वीडियो : भारतीय खेल जगत के 5 सुनहरे पल

यूं तो कई ऐसे मौके रहे हैं जब भारतीय खिलाड़ियों ने अपना लोहा मनवाया है। लेकिन कुछ सुनहरे पलों को देखकर भारतीय खेल प्रेमियों को गर्व होता है। ये पल भारतीय खेल जगत में पहली बार घटने की वजह से हमेशा याद किये जाते हैं। आइये नज़र डालते हैं कुछ ऐसे ही मौकों पर - #1 भारतीय क्रिकेट टीम ने पहली बार जीता विश्व कप : 80 के दशक के शुरुआती दौर में भारतीय क्रिकेट टीम को कमजोर माना जाता था। लेकिन भारतीय टीम ने चमत्कारिक प्रदर्शन करते हुए 1983 के विश्व कप फाइनल में जगह बनाई। फाइनल मुकाबले में वेस्टइंडीज से हुई भिड़ंत में भारत ने 33 रन से जीत दर्ज की थी। भारतीय क्रिकेट जगत के लिए ये पल इतिहास में दर्ज़ हो गया। #2 ओलंपिक में पहला व्यक्तिगत स्वर्ण पदक : 2008 बीजिंग ओलंपिक में पहली बार किसी भारतीय ने स्वर्ण पदक जीता। भारतीय शूटर अभिनव बिंद्रा ने 10 मीटर एयर राइफल इवेंट में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीता। ये पल याद कर हर भारतीय गौरवान्वित महसूस करता है। #3 भारतीय हॉकी टीम का ओलंपिक में पहला स्वर्ण पदक : भारतीय हॉकी ने ओलंपिक में पहला स्वर्ण पदक 1928 में जयपाल सिंह की कप्तानी में जीता था। 1932 और 1936 में भी भारतीय टीम ने स्वर्ण पदक जीता। 1936 में ध्यान चंद की कप्तानी में भारतीय टीम ने स्वर्ण पदक जीता। भारतीय हॉकी टीम द्वारा अब तक 8 स्वर्ण पदक हासिल किए गए हैं। #4 साइना नेहवाल ने हासिल की पहली रैंकिंग : अप्रैल 2015 में साइना नेहवाल ने बैडमिंटन विश्व रैंकिंग में पहला पायदान हासिल किया। साइना पहली भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं जिन्होंने विश्व रैंकिंग में पहला स्थान हासिल किया है। #5 2007 में विश्वनाथन आनंद बने विश्व शतरंज चैंपियन : 1998 में विश्वनाथन आनंद शतरंज के ग्रैंडमास्टर बने। इसके बाद 2000 से 2002 तक वो विश्व शतरंज चैंपियनशिप के विजेता भी रहे। 2007 में उन्होंने मेक्सिको में आयोजित हुई विश्व शतरंज चैंपियनशिप का खिताब भी जीता। 2007 से लेकर 2013 तक उन्होंने अपने खिताब को दांव पर लगाकर कई मुकाबले जीते।

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Edited by Staff Editor
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