झाँसी के तुषार खांडेकर के लिए हॉकी में सबसे यादगार लम्हा 2010 ग्वांग्झू के एशियाई खेल में आया जब उनकी गोल की मदद से भारतीय टीम ने कांस्य पदक अपने नाम किया। अपने करियर के बाद वें अब पुरुषों की टीम में सप्पोर्ट स्टाफ के सादस्य हैं और आने वाले ओलंपिक्स में भारत को 36 साल बाद पदक दिलवाएंगे। लेखक: शंकर नारायण, अनुवादक: सूर्यकांत त्रिपाठी
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