें हैं। साल 2014 में जीतू ने 50 मीटर पिस्टल इवेंट में चौथे नम्बर पर थे। लेकिन इस वक्त वह 50 मीटर पिस्टल इवेंट में दुनिया के नम्बर एक निशानेबाज़ हैं। इसके अलावा 10 मीटर एयर पिस्टल में उनका स्थान 7 वां है। साल 2014 में जीतू ने कामनवेल्थ खेलों और एशियन खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। बीते हफ्ते जीतू ने 3 बार के ओलंपिक चैंपियन कोरिया के जोंगोह जिन को हराकर वर्ल्डकप मैडल जीता है। इससे पहले बैंकाक में भी वह वर्ल्ड कप जीत चुके हैं। योगेश्वर दत्त रेसलिंग: 5 सालों में 5 स्वर्ण पदक भारत के असली सुल्तान योगेश्वर दत्त ने बीते पांच सालों में 5 स्वर्ण पदक जीते हैं। लन्दन ओलंपिक में कांस्य जीतने के बाद उन्होंने लगातार अपन दबदबा कायम रखा। एशियन ओलंपिक क्वालिफिकेशन में ही वह रियो के लिए क्वालीफाई कर गये थे। दत्त एंकल क्ल्चचिंग और डबल लेग टैकल के लिए काफी लोकप्रिय हैं। ऐसे में लोग इस बार उनसे स्वर्ण पदक जीतने की आशा किए हुए हैं। रियो ओलंपिक उनका चौथा ओलंपिक होगा। वह 65 किग्रा में लड़ रहे हैं। दीपा करमाकर जिमनास्टिक्स: पहली महिला जिमनास्ट जिन्होंने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया ऐसा लग रहा था कि एक भारतीय महिला ऐसा कभी नहीं कर सकती है। लेकिन दीपा करमाकर ने रियो के लिए क्वालीफाई करके ऐसा कर दिखाया। 22 साल की दीपा ने ओलंपिक में क्वालीफाई करने के लिए 52।698 अंक हासिल किए थे। पूरे 52 साल बाद किसी भारतीय जिमनास्ट ने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या दीपा क्वालीफाई करने के बाद देश के लिए मैडल भी जीत पाती हैं?