"द फ़्लाइंग सिख" मिल्खा सिंह भारत के आइकॉन खिलाडी हैं। कामनवेल्थ खेलों के सिंगल मुकाबले वें पदक जीतनेवाले पहले भारतीय थे। करीब पांच दशक तक ऐसा करनेवाले वें एकमात्र खिलाडी थे। उन्हें सबसे ज्यादा कामयाबी एशियाई खेलों में मिली जहाँ दो गेम्स ने उनके नाम 5 पदक और कामनवेल्थ खेल में उनके नाम दो पदक है। मिल्खा सिंह 1956 मेलबॉर्न ओलंपिक, 1960 टोकयो ओलंपिक और 1964 के रोम ओलंपिक में हिस्सा लिया। रोम ओलंपिक में उन्होंने 400 मीटर दौड़ में हिस्सा लिया, लेकिन 200 मीटर तक उनके पास बढ़त थी पर उसके बाद वें मोमेंटम खोते गए। उस दौड़ में वें चौथे आएं और पदक गँवा दिया। भले ही उन्होंने नेशनल रिकॉर्ड बनाया हो, लेकिन ओलंपिक पदक कभी नहीं जीत पाएं। लेखक: अनुराधा संथानम, अनुवादक: सूर्यकांत त्रिपाठी
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