भारतीय ओलंपिक इतिहास में सबसे ज़्यादा पदक के लिहाज़ से लंदन 2012 ओलंपिक सर्वश्रेष्ठ रहा है। इस ओलंपिक में भारत की ओर से कुल 83 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था, और देश की झोली में 6 पदक दिलाए थे। इस भारतीय दल में 60 पुरुष और 23 महिलाएं थीं। लेकिन ये आंकड़ा और भी शानदार हो सकता था, क्योंकि कई ऐसे भारतीय खिलाड़ी थे जो पदक के बेहद क़रीब आकर चूक गए।
वे भारतीय खिलाड़ी जो लंदन 2012 में पदक जीतने से चूक गए:
#1 जॉयदीप कर्माकर
जॉयदीप कर्माकर (Joydeep Karmakar), जो अपने पदक विजेता साथी गगन नारंग और विजय कुमार के साथ ही पदकों की तिकड़ी लगा सकते थे। लेकिन 50 मीटर राइफ़ल प्रोन इवेंट में वह चौथे स्थान पर रहे थे, और इस तरह से अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित इस शूटर के हाथों से कांस्य पदक आते आते फिसल गया।
#2 अमित कुमार
इनके बाद रेसलिंग में 19 वर्षीय भारतीय पहलवान अमित कुमार (Amit Kumar) भी क्वार्टर फ़ाइनल में जगह बना चुके थे, लेकिन टाईब्रेकर में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
#3 विजेन्दर सिंह
भारतीय दिग्गज मुक्केबाज़ विजेंदर सिंह भी अपने लगातार दूसरे पदक के बेहद क़रीब आकर चूक गए, बीजिंग 2008 में कांस्य पदक जीतने वाले विजेंदर ने लंदन 2012 का आग़ाज़ बेहतरीन अंदाज़ में किया था और आसानी के साथ क्वार्टर फ़ाइनल तक पहुंच गए थे, यानी बस एक और जीत उन्हें लगातार दूसरा पदक दिला देती। लेकिन क़िस्मत को कुछ और मंजूर था, क्वार्टर फ़ाइनल बाउट में उज़बेकिस्तान के मुक्केबाज़ अब्बोस अतोएव (Abbos Atoev) के हाथों मिली हार ने भारतीय दिग्गज को इस बार पदक से महरूम कर दिया।
हालांकि इस फ़ेहरिस्त में कई और ऐसे नाम शामिल किए जा सकते थे, जिनसे पदक की काफ़ी उम्मीदें थीं। लेकिन हमने सिर्फ़ उन भारतीय खिलाड़ियों को इस सूची में शामिल किया है जो पदक के क़रीब आकर चूक गए।
उम्मीद है कि इस साल होने वाले टोक्यो ओलंपिक में तस्वीर कुछ अलग होगी और इस बार इतने क़रीब से चूकने के बजाए भारत ज़्यादा से ज़्यादा पदकों के साथ एक नया इतिहास रचे।