Abhinav Bindra Receive Olympic Order By IOC : पेरिस ओलंपिक 2024 में भले ही भारतीय एथलीट्स का परफॉर्मेंस उतना अच्छा नहीं रहा लेकिन इस ओलंपिक का समापन होते-होते भारत के लिए एक अच्छी खबर जरूर आई। 2008 बीजिंग ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले भारत के अभिनव बिंद्रा को 'ओलंपिक ऑर्डर' से नवाजा गया है। यह सम्मान ओलंपिक आंदोलन का सबसे बड़ा सम्मान है और 41 साल के बाद किसी भारतीय को ओलंपिक के इस सम्मान से सम्मानित किया गया है।
अभिनव बिंद्रा की अगर बात करें तो वह भारत के लिए व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले एथलीट हैं। उन्होंने 2008 के बीजिंग ओलंपिक में शूटिंग में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। एक खिलाड़ी के अलावा प्रशासक के तौर पर भी अभिनव बिंद्रा ने काफी कुछ योगदान दिया है। वह 2010 से 2020 तक इंटरनेशनल निशानेबाजी खेल महासंघ की एथलीट समिति के सदस्य थे। इसके अलावा 2014 से वो इस समिति के अध्यक्ष भी रहे। जबकि 2018 से वह इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी आयोग के भी सदस्य हैं।
इसी वजह से अभिनव बिंद्रा को यह सम्मान मिला है। अभिनव बिंद्रा इस सम्मान को पाने वाले मात्र दूसरे भारतीय हैं। इससे पहले भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को यह सम्मान दिया गया था और अब जाकर अभिनव बिंद्रा को ओलंपिक आंदोलन के इस सबसे बड़े सम्मान से सम्मानित किया गया है।
यह केवल मेरा सम्मान नहीं है - अभिनव बिंद्रा
ओलंपिक ऑर्डर हासिल करने के बाद अभिनव बिंद्रा ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा,
पेरिस में इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी के 142वें सेशन के दौरान मुझे ओलंपिक ऑर्डर से सम्मानित किया गया है और मैं काफी सम्मानित महसूस कर रहा हूं। यह सम्मान केवल मेरा व्यक्तिगत सम्मान नहीं है, बल्कि यह ओलंपिक मूवमेंट के वैल्यू और स्प्रिट को दर्शाता है। मेरे इस सफर का जो भी हिस्सा रहे हैं, उनका शुक्रिया।
आपको बता दें कि ‘ओलंपिक ऑर्डर’ की अगर बात करें तो इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी की तरफ से दिया जाने वाला यह सबसे बड़ा सम्मान होता है। ये अवॉर्ड उस शख्स को दिया जाता है, जिसका योगदान ओलंपिक आंदोलन में सबसे खास होता है। 1975 में शुरु हुए इस अवॉर्ड को ओलंपिक ऑर्डर समिति प्रस्तावित करती है और कार्यकारी बोर्ड फैसला लेती है कि किसे यह अवॉर्ड देना है।