भारत के लिए 1952 हेलसिंकी ओलंपिक बेहद खास था, क्योंकि ये आजादी पाने के बाद पहला ओलंपिक था। यहाँ पर के डी जाधव ने बैंटमवेट कैटेगिरी में कांस्य पदक हासिल क़िया। उन्होंने फ़िनलैंड पहुचने के लिए काफी संगर्ष किया, इसलिए उनके लिए ये पदक बेहद खास था। वें अपने गांव में अपने परिवार के साथ घूमकर पैसे मांगने लगे ताकि वें ओलंपिक में हिस्सा ले सकें। तब उनकी मदद पटियाला के राजा ने की और फिर वें ट्रायल्स में जा पाए।
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