खेलों का महाकुम्भ ओलंपिक 17 दिनों तक ब्राज़ील के खूबसूरत शहर रियो डे जेनेरियो में हुआ। इस महाकुम्भ की शुरुआत 5 अगस्त को धूमधाम तरीके से हुई। ये मेगा इवेंट हर दिन लोगों के लिए दिलचस्प बना रहा। इस महाकुम्भ का उद्घाटन समारोह काफी भव्य था। पूरा शहर खूबसूरती से जगमगा उठा था। इस महाकुम्भ में प्रत्येक दिन आइकोनिक एथलीटों ने अपने प्रदर्शन से खेलप्रेमियों को समोहित किया। इसके अलावा कई एथलीट ऐसे रहे जिन्होंने अपने देश के लिए पहला पदक जीता। इसके अलावा किसी जीतने का सिलसिला जारी रखा, तो किसी को बुरी चोट भी लगी। रियो इन सारी बातों का गवाह बना। हमने आपके लिए एक ऐसी ही रोचक लिस्ट तैयार की है: #1 10 देश जिन्होंने पहली बार स्वर्ण पदक जीता रियो ओलंपिक एक बहुत इवेंट था। जहां जो कुछ भी घटित हुआ वह इतिहास बन गया। इस बार 10 एथलीटों ने अपने देश के लिए पहली बार स्वर्ण पदक जीते। ये देश पांचों उपमहाद्वीप अफ्रीका, अमेरिका, एशिया, ओसियन और यूरोप से हैं। उसैन बोल्ट, माइकल फेल्प्स, किम्बर्ली होड जैसे एथलीटों के लिए स्वर्ण पदक जीतना ओलंपिक में आसान माना जाता रहा है। लेकिन आज भी कई देशों के लिए ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतना सपने के सच होने जैसा है। ओलंपिक में कई देश ऐसे भी हैं जिन्होंने अपने 72 साल के ओलंपिक इतिहास में अब जाकर पहला स्वर्ण पदक जीता है। रियो में 10 ऐसे देशों ने पहली बार स्वर्ण पदक जीता है: बहरीन – रुथ जेबेट ने महिलाओं के 3000 मीटर स्टीपलचेज इवेंट में सोना जीता। बहरीन 9वीं बार ओलम्पिक में शामिल हुआ था। फिजी- इस बार पुरुषों के रग्बी का स्वर्ण पदक फिजी के नाम रहा। फिजी 14वीं बार ओलंपिक में शामिल हुआ था। स्वतंत्र/आईओए फ्लैग- फेहैद अल दीहानी ने पुरुषों के डबल ट्रैप शूटिंग इवेंट का स्वर्ण पदक जीता और वह पहले स्वतंत्र एथलीट बने। आइवरी कोस्ट- चेक साला जूनियर सिस में इस अफ़्रीकी देश ने टायक्वोंडो में पहला स्वर्ण पदक जीता। ये उनका 14 वां ओलंपिक सफर है। जॉर्डन- अहमद अबुगौश ने अपने देश के लिए तायक्वोंडो में पहला स्वर्ण पदक जीता। जॉर्डन का 14वें ओलंपिक में पहला स्वर्ण पदक है। कोसोवो- मज्लिंडा केल्मेंडी ने कोसोवो के लिए जूडो में पहला स्वर्ण पदक जीता। ये कोसोवो का पहला ओलंपिक सफर था। पुएर्टो रिको- मोनिका पुइग ने महिला टेनिस का स्वर्ण जीतकर इस आइलैंड के देश को 18वें ओलंपिक सफर में पहला गोल्ड दिलाया। सिंगापुर- स्विमिंग में जोसेफ स्कूलिंग ने सिंगापुर के लिए पहला गोल्ड मैडल जीता। सिंगापुर का ये 16वां ओलंपिक सफर था। ताजीकिस्तान- दिलशोद नज़रोव ने हैमर में रियो में स्वर्ण पदक जीता। ताजीकिस्तान का ये छठा ओलंपिक सफर था। वियतनाम- जुआन विन्ह होंग ने पुरुषों के 10 मीटर एयर पिस्टल शूटिंग इवेंट में स्वर्ण जीता। ये उनके देश का 15वां ओलंपिक सफर था। #2 एंडी मरे पहले पुरुष टेनिस खिलाड़ी बने जिन्होंने लगातार दूसरी बार स्वर्ण पदक जीता जुलाई 2016 में दूसरी बार विंबलडन के मेन्स सिंगल्स का ख़िताब जीतकर मरे ने ग्रेट ब्रिटेन के लिए रियो ओलंपिक में इतिहास रचते हुए दूसरी बार ओलंपिक में सोना जीता। मरे के ऊपर ब्रिटेन की तरफ टेनिस से पदक लाने की ज़िम्मेदारी थी। एंडी मरे ने जुआन मार्टिन डेल पात्रो को फाइनल में हराकर ओलंपिक में दूसरी बार स्वर्ण पदक जीता। मरे ने अपने इस ओलंपिक सफर में विक्टर ट्रोइकी, जुआन मोनाको, फाबियो फोगनिनी, स्टीव जॉनसन, की निशिकोरी और मार्टिन डेल पात्रो को हराया। हालांकि उनके लिए डेल पात्रो के मैच के अलावा बाकी आसान मैच थे। पात्रो ने नडाल को सेमीफाइनल में हराया था। फाइनल मुकाबला चार सेट और चार घंटे तक चला था। जिसमें मरे ने पात्रो को 7-5, 4-6, 6-2, 7-5 से हराया। #3 पीवी सिन्धु रजत पदक जीतने वाली भारतीय महिला बनी रियो में भारत की ओर से 120 एथलीट गये थे। जिसमें साक्षी मलिक ने कांस्य पदक और पीवी सिन्धु ने रजत पदक जीता। 21 साल की सिन्धु ने इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करते हुए रजत पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनी। कठिन ड्रा मिलने के बाद सिन्धु ने शानदार बैडमिंटन खेलते हुए दुनिया की दुसरे नम्बर की खिलाड़ी वांग यिहान को क्वार्टरफाइनल में हराया था। सेमीफाइनल में सिन्धु ने जापान की नोजोमी ओकुहरा को हराकर रजत पदक पक्का कर लिया। फाइनल में स्पेन की कैरोलिना मरीन ने से सिन्धु से हार का सामना करना पड़ा। लेकिन इतिहास बन चुका था। #4 ईरान की पहली महिला ओलंपिक में मेडल जीता ईरान की जनसंख्या 78 मिलियन है। लेकिन इस देश की महिला खिलाड़ियों ने कभी मैडल नहीं जीता था। लेकिन इस बार इतिहास बना और ईरान की महिला खिलाड़ी ने रियो में पदक जीता। ईरान की टीम में 9 महिलाएं और 54 पुरुष खिलाड़ी थे। तायक्वोंडो खिलाड़ी कीमिया अलीजादेह ने इस बार पदक का सूखा समाप्त किया। 18 वर्षीय इस खिलाड़ी ने पुरुषों की भांति इस खेल में गम्भीरता से भाग लिया। स्वीडन की निकिता ग्लास्नोस्टिक को 5-1 से तायक्वोंडो के अंडर-57 डिवीज़न में पदक हासिल किया। ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने भी इस जीत पर ख़ुशी जतायी। इसके अलावा वहां के मंत्री ने ट्वीट किया, “मेरी बेटी कीमिया तुमने पूरे इरान को अपने प्रदर्शन से खुश होने का मौका दिया है। खासकर महिलाओं के लिए बड़ी सफलता है।” #5 वेड वैन निएकेर्क पहली दक्षिण अफ़्रीकी बनी जिनके नाम 400 मीटर का वर्ल्ड रिकॉर्ड हुआ दर्ज दक्षिण अफ्रीका दुनिया का बेहतरीन खेल संस्कृति वाला देश है। एथेलेटिक्स में दक्षिण अफ्रीका की तरफ से ओलंपिक में कई स्टार खिलाड़ी वॉकर, केन अर्थर,बेविल रुड, सिडनी एटकिन्सन, जोसिया और कास्टर सेमेन्या रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका ने इस बार रियो ओलंपिक में 10 मैडल जीते हैं। जिसमें वेड वैन ने 400 मीटर लॉन्ग जम्प में माइकल जॉनसन का रिकॉर्ड तोड़कर सोना जीता है। वैन के सामने लाशन मेरिट और किरानी जेम्स जैसे चैंपियन खिलाड़ियों की चुनौती थी। वह स्वर्ण के दावेदार नहीं माने जा रहे थे। लेकिन उन्होंने 43.03का समय निकालकर जॉनसन के रिकॉर्ड को 0.15 सेकंड से तोड़ दिया। जॉनसन ने ये रिकॉर्ड 1999 में बनाया था। #6 पहली दो खिलाड़ियों ने दौड़ के बाद एक दूसरे को खड़े होने में मदद की रियो ओलम्पिक में महिलाओं के 5000 मीटर रेस न्यूज़ीलैंड की निक्की हैम्बलिन और यूएसए की ऐबी डी एगोस्टिनो ने यादगार बना दिया। ट्रैक पर इन दोनों ने एक दूसरे को उठने में जिस तरह मदद की। वह खेल भावना का शानदार उदहारण साबित हुआ। 5000 मीटर के इवेंट के दौरान ये घटना घटी। जब इन दोनों ने के दूसरे का हाथ थामकर खड़ी हुईं। अमेरिकी एथलीट चोटिल हो गयी थीं। जिन्हें किवी एथलीट ने उठने के लिए हाथ बढ़ाया। लेकिन उन्हें गंभीर इंजरी थी। जिसकी वजह से वह दोबारा गिर गयीं। जिन्हें किवी एथलीट ने दोबारा उठाने के लिए हाथ बढ़ाया। हैम्बलिन ने अपनी इस प्रतिद्वेंदी को फिनिश लाइन से खींचकर उठाया। हालाँकि दोनों एथलीट एक दूसरे पर शर्माए भी थे। एगोस्टिनो का व्हीलचेयर से जाना उनके करियर का यादगार लम्हा था। #7 ओलम्पिक में शामिल हुई रिफ्यूजी टीम पूरी दुनिया में शरणार्थियों को लेकर खूब चर्चा हुई। जो दिल को छू लेने वाली रही। लेकिन ये सब शरणार्थियों के दुखों को खत्म करने को नाकाफी हैं। रियो में इन शरणार्थियों को लेकर एक अहम फैसला हुआ। उन्हें ओलम्पिक में आईओए के झंडे के तहत खेलने का मौका दिया गया। मरकाना स्टेडियम में जब रिफ्यूजी टीम ने उद्घाटन समारोह में भाग लिया। तो काफी जोरशोर से उनका स्वागत हुआ। अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक कमिटी ने एक एतिहासिक निर्णय लेते हुए एक रिफ्यूजी टीम का चयन किया। जिसे ब्राज़ील के साथ-साथ हर किसी का बेहतरीन रिस्पांस मिला। इस टीम में 10 एथलीट शामिल किये गये। जेम्स चेंगजिक, येईस बील, पाउलो लोकोरो, योनस किंडे, रोज लोकोंयेन, पोपोले मिसेंगा, योलैंड मबिका, रामी अनीस और युसरा मर्दिनी ने इस टीम की तरफ प्रतिभाग किया। यद्यपि इस टीम को एक भी मैडल नहीं मिला, फिर भी इन 10 एथलीटों ने दुनिया भर में काफी सहानुभूति हासिल की। #8 यूएसए की महिला टीम ने 4X100 मीटर रिले में अकेले ही दौड़ लगाई हमने ये मुहावरा सुना होगा कि अकेलापन धावक के लिए बड़ी उपलब्धि होती है। रियो ओलम्पिक में कुछ ऐसा ही हुआ यूएसए की महिला 4x100 मीटर रिले टीम के साथ कुछ ऐसा ही हुआ। क्योंकि इस टीम ने फ़ाइनल में अकेले ही दौड़ लगाई। हालाँकि ये आश्चर्यजनक था। ऐसा इसलिए हुए क्योंकि मुख्य क्वालीफाइंग में रिले बैटन में डिसक्वालिफाई हो गयी थी। इस पर यूएसए की टीम ने विरोध जताया और दोबारा फूटेज को चेक करने पर उन्हें सफलता भी हासिल हुई। क्योंकि एलिसन फेलिक्स ब्राज़ील की कौजिया वेनान्चियो के धक्का देने पर डिसक्वालीफाई हुईं थीं। इस वजह से यूएसए की टीम को दोबारा से ट्रैक दौड़ने के लिए बुलाया गया। इस बार उन्हें फाइनल में पहुँचने के लिए अकेले दौड़ने का मौका मिला। उन्होंने इस मौके का पूरा फायदा उठाया। उन्होंने 41.77 की टाइमिंग निकालकर रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने जमैका को हराकर स्वर्ण पदक भी जीता। इस तरह ये ओलम्पिक इतिहास का सबसे बड़ा उलटफेर था।