साल 2016 रियो ओलंपिक शुरू होने में मात्र अब 2 महीने बचे हैं। इस बार भारतीय टीम ने तकरीबन सभी खेलों में जगह बनाई है। इस बार भारतीय दल में युवा और अनुभव का अच्छा मिश्रण है। अब ये देखना दिलचस्प होगा कि कौन से एथलीट ब्राज़ील की राजधानी में कैसा प्रदर्शन करते हैं। यहाँ हम आपको 5 ऐसे भारतीय ओलम्पियन के बारे में बता रहे हैं, जिनका ये आखिरी ओलंपिक हो सकता है: #1 अभिनव बिंद्रा अभिनव बिंद्रा का बतौर निशानेबाज़ शानदार करियर रहा है, बीते दो दशक में उन्होंने भारत के लिए बेहतरीन खेल दिखाया है। ऐसे में उनका ये आखिरी ओलंपिक हो सकता है। 33 साल के अभिनव ने हाल ही में ट्विटर पर लिखा था कि विश्वास नहीं हो रहा है कि मैं अपना 5 वां ओलंपिक खेल रहा हूँ। ऐसे में चाहूँगा एक और मैडल जीतकर अपने करियर को ऊंचाई पर लाकर खत्म करूं। वह अपने प्रतिस्पर्धी मुकाबले में भाग तो लेंगे ही साथ ही उन्हें रियो के लिए सद्भावना दूत भी बनाया गया है। उनका ये आखिरी ओलंपिक हो सकता है ऐसे में वह शीर्ष पर अलविदा कहना चाहेंगे। #2 लिएंडर पेस हर बार वह ढलते हैं, लेकिन चार साल बाद वह फिर उदय हो जाते हैं। पेस ने पहला ओलंपिक बार्सिलोना में साल 1992 में खेला था। उसके बाद 1996 में एटलांटा में वह कांस्य पदक जीता इस बार उनकी उम्र 43 है और अपने 7वें ओलंपिक में भाग लेने के लिए तैयार हैं। हो सकता है ये उनका आखिरी ओलंपिक हो। कभी-कभी दुनिया के महान के खिलाड़ियों की आलोचना हुई है, लेकिन जब बात पेस की होती है। तो ऐसा नहीं होता है। वह भारत के महान स्पोर्ट्समैन में से एक हैं। इधर बीच ये चर्चा जोर पकड़ रही है कि क्या पेस इस ओलंपिक के बाद अलविदा कह देंगे। तकरीबन 20 साल हो गये पेस को ओलंपिक में पदक जीते हुए ऐसे में वह रियो में ये कारनामा दोहराना चाहेंगे। #3 मानवजीत सिंह संधू इस बार संधू ने क्वालीफाई नहीं किया था, लेकिन एनआरएआई ने उन्हें संजीव राजपूत की जगह रियो भेजने का निर्णय लिया। 39 बरस के संधू पहली बार साल 2006 में ट्रैप वर्ल्ड चैंपियन बने थे। इस बार वह अपने चौथे ओलंपिक में भाग लेने जा रहे हैं। उनसे देशवासियों को मैडल की उम्मीदें हैं। वह 12 सदस्यीय निशानेबाज़ी टीम के हिस्सा हैं। जो भारत का अबतक का सबसे बड़ा दल है। #4 गगन नारंग एक और निशानेबाज़ जिसके लिए रियो ओलंपिक आखिरी ओलंपिक साबित हो सकता है। 33 साल के गगन नारंग ने साल 2012 लन्दन ओलंपिक में 10 मीटर एयर राइफल में कांस्य पदक जीता था। ऐसे में वह इस बार मैडल जीतकर अलविदा कहना चाहेंगे। नारंग ने बेन्निंग वर्ल्ड कप में कांस्य पदक जीतकर रियो का कोटा हासिल किया था। इस वजह से उन्हें भारत के लिए पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। #5 योगेश्वर दत्त ओलंपिक में इस बार मुक्केबाजी में भारत की दावेदारी कम हुई है। इसलिए इस बार पहलवानों पर मैडल जीतने का दबाव ज्यादा है। जिसमें लोगों पहलवान योगेश्वर दत्त से लोगों को ज्यादा उमीदें हैं। 32 साल के इस पहलवान ने मार्च एशियन खेलों में सोना जीतकर रियो का टिकट हासिल किया था। अनुभवी होने की वजह से उनके कंधे पर जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। ऐसे में आशा है कि भारत को इस बार अपने अंतिम ओलंपिक में मैडल जरूर दिलाएंगे।