Paris Paralympics 2024 में अवनि लेखरा ने रचा इतिहास, दूसरे दिन ही दिलाया भारत को गोल्ड मेडल 

vishal
Sports Minister Anurag Thakur Felicitates Tokyo Paralympics Medal Winners - Source: Getty
अवनि लेखरा ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया

Avani Lekhara wins gold medal Paris Paralympics 2024: पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत की शानदार शुरुआत हुई है। दूसरे दिन ही भारत ने गोल्ड मेडल के साथ खाता खोला है। शुक्रवार को भारत की अच्छी शुरुआत हुई और एक गोल्ड और ब्रॉन्ज मेडल मिलाकर कुल 2 पदक पहले ही आ गए। ये दोनों ही पदक भारत को पैरा शूटिंग में मिले हैं। पैरा शूटिंग में अवनी लेखरा ने गोल्ड और मोना अग्रवाल ने ब्रॉन्ज मेडल जीता है।

अवनि लेखरा ने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग SH1 स्पर्धा में ये गोल्ड मेडल जीता है। इससे पहले अवनी ने टोक्यो 2020 में भी पैरा शूटिंग में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता था। अवनि अब टोक्यो 2020 के अपने पैरालंपिक रिकॉर्ड को तोड़ते हुए भारत की सबसे सफल महिला पैरालंपिक एथलीट बन गईं।

महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल (एसएच1) कैटेगरी के क्वालिफिकेशन राउंड से अवनी शानदार लय में नजर आ रहीं थी। क्वालिफिकेशन राउंड में अवनी ने 625.8 अंक हासिल किए थे और वे दूसरे स्थान पर रहीं थी। लेकिन फाइनल में पहला स्थान हासिल करके अवनी ने गोल्ड मेडल को अपने नाम कर लिया है।

शूटिंग से ही खुला खाता

पेरिस ओलंपिक की तरह पैरालंपिक में भी भारत के मेडल का खाता शूटरों ने ही खोला है। पेरिस ओलंपिक में मनु भाकर ने ब्रॉन्ज मेडल जीतकर भारत के लिए पदक का खाता खोला था। अब पैरालंपिक में अवनि और मोना ने भारत के लिए पदक का खाता खोला है। 8 महिलाओं के फाइनल में आखिरी शॉट तक अवनि लेखरा दूसरे स्थान पर थीं। फाइनल मैच में एक समय दक्षिण कोरिया की ली युनरी फाइनल में आगे चल रही थीं, लेकिन अवनी ने अपने आखिरी शॉट में 10.5 अंक हासिल करके उनसे आगे जगह बना ली। अब भारत के लिए पैरालंपिक में तीन पदक जीतने वाली अवनि पहली महिला पैरा एथलीट बन गईं हैं। इससे पहले अवनी ने टोक्यो में महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग SH1 स्पर्धा में स्वर्ण पदक और महिलाओं की 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन SH1 में कांस्य पदक जीता था।

कार एक्सीडेंट में लगी थी चोट

अवनि लेखरा राजस्थान की रहने वाली हैं। 8 साल की उम्र में एक कार एक्सीडेंट में अवनी को रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट लग गई थी। उसके बाद से वो व्हील चेयर पर आ गईं थी। लेकिन उनके पिता ने कभी उनका हौसला टूटने नहीं दिया था। पिता चाहते थे कि उनकी बेटी शूटिंग में अपना करियर बनाएं और आज पूरा देश अवनि लेखरा पर गर्व महसूस कर रहा है।

Edited by Prashant Kumar
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