अगर आप पहली बार यह नाम सुन रहे हैं तो बता दें कि आंध्र प्रदेश की कर्णम मल्लेश्वरी भारत की पहली महिला भरोत्तोलक और ओलंपिक्स में पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी हैं। 2000 में सिडनी ओलंपिक्स में उन्होंने स्नैच में 110 जबकि क्लीन और जर्क में 130 किलोग्राम का वजन उठाया और कुल 240 किलोग्राम का वजन उठाया। उन्होंने बाद में कहा था कि उन्हें स्वर्ण पदक नहीं जीतने का मलाल है। आज तक मल्लेश्वरी ने अपनी लोकप्रियता बरक़रार रखी है। मल्लेश्वरी के अनुसार, उनके कोचों का गणित गलत रहा और स्वर्ण के लिए अंतिम एटेम्पट में उन्हें 137.5 किग्रा वजन उठाने के लिए कहा गया, जहां वह नाकाम रही। वह अगर 132.5 किग्रा का वजन उठा लेती तो भी स्वर्ण पदक जीत लेती। उनके लिए सबसे बड़ी उपलब्धि सिडनी गेम्स ही हैं जहां उन्होंने 69 किग्रा वर्ग में पदक जीता। 1994 में मल्लेश्वरी ने इस्तांबुल में हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता और 1995 में कोरिया में हुई एशियाई चैंपियनशिप में 54 किग्रा वर्ग में पदक जीता। मल्लेश्वरी की कहानी काफी प्रेरणादायक है और हम उम्मीद करते हैं कि उनकी संघर्षशील कहानी पर एक फिल्म जरुर बने।