भारतीय टीम को एशियाई खेलों के जिम्नास्टिक स्पर्धा में पदक की उम्मीदों को झटका लगा है। दीपा कर्माकर आर्टिस्टिक फाइनल टीम इवेंट के फाइनल से हट गई हैं। उनके घुटने की चोट के कारण यह फैसला लिया गया है। हालांकि वे बैलेंसिंग (बीम) फाइनल्स में जरुर भाग लेंगी और उनके कोच ने बताया है कि इस प्रतिस्पर्धा में भाग लेने पर घुटने पर कोई असर नहीं होगा। भारतीय स्टार एथलीट को पोडियम अभ्यास के समय घुटने में झटका लगा और वे चोटिल हो गईं। पीटीआई के मुताबिक फ़ाइनल से बाहर होने पर दीपा कर्माकर भावुक हो गईं। उन्होंने कहा कि मैंने इसके लिए कड़ी मेहनत की थी। दीपा कर्माकर प्रोदूनोवा शैली की एकमात्र भारतीय जिनास्ट हैं। 2016 के रियो ओलम्पिक में दीपा ने प्रोदूनोवा शैली में चौथा स्थान प्राप्त कर सनसनी फैला दी थी। वे कांस्य पदक जीतने से कुछ ही अंक दूर रहीं थी। उस समय के बाद ही उन्हें घुटने की चोट से काफी जूझना पड़ा था। इसके बाद तुर्की में विश्व चैलेन्ज कम में वापसी करते हुए दीपा ने वॉल्ट में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। कॉमनवेल्थ खेलों के दौरान भी कर्माकर को घुटने की चोट ने परेशान किया था। जुलाई में उनके घुटने का ऑपरेशन हुआ था और वे गोल्डकोस्ट नहीं जा पाई थी। चिकित्सकीय परामर्श के बाद दीपा को आर्टिस्टिक इवेंट में नहीं उतारने का फैसला लिया गया है क्योंकि उनके घुटने पर दबाव पड़ रहा है। अच्छी बात यह भी रही कि एशियाई खेलों में बीम इवेंट के फाइनल में पहुँचने वाली दीपा पहली भारतीय महिला बन गई हैं। रियो ओलम्पिक के बाद दीपा कर्माकर को एक नई पहचान मिली और फैन्स की संख्या में भी काफी इजाफा हुआ है। उन्होंने कठिन माने जाने वाले प्रोदूनोवा वॉल्ट में जबरदस्त प्रदर्शन कर सबको अपना मुरीद बना लिया था। चोट खेल का एक हिस्सा है और उम्मीद की जानी चाहिए कि यह एथलीट जल्दी ठीक होकर टोक्यो ओलम्पिक में देश के लिए पदक लाएगी।