Gukesh Dommaraju youngest World Champion in the Chess History: भारत के गुकेश डोमराजू ने गुरुवार को इतिहास रच दिया और उन्होंने 18 साल की उम्र में वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम कर लिया। 18 वर्षीय ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद के साथ यह उपलब्धि हासिल करने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। पांच बार के विश्व चैंपियन आनंद ने आखिरी बार 2013 में यह खिताब जीता था। गुकेश ने 14 गेम के इस मैच के आखिरी क्लासिकल टाइम कंट्रोल गेम को जीतकर लिरेन के 6.5 अंकों के मुकाबले 7.5 अंक हासिल किए।
मैच का अधिकांश हिस्सा ड्रॉ की ओर जाता दिख रहा था। चैंपियन बनने के बाद अपने प्रतिद्वंद्वी डिंग से हाथ मिलाने के बाद गुकेश भावुक नजर आए। भारतीय ग्रैंडमास्टर रोते हुए नजर आए। इस वाकये का वीडियो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
गुकेश से पहले सबसे कम उम्र में चेस चैंपियनशिप का टाइटल जीतने का रिकॉर्ड रूस के दिग्गज गैरी कास्पारोव के नाम दर्ज था। उन्होंने 1985 में अनातोली कार्पोव को हराकर 22 वर्ष की आयु में खिताब जीता था। गुकेश ने इस वर्ष की शुरुआत में कैंडिडेट्स टूर्नामेंट जीतने के बाद विश्व खिताब के लिए सबसे युवा प्लेयर के रूप में हिस्सा लिया था।
डी गुकेश ने वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप अंतिम गेम में लिरेन डिंग की गलती के चलते जीतने में कामयाबी हासिल की। लिरेन से ये गलती ऐसे समय में हुई थी, उन्हें अपनी गलती की वजह से गेम, मैच और टाइटल तीनों गंवाना पड़ा। ऐसा लग रहा था कि मुकाबला ताई ब्रेकर की ओर बढ़ रहा है, लेकिन मुकेश ने अपनी कोशिश जारी रखी और लिरेन को मात देते हुए टाइटल जीतकर इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज कर लिया।
मुकाबला जीतने के बाद गुकेश को लिरेन डिंग के लिए बुरा भी लगा। उन्होंने कहा कि, 'इस पल के लिए मैंने 10 वर्षों तक इंतजार किया था। मुझे खुशी है कि मेरा सपना पूरा हुआ। इस दौरान मेरा थोड़ा इमोशनल हो गया था, क्योंकि मुझे जीत की उम्मीद नहीं थी। मेरे लिए डिंग असली चैंपियन हैं। मुझे डिंग और उनकी टीम के लिए खेद है। मैं अपने विरोधी का शुक्रिया अदा करना चाहूंगा।