ललिता बाबर 2016 रियो ओलंपिक के 3000m स्टीपलचेज में हिस्सा लेंगी, बाबर को कम आंकना किसी भी दूसरे एथलीट के लिए भारी पड़ सकता है। बाबर पहले मैराथन दौड़ती थी, लेकिन 2014 में उन्होंने स्टीपलचेज़ में स्विच कर लिया। तब से उनका भारत और एशिया में दबदबा देखने को मिलता है। ललिता बाबर 2014 एशियन गेम्स में सिल्वर मेडल जीती। वैसे वो ब्रॉन्ज जीती थी,लेकिन बहरीन की रूथ जेबेट से गोल्ड छीन लिए जाने के बाद उन्हें सिल्वर हासिल हुआ था। उसके बाद ललिता ने 2015 एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड जीता था। JSW स्पोर्ट्स एक्सीलैंस प्रोग्राम की इस खिलाड़ी ने 2015 वर्ल्ड चैंपियनशिप में आठवां स्थान हासिल किया था। बाबर को अपनी रेस को पूरा करने के लिए स्टैमिना और ताकत का अच्छा इस्तेमाल करना होगा, तभी वो देश के लिए मेडल जीत सकती हैं।