23 साल के हरियाणा के विकास कृष्ण रियो गए भारतीय दल में 3 सदस्यीय बॉक्सिंग दल का हिस्सा हैं, वो रियो में मेडल लाने की पूरी कोशिश करेंगे। पहले राउंड में उनका सामना अमेरिका के चार्ल्स कॉनवैल से होगा, जहां विकास अपना अनुभव काम में लाकर जीत हासिल करना चाहेंगे। दुनिया में छठी वरीयता प्राप्त बॉक्सर विकास को मेडल हासिल करने के लिए अपना 100 प्रतिशत देना होगा। लंदन 2012 ओलंपिक्स में अंकों के आधार पर 13-11 से जीत हासिल करने के बाद भी उनका बाहर होना पड़ा। लंदन ओलंपिक के 4 साल बीत जाने के बाद अब विकास बॉक्सर के रूप में काफी अच्छी स्थिति में है। विकास ने वर्ल्ड बॉक्सिंग क्वालीफायर 2016 में ब्रॉन्ज जीतकर रियो के लिए क्वालीफाई किया था। विकास अब मिडलवेट कैटेग्री में आ गए हैं। JSW स्पोर्ट्स एक्सीलेंस प्रोग्राम के बॉक्सर विकास अब स्पीड को ज्यादा अच्छे से इस्तेमाल करना चाहेंगे। उनका लाइव वेट रिकॉर्ड काफी शानदार रहा है, उन्होंने 2010 एशियन गेम्स में गोल्ड जीता था। उसके बाद उन्होंने 75 किलोग्राम वर्ग में स्विच कर लिया था, इसी वर्ग में विजेंदर सिंह ने साल 2008 में बीजिंग ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। विजेंदर और विकास एक ही क्लब से आते हैं और दोनों ही एक कैटेगरी में लडते हैं। सभी को उम्मीद है कि विकास मेडल के साथ लौटेंगे। 2012 को भुलाकर विकास को अब अपनी मानसिक शक्ति और अपनी ताकत का प्रदर्शन कर देश को मेडल दिलाना होगा।