अपने पूरे करियर में पुलेला गोपीचंद ने केवल एक ही ओलंपिक में हिस्सा लिया और वो थी सिडनी ओलंपिक्स। हालांकि वहां पर उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा और वें राउंड ऑफ़ 16 में इंडोनेशिया के हेनड्रान के हाथों हार कर बाहर हो गए। लेकिन कुछ ही लोगों को मालूम था कि अपने करियर के बाद वे हैदराबाद में अपने अकादमी के माध्यम से युवाओं को ट्रेनिंग देंगे। अकादमी के लिए सबसे गर्व की बात 2012 में थी, जब इस अकादमी की खिलाडी साइन नेहवाल को कांस्य पदक मिला। वे वापस 2016 के रियो ओलंपिक्स में हिस्सा ले रही है और उम्मीद करेंगे की वें अपने देश का नाम ऊँचा करें। फ़िलहाल यहाँ पर पीवी सिंधु, किदाम्बी श्रीकांत जैसे खिलाडी ट्रेनिंग कर रहे हैं और अगस्त में वें भी साइन नेहवाल की तरह ही कुछ करना चाहेंगे।
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