पी टी उषा को भारत और भारत के बाहर "पय्योली एक्सप्रेस" के नाम से जाना जाता है। उन्होंने अपना प्रशिक्षण 16 साल की उम्र में स्कूल में होते हुए शुरू कर दिया और मास्को के 1980 ओलंपिक में हिस्सा लिया था। हालांकि अनुभवहीन होने के कारण वें कुछ ज्यादा नहीं कर पाई और वहां से खाली हाथ लौटी। लेकिन इसका बाद उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया और एशियाई खेलों में 13 पदक जीते और कई रिकॉर्ड बनाए। इसके बाद उन्होंने 1984 के ओलंपिक में हिस्सा लिया और सेमीफाइनल में टॉप किया लेकिन अगले दौर में कुछ सेकंड से हार गई। हालांकि उषा ने 1988 के ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया लेकिन वें 1984 का जादू दोहराने में असफल रही। इसके बावजूद वें ट्रैक एंड फील्ड खेल में भारत की ओर से सबसे ज्यादा कामयाब महिला एथलीट हैं।
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