टोक्‍यो ओलंपिक्‍स मेरा सर्वश्रेष्‍ठ होगा: अतनु दास

अतनु दास
अतनु दास

भारतीय आर्चर अतनु दास ने अगले साल टोक्‍यो ओलंपिक्‍स में अपना सर्वश्रेष्‍ठ प्रदर्शन करने की उम्‍मीद जताई है। अतनु दास ने कहा कि उनकी तैयारी बहुत अच्‍छी है। रियो ओलंपिक्‍स में साधारण प्रदर्शन के बाद अतनु दास ने अपने खेल के कई पहलुओं पर काम किया है। 28 साल के अतनु दास ने चार साल पहले ओलंपिक्‍स में पहली बार हिस्‍सा लिया था। वहां उन्‍हें अंतिम-16 में दक्षिण कोरिया के ली सियुंग युन से शिकस्‍त झेलनी पड़ी थी।

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अतनु दास ने कहा, 'मैंने 2016 रियो को लेकर बहुत उत्‍साहित था क्‍योंकि ये मेरा पहला ओलंपिक गेम्‍स था। मैंने अपना सर्वश्रेष्‍ठ दिया और पूरा जोर लगाया, लेकिन दुर्भाग्‍यवश क्‍वार्टर्स में हार गया। हो सकता है कि वो उस समय मेरा सर्वश्रेष्‍ठ प्रदर्शन हो। मैंने उस हार के बाद बहुत कुछ सीखा।'

अतनु दास ने इन द स्‍पोर्टलाइट में ऑनलाइन लाइव चैट के दौरान कहा, 'मैंने अपने मजबूत और कमजोर पक्ष लिखे व उस पर काम किया। मैं अपनी हार से बहुत निराश था कि मैंने लौटने के बाद दो महीने तक किसी से बात नहीं की। यह जरूरी है कि आप कैसे अपनी विचार प्रक्रिया का प्रबंध करते हो, भले ही अभ्‍यास का समय क्‍यों न हो।'

अतनु दास ने बताए रियो ओलंपिक्‍स के बाद वाले बदलाव

अतनु दास ने आगे कहा, 'आपको खुद से ईमानदार रहने की जरूरत है। रियो के एक महीने बाद मैंने खेल के मानसिक पहलू पर काम करना शुरू किया।' नेशनल कैंप का हिस्‍सा रहे अतनु दास इस समय एएसआई पुणे में ट्रेनिंग कर रहे हैं। वह टोक्‍यो ओलंपिक्‍स के लिए क्‍वालीफाई कर चुके हैं। अतनु दास के साथ तरुणदीप राय और प्रवीण जाधव ने भी पुरुष रिकर्व टीम इवेंट के लिए क्‍वालीफाई किया है। इन्‍होंने 2019 विश्‍व चैंपियनशिप में दमदार प्रदर्शन किया था।

अतनु दास ने कहा, 'मैं 2021 ओलंपिक्‍स को लेकर कड़ी मेहनत कर रहा हूं। रियो 2016 मेरा पहला था, लेकिन टोक्‍यो सर्वश्रेष्‍ठ होगा। मैं काफी ज्‍यादा तैयार रहूंगा।'

एशियाई चैंपियनशिप के ब्रॉन्‍ज मेडलिस्‍ट अतनु दास ने बताया कि 2007 में टाटा एकेडमी ने उन्‍हें रिजेक्‍ट कर दिया था, जिसके बाद उन्‍होंने अपने खेल पर कड़ी मेहनत की। अतनु दास ने कहा, 'मैंने 2006 में आर्चरी शुरू की थी। मुझे टाटा आर्चरी एकेडमी में अभ्‍यास करना था, लेकिन जब मैं वहां गया तो उन्‍होंने मुझे रिजेक्‍ट कर दिया। मैं बहुत निराश हुआ और मेरे दिमाग में यही चल रहा था कि मुझे ये करना ही करना है और किसी भी हाल में एकेडमी जाना है।'

उन्‍होंने आगे कहा, 'फिर मैंने कड़ी मेहनत शुरू की और 6 महीने के अंद सब-जूनियर नेशनल्‍स थे। रिकर्व आर्चरी में मेरा पहला नेशनल्‍स। मैंने व्‍यक्तिगत गोल्‍ड जीता और फिर एकेडमी ने मेरा चयन किया। मैंने आर्चरी को गंभीरता से लिया और इसे अगले स्‍तर पर ले जाने का सपना देखा है।'

Edited by निशांत द्रविड़
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