रियो ओलंपिक शुरू होने में अब बस गिने चुने दिन बचे हैं। इस बार भारत की तरफ से ओलंपिक में सबसे बड़ा दल जा रहा है। इस वजह से देशवासियों को पदक की उम्मीदें बढ़ गयी हैं। इस बार कई ऐसे युवा हैं, जो पहली बार ओलंपिक में जा रहे हैं। जो पदक भी ला सकते हैं। लेकिन यहाँ हम आपको आज 3 ऐसे ओलम्पियन के बारे में बता रहे हैं, जिनका ये आखिरी ओलंपिक हो सकता है ऐसे में उनसे पदक की उम्मीदें बढ़ जाती हैं। ये रहे वो तीन वेटरन ओलंपियन: #1 लिएंडर पेस 41 साल के पेस का ये 7वां ओलंपिक है। ऐसे में उनकी ये प्रबल इच्छा है कि वह ओलंपिक में अपना दूसरा पदक जीते। इसमें कोई दो राय नहीं है कि पेस भारत के दिग्गज खिलाड़ी हैं। साल 1996 में पेस ने एटलांटा ओलंपिक में डबल्स में कांस्य पदक जीता था। ऐसे में इस बार वह इस ओलंपिक में पदक जीतकर ही विदाई लेना चाहेंगे। हालाँकि सबसे महत्वपूर्ण सवाल है कि पेस के पास ये मैडल जीतने का ये अभूतपूर्व मौका है। जहाँ तक देखा जाए तो पेस मिक्स डबल्स में सानिया मिर्जा के साथ जोड़ी बना सकते हैं। जबकि डबल्स में वह बोपन्ना के साथ जोड़ी बनायेंगे। इन दोनों की फॉर्म को देखते हुए पेस के पदक जीतने के मौके बढ़ जाते हैं। #2 अभिनव बिंद्रा अगर 10 महान खिलाड़ियों की सोच्ची बनाई जाये तो अभिनव बिंद्रा का नाम उसमें जरूर होगा। पिछले दो दशक से बिंद्रा भारतीय तिरंगे का मान बढ़ा रहे हैं। इस दौरान उन्होंने ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर देश का मान बढ़ा चुके हैं। ऐसे में इस बार रियो ओलंपिक में उनसे देशवासियों को काफी उम्मीदें हैं। लोगों को आशा है कि वह देश को पदक दिलाकर अपने करियर का समापन करेंगे। #3 योगेश्वर दत्त योगेश्वर दत्त इससे पहले लन्दन ओलंपिक में कांस्य पदक जीत चुके हैं। अपने चौथे ओलंपिक में भाग लेने जा रहे योगेश्वर इस वक्त पहलवानों में सबसे अनुभवी हैं। 33 साल के योगेश्वर से देश की जनता को भी काफी उम्मीदें हैं। वह इस बार मैडल जीतकर देश का गौरव बढ़ाने की कोशिश करेंगे। साल 2014 में कामनवेल्थ खेलों में दत्त ने स्वर्ण पदक जीता था। उसके बाद एशियन खेलों में भी उन्होंने सोना जीता था। ऐसे में ओलंपिक में इस बार वह अपना दूसरा मैडल जीतने की कोशिश करेंगे।