2016 रियो ओलंपिक में योगेश्वर दत्त के मेडल ना जीतने के बाद भारतीय कुश्ती में एक निराशा का महौल बन गया था। जिसके बाद भारतीय कुश्ती का भविष्य ओझिल सा दिखने लगा था। योगेश्वर के बाद अगला कौन? 1 साल तक ये हर कुश्ती प्रेमी के जेहन में ये बात सबको कचोटती रहती थी। फिर उसके बाद एक बाद नाम सामने आया और ऐसा नाम जिसके चर्चे भारतीय कुश्ती में कम थे। हालांकि ये खिलाड़ी 2013 से अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिता में झंडे गाढ़ रहा था। बावजूद इसके इस खिलाड़ी को वो तवज्जो नहीं मिल रही थी। जिसका वो हकदार था। जी हां हम यहां बजरंग पूनिया के बारे में बात कर रहे हैं।
बजरंगबली के भक्त पूनिया उस समय लोगों के नजरों में आए जब 2018 एशियन और राष्ट्रमंडल खेलों में उन्होंने स्वर्ण पदक अपने नाम किया। इसके बाद कुश्ती का नाम जहां भी किसी के जेहन में आता वहां पूनिया के बारे में चर्चा शुरू हो जाती। एक समय ऐसा आया बजरंग विश्व के ख्याति प्राप्त पहलवान बन गए।
टोक्यो ओलंपिक में रच दिया इतिहास
2020 टोक्यो ओलंपिक में बजरंग पूनिया स्वर्ण पदक की रेस में सबसे आगे चल रहे थे। लेकिन हर बार जो आप सोचते हो वैसा हो जाए ये संभव नहीं।पूनिया को कांस्य से संतोष करना पड़ा। बावजूद इसके देशवासियों ने उनके कांस्य को स्वर्ण के बराबर का सम्मान दिया। बजरंग आज हर एक भारतीय के लिए रोल मॅाडल है।
योगेश्वर ने बजरंग को अर्श से फर्श पर पहुंचाया
योगेश्वर दत्त ने खुद बजरंग पूनिया पर रात दिन मेहनत की और उन्हें इस काबिल बनाया कि वो मेडल जीत पाएं। बजरंग के खान-पान से लेकर हर चीजों का उन्होंने विशेष रूप से ध्यान दिया। एक समय ऐसा था। जब योगेश्वर अपने पहलवान को मोबाइल तक नहीं इस्तेमाल करने देते थे।
पिता रह चुके हैं पहलवान
बजरंग के पिता बलवन सिंह पूनिया खुद पहलवान रह चुके हैं। सिंह साहब खुद एक पहलवान रह चुके हैं। शुरूआती दिनों में आर्थिक रूप से मजबूत ना होने के कारण बजरंग को भी उन्होंने कुश्ती जैसे खेल के लिए प्रेरित किया। शुरूआत में बजरंग और उनका परिवार झज्जर में रहता था। लेकिन भारतीय खेल प्रधिकरण का सेंटर सोनीपत में था। जिसके वजह से परिवार को सोनीपत का रूख करना पड़ा।
2020 में बजरंग का विवाह हुआ
2020 में बजरंग पूनिया का विवाह संगीता फोगाट संग हुआ। संगीता, महावीर फोगाट की पुत्री हैं। महावीर साहब की 4 बेटिया हैें। गीता,बबिता,रीतू और सबसे छोटी संगीता। इन्हें बहनों के नाम पर दंगल नाम की फिल्म भी बन चुकी है। संगीता खुद एक पहलवान हैं। बजरंग को ओलंपिक पदक जीताने में संगीता का भी अहम योगदान रहा है। टोक्यो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता खुद इस बात को कई हस्ताक्षर में कह चुके हैं।