सन 1900 में पेरिस में हुए दूसरे ओलंपिक में तीरंदाजी को ओलंपिक खेलों में शामिल किया गया। तब से अबतक ये 16 बार ओलंपिक में शामिल किया जा चुका है। ये खेल विश्व तीरंदाजी फेडरेशन द्वारा संचालित होता है। इस लोकप्रिय खेल में 84 देश भाग लेते हैं।
1920 से 1972 तक तीरंदाजी समर खेलों में नहीं शामिल किया गया था। लेकिन उसके बाद ये सभी ओलंपिक में शामिल था। रिकर्व तीरंदाजी ओलंपिक खेलों में शामिल रहा है जो इस बार रियो में भी है।
महिला इवेंट में 1984 से कोरियाई महिलाओं का मैडल जीतने के मामले में दबदबा रहा है। इन्होने अबतक 15 में 14 स्वर्ण पदक जीते हैं। वहीं पुरुषों में भी कोरियाई ही आगे रहे हैं। उनके बाद यूएसए का नम्बर आता है। कोरिया के नाम टीम इवेंट में 7 में से 4 स्वर्ण पदक और व्यक्तिगत में 8 स्वर्ण पदक है।
ओलंपिक खेल शुरू होने में अब जब गिने चुने दिन ही बचे हैं तो आइये डालें एक नजर दुनिया के 5 बेहतरीन तीरंदाजों पर:#1 किम सू-न्युंग(दक्षिण कोरिया)
कोरिया की 17 महिलाओं ने अबतक स्वर्ण पदक जीते हैं, लेकिन इसमें एक नाम सबसे आगे आता है वह है किम सू-न्युंग। किम ने अबतक 4 स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक जीते हैं। न्युंग आधुनिक तीरंदाजों में सर्वश्रेष्ठ तीरंदाज हैं।
स्कूली पढ़ाई के साथ-साथ 9 वर्ष की उम्र में न्युंग ने तीरंदाजी शुरू कर दी थी। राष्ट्रीय टीम में 16 वर्ष की उम्र में जगह बना ली थी। उन्होंने सीओक्यु फ्रांस इवेंट में 30 मीटर में विश्व रिकॉर्ड बनाकर स्वर्ण पदक जीता था।
इस तीरंदाज के मुताबिक, “तीरंदाजी में मजबूत बांह होनी चाहिए उसके बाद उन्हें तकनीकी रूप से दक्ष होना चाहिए। अपनी गलतियों से जल्द ही सीखकर हमने अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश करनी चाहिए। मेरे हिसाब से तीरंदाजी टाइमिंग का खेल है।”
न्युंग के हिसाब से तीरंदाजी में निरंतरता ही सफलता की कुंजी है, “ओलंपिक में ज्यादा स्वर्ण पदक जीतने वाले तीरंदाज निरंतर अच्छा प्रदर्शन करते हैं। वह अपने अंदर निरंतर बेहतर करने की क्षमता विकसित कर लेते हैं।”